"बंसीलाल": अवतरणों में अंतर
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'''चौधरी बंसीलाल''' (जन्म- [[26 अगस्त]], [[1927]]; मृत्यु- [[28 मार्च]], [[2006]]) [[हरियाणा]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] और स्वतन्त्रता सेनानी भी थे। बंसीलाल का जन्म हरियाणा के भिवानी जिले में एक तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। | '''चौधरी बंसीलाल''' (जन्म- [[26 अगस्त]], [[1927]]; मृत्यु- [[28 मार्च]], [[2006]]) [[हरियाणा]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] और स्वतन्त्रता सेनानी भी थे। बंसीलाल का जन्म हरियाणा के भिवानी जिले में एक तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था।<ref name="चरित कोश">{{cite book | last =लीलाधर | first =शर्मा | title =भारतीय चरित कोश | edition = | publisher =शिक्षा भारती | location =भारतडिस्कवरी पुस्तकालय | language =[[हिन्दी]] | pages =506 | chapter = }}</ref> | ||
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[[भिवानी]] में वकालत करते हुए बंसीलाल पिछड़े हुए किसानों के नेता बन गए। बंसीलाल ने कांग्रेस की अनेक स्थानीय समितियों में भी स्थान बना लिया। [[1960]] में वे [[राज्यसभा]] के सदस्य चुने गए। इस प्रकार उन्हें केन्द्रीय स्तर के नेताओं के सम्पर्क में आने का अवसर मिला। राज्यसभा की सदस्यता का कार्यकाल पूरा होने पर वे हरियाणा की राजनीति में वापस आ गए और [[1967]] से [[1975]] तक विधान सभा के सदस्य रहे। | [[भिवानी]] में वकालत करते हुए बंसीलाल पिछड़े हुए किसानों के नेता बन गए। बंसीलाल ने कांग्रेस की अनेक स्थानीय समितियों में भी स्थान बना लिया। [[1960]] में वे [[राज्यसभा]] के सदस्य चुने गए। इस प्रकार उन्हें केन्द्रीय स्तर के नेताओं के सम्पर्क में आने का अवसर मिला। राज्यसभा की सदस्यता का कार्यकाल पूरा होने पर वे हरियाणा की राजनीति में वापस आ गए और [[1967]] से [[1975]] तक विधान सभा के सदस्य रहे।<ref name="चरित कोश" /> | ||
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*[[1968]] में वे हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और [[1975]] तक रहने के बाद [[इंदिरा गांधी]] ने उन्हें रक्षामंत्री बना दिया। | *[[1968]] में वे हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और [[1975]] तक रहने के बाद [[इंदिरा गांधी]] ने उन्हें रक्षामंत्री बना दिया।<ref name="चरित कोश" /> | ||
*बंसीलाल [[31 मई]] [[1968]] को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और [[13 मार्च]], [[1972]] तक पद पर रहे। | *बंसीलाल [[31 मई]] [[1968]] को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और [[13 मार्च]], [[1972]] तक पद पर रहे। | ||
*बंसीलाल को [[14 मार्च]] [[1972]] को दूसरी बार राज्य में शीर्ष पद दिया और [[30 नवंबर]], [[1975]] तक पद पर बने रहे। | *बंसीलाल को [[14 मार्च]] [[1972]] को दूसरी बार राज्य में शीर्ष पद दिया और [[30 नवंबर]], [[1975]] तक पद पर बने रहे। | ||
*बंसीलाल [[5 जून]], [[1986]] से [[19 जून]], [[1987]] तक [[11 मई]], [[1996]] से [[23 जुलाई]], [[1999]] तक तीसरी और चौथी बार मुख्यमंत्री नियुक्त किये गया थे। | *बंसीलाल [[5 जून]], [[1986]] से [[19 जून]], [[1987]] तक [[11 मई]], [[1996]] से [[23 जुलाई]], [[1999]] तक तीसरी और चौथी बार मुख्यमंत्री नियुक्त किये गया थे। | ||
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11:50, 4 मई 2011 का अवतरण
चौधरी बंसीलाल (जन्म- 26 अगस्त, 1927; मृत्यु- 28 मार्च, 2006) हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतन्त्रता सेनानी भी थे। बंसीलाल का जन्म हरियाणा के भिवानी जिले में एक तत्कालीन लोहारू रियासत में एक सम्पन्न परिवार में हुआ था।[1]
शिक्षा
बंसीलाल के पिता बच्चों की अधिक शिक्षा के पक्ष में नहीं थे। इसीलिए थोड़ी आरम्भिक शिक्षा के बाद 14 वर्ष की उम्र में ही बंसीलाल को अनाज के व्यापार में जोत दिया गया। पिता की अनुमति न मिलने पर भी बंसीलाल ने अध्ययन जारी रखा और 1952 तक प्राइवेट परीक्षाएँ देते हुए बी.ए. पास कर लिया। फिर उन्होंने 1956 में पंजाब विश्वविद्यालय से क़ानून की डिग्री ले ली।[1]
राजनीतिक जीवन
भिवानी में वकालत करते हुए बंसीलाल पिछड़े हुए किसानों के नेता बन गए। बंसीलाल ने कांग्रेस की अनेक स्थानीय समितियों में भी स्थान बना लिया। 1960 में वे राज्यसभा के सदस्य चुने गए। इस प्रकार उन्हें केन्द्रीय स्तर के नेताओं के सम्पर्क में आने का अवसर मिला। राज्यसभा की सदस्यता का कार्यकाल पूरा होने पर वे हरियाणा की राजनीति में वापस आ गए और 1967 से 1975 तक विधान सभा के सदस्य रहे।[1]
- मुख्यमंत्री
- 1968 में वे हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और 1975 तक रहने के बाद इंदिरा गांधी ने उन्हें रक्षामंत्री बना दिया।[1]
- बंसीलाल 31 मई 1968 को पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने और 13 मार्च, 1972 तक पद पर रहे।
- बंसीलाल को 14 मार्च 1972 को दूसरी बार राज्य में शीर्ष पद दिया और 30 नवंबर, 1975 तक पद पर बने रहे।
- बंसीलाल 5 जून, 1986 से 19 जून, 1987 तक 11 मई, 1996 से 23 जुलाई, 1999 तक तीसरी और चौथी बार मुख्यमंत्री नियुक्त किये गया थे।
1977 ई. के चुनाव में जनता पार्टी की विजय के बाद चुनाव में हारे बंसीलाल पर सौ से अधिक आरोप लगाकर उनकी जाँच अनेक कमीशनों को सौंपी गई। पर कुछ सिद्ध नहीं किया जा सका और 1980 के चुनावों में कांग्रेस की विजय के बाद सब जाँच समाप्त हो गईं। अपने मुख्यमंत्रित्व में बंसीलाल ने हरियाणा में कृषि, सिंचाई, विद्युत, शिक्षा, स्वास्थ्य और यातायात के क्षेत्र में इतना काम किया कि, उससे हरियाणा उन्नति के मार्ग में कई क़दम आगे बढ़ गया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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