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*जान पड़ता है यह [[गया]] के निकट बहने वाली फल्गु नदी है जहाँ पितरों का [[श्राद्ध]] किया जाता है।  
*जान पड़ता है यह [[गया]] के निकट बहने वाली फल्गु नदी है जहाँ पितरों का [[श्राद्ध]] किया जाता है।  
*कर्णदा नदी का नाम [[महाभारत]] के [[कर्ण]] से संबंधित जान पड़ता है।  
*कर्णदा नदी का नाम [[महाभारत]] के [[कर्ण]] से संबंधित जान पड़ता है।  
*यह तथ्य उल्लेखनीय है कि कीकट देश को प्राचीन [[पुराण|पुराणों]] की परंपरा में अपवित्र देश बताया गया है जिसका कारण इस देश में बौद्ध-मत का आधिपत्य रहा होगा, किंतु कालांतर में गया में पुन: हिंदूधर्म की सत्ता स्थापित होने पर इसे तथा यहाँ बहने वाली नदी को पवित्र समझा जाने लगा।  
*यह तथ्य उल्लेखनीय है कि कीकट देश को प्राचीन [[पुराण|पुराणों]] की परंपरा में अपवित्र देश बताया गया है जिसका कारण इस देश में बौद्ध-मत का आधिपत्य रहा होगा, किंतु कालांतर में गया में पुन: हिन्दूधर्म की सत्ता स्थापित होने पर इसे तथा यहाँ बहने वाली नदी को पवित्र समझा जाने लगा।  


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09:54, 24 अप्रैल 2011 का अवतरण

  • बृहद्धर्मपुराण में वर्णित कीकट देश (मगध) की एक नदी जिसे पवित्र माना गया है।[1]
  • जान पड़ता है यह गया के निकट बहने वाली फल्गु नदी है जहाँ पितरों का श्राद्ध किया जाता है।
  • कर्णदा नदी का नाम महाभारत के कर्ण से संबंधित जान पड़ता है।
  • यह तथ्य उल्लेखनीय है कि कीकट देश को प्राचीन पुराणों की परंपरा में अपवित्र देश बताया गया है जिसका कारण इस देश में बौद्ध-मत का आधिपत्य रहा होगा, किंतु कालांतर में गया में पुन: हिन्दूधर्म की सत्ता स्थापित होने पर इसे तथा यहाँ बहने वाली नदी को पवित्र समझा जाने लगा।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 'तत्र देशे गया नाम पुण्यदेशोस्ति विश्रुत: नदी च कर्णदा नाम पितृणां स्वर्ग-दायिनी'

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