"वहीदा रहमान": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{tocright}} चाहे वह फ़िल्म बीस साल बाद की अल्हड़ लड़की का रो...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{tocright}}
{{tocright}}
चाहे वह फ़िल्म बीस साल बाद की अल्हड़ लड़की का रोल हो या फिर फ़िल्म खामोशी की गंभीर नर्स का, सभी रोल को उत्तमता से निभा लेने की बड़ी अच्छी योग्यता है वहीदा रहमान में। वहीदा रहमान का जन्म [[1936]] में [[हैदराबाद]] के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था।
वहीदा रहमान एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है (जन्म- [[14 मई]] [[1936]]) जो बॉलीवुड फ़िल्मों में दिखाई देती है। यह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, प्यासा, चौदहवीं का चाँद, काग़ज के फूल, साहिब बीबी और गुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं।
==जन्म==
वहीदा रहमान का जन्म [[14 मई]] [[1936]] में [[हैदराबाद]] के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था।  
==अभिनय की प्रेरणा==
==अभिनय की प्रेरणा==
डाक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह यथोचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। भारतनाट्यम् में प्रवीन वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली। सन् [[1955]] में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फ़िल्मों में काम करने अवसर मिल गया।  
डाक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह यथोचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। भारतनाट्यम् में प्रवीन वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली। सन् [[1955]] में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फ़िल्मों में काम करने अवसर मिल गया।  
पंक्ति 6: पंक्ति 8:
फ़िल्म सी.आई.डी. ([[1956]]) में खलनायिका का रोल दे कर गुरु दत्त वहीदा को बंबई (वर्तमान [[मुंबई]]) ले आये। सी.आई.डी. की सफलता के बाद फ़िल्म प्यासा ([[1957]]) में वहीदा रहमान को हीरोइन का रोल मिला। फ़िल्म प्यासा से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान का विफल प्रेम प्रसंग का आरंभ हुआ। गुरु दत्त एवं वहीदा रहमान अभिनीत फ़िल्म काग़ज के फूल ([[1959]]) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी। दोनों ही कलाकारों ने फ़िल्म चौदहवीं का चाँद ([[1960]]) और साहिब बीबी और गुलाम ([[1962]]) में साथ-साथ काम किया।<ref>{{cite web |url=http://agoodplace4all.com/?p=3492 |title=वहीदा रहमान – एक परिपक्व अभिनेत्री |accessmonthday=[[3 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=पी.एच.पी |publisher=हिन्दी वेबसाइट |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
फ़िल्म सी.आई.डी. ([[1956]]) में खलनायिका का रोल दे कर गुरु दत्त वहीदा को बंबई (वर्तमान [[मुंबई]]) ले आये। सी.आई.डी. की सफलता के बाद फ़िल्म प्यासा ([[1957]]) में वहीदा रहमान को हीरोइन का रोल मिला। फ़िल्म प्यासा से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान का विफल प्रेम प्रसंग का आरंभ हुआ। गुरु दत्त एवं वहीदा रहमान अभिनीत फ़िल्म काग़ज के फूल ([[1959]]) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी। दोनों ही कलाकारों ने फ़िल्म चौदहवीं का चाँद ([[1960]]) और साहिब बीबी और गुलाम ([[1962]]) में साथ-साथ काम किया।<ref>{{cite web |url=http://agoodplace4all.com/?p=3492 |title=वहीदा रहमान – एक परिपक्व अभिनेत्री |accessmonthday=[[3 मई]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=पी.एच.पी |publisher=हिन्दी वेबसाइट |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
==विवाह==  
==विवाह==  
सन् [[1963]] में गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच अनबन हो गया और उनके बीच दूरी बढ़ गई। सन् [[1964]] में गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली। वहीदा रहमान ने [[27 अप्रैल]] [[1974]] को कमलजीत सिंह, जो कि फ़िल्म शगुन ([[1964]]) में उनके साथ हीरो थे, से विवाह कर लिया।
सन् [[1963]] में गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच अनबन हो गयी और उनके बीच दूरी बढ़ गई। सन् [[1964]] में गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली। वहीदा रहमान ने [[27 अप्रैल]] [[1974]] को कमलजीत सिंह, जो कि फ़िल्म शगुन ([[1964]]) में उनके साथ हीरो थे, से विवाह कर लिया।
==पुरस्कार==  
==पुरस्कार==  
;नागरिक सम्मान  
;नागरिक सम्मान  

09:25, 3 मई 2011 का अवतरण

वहीदा रहमान एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री है (जन्म- 14 मई 1936) जो बॉलीवुड फ़िल्मों में दिखाई देती है। यह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक हैं। गाइड, प्यासा, चौदहवीं का चाँद, काग़ज के फूल, साहिब बीबी और गुलाम, तीसरी कसम आदि वहीदा रहमान की उल्लेखनीय फ़िल्में हैं।

जन्म

वहीदा रहमान का जन्म 14 मई 1936 में हैदराबाद के एक परंपरागत मुस्लिम परिवार में हुआ था।

अभिनय की प्रेरणा

डाक्टर बनने का सपना संजो रखा था वहीदा रहमान ने पर किस्मत को ये मंजूर न था, फेफड़ों में इंफेक्शन की वजह से वह यथोचित शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। भारतनाट्यम् में प्रवीन वहीदा रहमान को अपने अभिभावकों से अभिनय की प्रेरणा मिली। सन् 1955 में उन्हें एक के बाद एक करके दो तेलुगू फ़िल्मों में काम करने अवसर मिल गया।

सफलता

फ़िल्म सी.आई.डी. (1956) में खलनायिका का रोल दे कर गुरु दत्त वहीदा को बंबई (वर्तमान मुंबई) ले आये। सी.आई.डी. की सफलता के बाद फ़िल्म प्यासा (1957) में वहीदा रहमान को हीरोइन का रोल मिला। फ़िल्म प्यासा से ही गुरु दत्त और वहीदा रहमान का विफल प्रेम प्रसंग का आरंभ हुआ। गुरु दत्त एवं वहीदा रहमान अभिनीत फ़िल्म काग़ज के फूल (1959) की असफल प्रेम कथा उन दोनों की स्वयं के जीवन पर आधारित थी। दोनों ही कलाकारों ने फ़िल्म चौदहवीं का चाँद (1960) और साहिब बीबी और गुलाम (1962) में साथ-साथ काम किया।[1]

विवाह

सन् 1963 में गुरु दत्त और वहीदा रहमान के बीच अनबन हो गयी और उनके बीच दूरी बढ़ गई। सन् 1964 में गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली। वहीदा रहमान ने 27 अप्रैल 1974 को कमलजीत सिंह, जो कि फ़िल्म शगुन (1964) में उनके साथ हीरो थे, से विवाह कर लिया।

पुरस्कार

नागरिक सम्मान

भारत के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्म भूषण के लिए नामित किए जाने पर बॉलीवुड की सदाबहार अभिनेत्री वहीदा रहमान ने सिनेमा उद्योग में और काम करने की उम्मीद जाहिर की है।

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
  • 1966 - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - गाइड
  • 1967 - बंगाल फ़िल्मी पत्रकार संघ पुरस्कार - तीसरी कसम
  • 1968 - फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - नीलकमल
  • 1971 - राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - रेशमा और शेरा
अन्य
  • 1994 - फ़िल्म फ़ेयर लाइफ़टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड
  • 2006 - एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वहीदा रहमान – एक परिपक्व अभिनेत्री (हिन्दी) (पी.एच.पी) हिन्दी वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 3 मई, 2011