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| {{बहुविकल्पी|बंगाल}}
| | #REDIRECT[[बंगाल]] |
| {{सूचना बक्सा राज्य
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| |Image=West-Bengal-Map.jpg
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| |राजधानी=[[कोलकाता]]
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| |जनसंख्या=80176197
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| |जनसंख्या घनत्व=903
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| |क्षेत्रफल=88752
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| |भौगोलिक निर्देशांक=22.5697°N 88.3697°E
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| |ज़िले=19
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| |राजभाषा(एँ)=[[बांग्ला भाषा]], [[हिन्दी भाषा]], [[अंग्रेज़ी भाषा]]
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| |स्थापना=1960/05/01
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| |लिंग अनुपात=1000:934
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| |साक्षरता=68.64
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| |स्त्री=59.61
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| |पुरुष=77.20
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| |मुख्यमंत्री=[[बुद्धदेव भट्टाचार्य]]
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| |बाहरी कड़ियाँ=[http://www.wbgov.com/portal/banglarMukh/Home?&in.gov.wb.portal.MENU_ID_PARAMETER=1 अधिकारिक वेबसाइट]
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| |अद्यतन={{अद्यतन|15:51, 20 जून2010 (IST)}}
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| |emblem=West-Bengal-Seal.gif
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| }}
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| *पश्चिम बंगाल की स्थापना 1 मई, 1960 को हुई।
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| *पश्चिम बंगाल की राजधानी [[कोलकाता]] है।
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| *[[क्रिकेट]] तथा फुटबॉल यहाँ के लोकप्रियतम खेलों में से हैं ।
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| *मोहन बगान एवं ईस्ट बंगाल जैसी टीम इसी प्रदेश से हैं ।
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| *नृत्य, संगीत तथा चलचित्रों की यहाँ लम्बी तथा सुव्यवस्थित परम्परा रही है
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| *बंकिम चंद्र, भूदेव मुखोपाध्याय और स्वामी विवेकानंद जैसे मौलिक समाजिक चिंतकों की भूमि है।
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| *पश्चिम बंगाल में [[भादू]] बाग्दी नाम की एक वनवासी जाति पायी जाती है।
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| ==इतिहास और भूगोल==
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| [[भारत]] के प्रागैतिहासिक काल के इतिहास में बंगाल का विशिष्ट स्थान है। [[सिकंदर]] के आक्रमण के समय बंगाल में 'गंगारिदयी' नामक साम्राज्य था। गुप्त तथा मौर्य सम्राटों का बंगाल पर विशेष प्रभाव नहीं पडा। बाद में 'शशांक' बंगाल प्रदेश का नरेश बना। ऐसा कहा जाता है कि उसने सातवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में उत्तर-पूर्वी भारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके बाद 'गोपाल' ने सत्ता संभाली और [[पाल वंश|पाल राजवंश]] की स्थापना की। पाल शासकों ने विशाल साम्राज्य का निर्माण किया और लगभग चार शताब्दियों तक राज्य किया। पाल शासकों के बाद बंगाल पर [[सेन वंश|सेन राजवंश]] का अधिकार हुआ, जिन्हें बाद में [[दिल्ली]] के मुस्लिम शासकों ने परास्त किया। सोलहवीं शताब्दी में [[मुग़ल काल]] से पहले ही बंगाल पर अनेक मुस्लिम राजाओं और सुल्तानों ने शासन किया। [[इख़्तियारुद्दीन मुहम्मद]] बंगाल का पहला मुसलमान विजेता था।
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| [[चित्र:Victoria-Memorial-Kolkata-4.jpg|thumb|250px|left|[[विक्टोरिया मेमोरियल कोलकाता|विक्टोरिया मेमोरियल]], [[कोलकाता]] <br />Victoria Memorial, Kolkata]]
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| [[मुग़ल|मुग़लों]] के पश्चात आधुनिक बंगाल का इतिहास यूरोपीय तथा अंग्रेज़ी व्यापारिक कंपनियों के आगमन से आरंभ होता है। सन 1757 में [[प्लासी युद्ध|प्लासी का युद्ध]] ने इतिहास की धारा को मोड़ दिया जब अंग्रेज़ों ने पहली बार बंगाल और भारत में अपने पांव जमाए। सन [[1905]] में राजनीतिक लाभ के लिए अंग्रेज़ों ने बंगाल का विभाजन कर दिया लेकिन [[कांग्रेस]] के नेतृत्व में लोगों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखते हुए [[1911]] में बंगाल को फिर से एक कर दिया गया। इससे स्वतंत्रता आंदोलन की ज्वाला और तेजी से भड़क उठी, जिसका पटाक्षेप [[1947]] में देश की आज़ादी और विभाजन के साथ हुआ।
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| 1947 के बाद देशी रियासतों के विलय का काम प्रारम्भ हुआ और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, [[1956]] की सिफारिशों के अनुसार पड़ोसी राज्यों के कुछ बांग्लाभाषी क्षेत्रों का पश्चिम बंगाल में विलय कर दिया गया।
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| पश्चिम बंगाल राज्य के पूर्व में [[बांग्लादेश]], पश्चिम में [[नेपाल]], उत्तर-पूर्व में [[भूटान]], उत्तर में [[सिक्किम]], पश्चिम में [[बिहार]], [[झारखंड]], दक्षिण-पश्चिम में [[उड़ीसा]] तथा दक्षिण में [[बंगाल की खाड़ी]] है।
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| ==क्षेत्रफल==
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| पश्चिम बंगाल का क्षेत्रफल 88,752 वर्ग किलोमीटर है।
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| ==जनसंख्या==
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| [[2001]] की जनगणना के अनुसार पश्चिम बंगाल की जनसंख्या 80,176,197 है।
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| ==भाषा==
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| {{राज्य मानचित्र|float=right}}
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| पश्चिम बंगाल की मुख्य भाषा [[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] है। [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] और [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]] भाषा भी बोली और समझी जाती हैं।
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| ==खानपान==
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| *पश्चिम बंगाल के लोग [[मछली]]-भात बहुत पसंद करते हैं ।
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| *पश्चिम बंगाल मिठाईयों के लिये प्रसिद्ध है। रसगुल्ले का आविष्कार भी यहीं हुआ था ।
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| ==जलवायु==
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| *पश्चिम बंगाल में उष्णकटिबंधीय आर्द्र शुष्क जलवायु रहती है। वार्षिक औसत तापमान 26.8° से. रहता है।
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| *ग्रीष्म ऋतु गर्म एवं आर्द्र रहती है, जिसमें न्यूनतम तापमान 30 डिग्री लगभग रहता है। मई और जून माह में यह 40° को भी पार कर जाता है।
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| *शीत ऋतु में न्यूनतम [[तापमान]] 12° से. तक हो जाता है। दिसंबर से फ़रवरी के बीच यह तापमान रहता है।
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| *ग्रीष्मकाल के आरंभ में धूल भरी आंधियां आती हैं और उसके बाद बारिश होती है जो भीषण गरमी से राहत दिलाती है।
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| *मानसून में अधिकतम वर्षा अगस्त में होती हैं ।
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| *कोलकाता की प्रधान समस्या प्रदूषण है। यहाँ का सस्पेन्डेड पर्टिकुलेट मैटर (Suspended Particulate Matter) स्तर भारत के अन्य प्रधान शहरों की अपेक्षा बहुत अधिक है जो धुंध का कारण बनता है।
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| ==कृषि==
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| राज्य की आर्थिक व्यवस्था में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य के चार में से तीन व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि कार्यों में लगे हैं। वर्ष [[2006]]-07 में राज्य में कुल खाद्य उत्पादन 15820 हज़ार टन था जिसमें से चावल का उत्पादन 14745.9 हज़ार टन, [[गेहूँ]] और दलहनों का उत्पादन क्रमश: 799.9 हज़ार टन और 154.4 हज़ार टन रहा। इसी अवधि में तिलहनों का उत्पादन 645.4 हज़ार टन और आलू का 5052 हज़ार टन हुआ। 2006-07 में पटसन का उत्पादन 8411.5 हज़ार गांठें रहा। पटसन, कपास और [[काग़ज़]] की मिलों का प्रमुख केंद [[भाटपारा]] है।
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| [[चित्र:Lepcha-Peoples.jpg|thumb|250px|left|[[लेप्चा]] प्रजाति के लोग, [[दार्जिलिंग]], पश्चिम बंगाल]]
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| ==सुन्दरवन==
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| *[[सुंदरवन]], [[भारत]] तथा [[बांग्लादेश]] में स्थित विश्व का सबसे बड़ा नदी डेल्टा है ।
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| *यहाँ के नरभक्षी बाघ 'बंगाल टाइगर' के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध हैं
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| *पूर्ण सुन्दरवन 102 द्वीपों का समूह हैं जिसमें 48 द्वीपों पर बस्ती है।
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| *यह लगभग 9630 वर्ग किलो मीटर क्षेत्रफल तक फैला हुआ हैं ।
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| *लगभग 40 लाख लोग सुन्दरवन में रहते हैं ।
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| *यहाँ अधिकतर लोग 60 से 120 वर्ष पहले आ कर बसे हैं ।
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| *यह लोग पूर्णतयः वनों से मिलने वाले साधनों पर आश्रित हैं । इन लोगों की जीविका- खेती बाडी, मत्स्य पालन, लकड़ी और शहद संग्रहण है।
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| ==उद्योग==
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| [[चित्र:Hooghli-River-Kolkata.jpg|thumb|250px|[[हुगली नदी]], [[कोलकाता]]<br />Hooghli River, Kolkata]]
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| वर्ष 2007 में, उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 3677.51 करोड़ रुपए की निवेश वाली 96 परियोजनाएं शुरू की गईं। इसके अतिरिक्त हलदिया पेट्रो केमिकल्स की 34 अधोगामी परियोजनाओं में 160.15 करोड़ रु. का निवेश किया गया है और इस प्रकार कुल निवेश 3837.66 करोड़ रु. हो गया है। यह अपेक्षित है कि 150 यूनिट की कुल संख्या के साथ 4014.84 करोड़ रु. का कुल निवेश 2007 के अंत तक राज्य में कार्यान्वित किया जाएगा और कार्यान्वित परियोजनाओं की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।
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| पश्चिम बंगाल राज्य में 2007 के दौरान कार्यान्वित सबसे महत्वपूर्ण परियोजना
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| *जय बालाजी इंडस्ट्री लि. द्वारा 153.73 करोड़ रु. की केप्टिव विद्युत संयंत्र परियोजना है जो समेकित इस्पात संयंत्र है।
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| *हुगली मेट कोप और विद्युत कंपनी लि., 140 करोड़ रु. की लागत से मैट नर्जिकल कोक एण्ड पावर प्लांट,
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| *अम्बुजा सीमेंट लि.,
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| *165 करोड़ रु. की विशाल विस्तार परियोजना, फरक्का, मुर्शिदाबाद और आई.ओ.सी.एल. 154.36 करोड़ रु. वाली विस्तार परियोजना पूर्वी मेदिनीपुर में की जानी है। छोटे इस्पात संयंत्र, स्पंज आयरन, ढ़लाई वाला पिग आयरन आदि में भारी निवेश किया गया है।
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| *बिजली की आसानी से उपलब्धता, मालभाड़ा साम्यता को हटाने, उद्योग के लिए प्राकृतिक संसाधनों के पास स्थित होने तथा श्रमिक बल के पारंपरिक रूप से लौह और इस्पात इकाइयों में दक्षता पाए जाने के कारण इस क्षेत्र के निवेश में वृद्धि हुई है। हाल के वर्षों में सीमेंट उद्योग में निवेश भी बढ़ गया है।
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| *जनवरी से अगस्त 2007 के दौरान 34 हलदिया पेट्रो केमिकल्स लि. अधोगामी इकाइयों में 160.15 करोड़ रु. का निवेश किया गया है। ये इकाइयां अधिकांशत: निर्माण प्लास्टिक मदों में संलग्न हैं जैसे- बाल्टियां पात्र, मोल्डीड फर्नीचर, बैटरी के पात्र, नायलॉन की जालियां, घरेलू सामान आदि।
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| [[चित्र:Shyam-Rai-Temple-Bishnupur.jpg|thumb|250px|left|[[श्याम राय मंदिर विष्णुपुर|श्याम राय मंदिर]], [[विष्णुपुर]]<br />Shyam Rai Temple, Bishnupur]]
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| पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने ऑटो मोबाइल क्षेत्र में भी सशक्त अवसर दे रखे हैं। इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए विशिष्ट नीतिगत कार्यक्रमों को लागू किया गया है।
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| पश्चिम बंगाल में किए गए कुल निवेश में से अधिकतम निवेश इस्पात और विद्युत क्षेत्र में होगा। राज्य में उच्च सम्भावना निवेशक सेल ने कुलटी, बनपुर और दुर्गापुर में इस्पात उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए 20,000 करोड़ रु. के निवेश की योजना घोषित की है। इसके बाद एल एण्ड टी पावर डेवलपमेंट का स्थान है, जिसमें विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए हलदिया में 20,000 करोड़ रु. की योजना बनाई है।
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| राज्य सरकार ने औद्योगिक निवेश द्वारा तीव्र आर्थिक विकास की आवश्यता को पहचाना है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश और इस क्षेत्र में राष्ट्रीय वृद्धि 30 प्रतिशत की तुलना में निर्यात की वृद्धि में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। [[कोलकाता]] में लगभग 45000 व्यावसायिकों को शामिल करते हुए 250 सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं की कंपनियां कार्यरत थीं। सॉल्ट लेक के सेक्टर 5 में सूचना प्रौद्योगिकी केन्द्र भारत का प्रथमपूर्णत: समेकित इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स है जो हवाई अड्डे के पास प्रदूषण मुक्त 150 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
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| ==बिजली और सिंचाई==
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| [[चित्र:High-Court-Kolkata.jpg|thumb|250px|[[कलकत्ता उच्च न्यायालय]], [[कोलकाता]]<br />High Court, Kolkata]]
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| राज्य में बड़ी एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। राज्य में इस समय 'तीस्त बैराज परियोजना' और 'सुवर्णरेखा बैराज परियोजना' पर काम चल रहा है। इसके कारण दसवीं परियोजना में 51.475 हज़ार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता प्राप्त की जा सकी। 11वीं योजना का लक्ष्य 210 हज़ार हेक्टेयर सिंचाई का सृजन करना है। कुल 1,38,520 हेक्टेयर की संचित सिंचाई 2006-07 तक तिस्ता बैराज परियोजना में बनाई गई है जो 5,27,000 हेक्टेयर है। 'सुबाम रेखा बैराज परियोजना में ख़रीफ की 99248 हेक्टेयर तथा रबी की 30,766 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की पूर्वी और पश्चिमी मैदनीपुर ज़िलों में योजना है।
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| पुरुलिया ज़िले में मध्यम 32 सिंचाई योजनाओं में से 25 सिंचाई योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। राज्य में अंतिम लघु सिंचाई 44.34 लाख हेक्टेयर आंकी गई है, जिसमें से 31.34 लाख हेक्टेयर भूमि भूजल संसाधनों तथा 13.00 लाख हेक्टेयर भूमि सतही जल संसाधनों से संचित की जानी है। वर्ष 2006-07 तक 38.64 लाख हेक्टेयर लघु सिंचाई की योजना बनायी गयी है, जिसमें से 81.96 प्रतिशत का उपयोग वर्ष के अंतर्गत 31.67 लाख हेक्टेयर में किया जा सकेगा।
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| पश्चिम बंगाल में इस समय 'पश्चिम बंगाल [[विद्युत]] विकास निगम लिमिटेड', 'पश्चिम बंगाल राज्य बिजली बोर्ड', 'कोलकाता विद्युत आपूर्ति निगम', 'दुर्गापुर परियोजना लि.', 'दिशेरगढ़ विद्युत आपूर्ति निगम' इत्यादि द्वारा बिजली का उत्पादन किया जाता है। वर्ष 2007-08 के दौरान राज्य में (अप्रॅल से नवम्बर) तक कुल 21926.2 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया। वर्ष 2007-08 के अंतर्गत (नवंबर 2007 तक) कुल 36,944 मौजों का विद्युतीकरण किया गया एवं 1,14,516 पंप सेट चलायि गये।
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| ==परिवहन==
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| '''सडकें''' 31 मार्च 2002 को राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 91,970 किलोमीटर थी जिसमें 1,898 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल थे। सड़कों की लंबाई इस प्रकार है :
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| #प्रांतीय राजमार्ग - 3533 किलोमीटर, | |
| #लोक निर्माण विभाग सड़कें - 12565 कि.मी. और
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| #ज़िला सड़कें - 42,479 कि.मी.।
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| [[चित्र:Paschim-Bengal-Map.jpg|thumb|250px|left|पश्चिम बंगाल का मानचित्र]] | |
| '''रेलवे'''
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| *वर्ष 2005-06 में राज्य में कुल 4499.82 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग थे।
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| *राज्य के प्रमुख रेलवे जंक्शन हैं : [[हावड़ा]], [[आसनसोल]], [[सियालदह]], बंडिल, [[वर्दमान]], [[खड़गपुर]] तथा [[जलपाईगुडी]]।
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| *विश्व का सबसे लम्बा रेलवे स्टेशन खड़गपुर में स्थित है, जिसकी लम्बाई 833 मी है।
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| '''वायुमार्ग'''
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| *कोलकाता वायुसेवा के माध्यम से [[बैंगलोर]], [[मुंबई]], [[दिल्ली]], [[चेन्नई]] सहित सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
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| ==त्योहार==
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| [[चित्र:Bengali-Food.jpg|thumb|250px|बंगाली भोजन <br />Bangali Food]]
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| दुर्गा पूजा सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है इसके अतिरिक्त [[काली]] पूजा, [[सरस्वती]] पूजा, दीपावली। [[बसंत पंचमी]], लक्ष्मी पूजा, [[होली]], [[शिवरात्रि]], [[कृष्ण जन्माष्टमी|जन्माष्टमी]], [[ईद उल फ़ितर|ईद]], क्रिसमस आदि त्योहार भी मनाये जाते हैं। बंगाल में आयोजित होने वाले मेलों में गंगासागर मेला, केंदोली मेला, जालपेश मेला, राश मेला तथा पौष मेला प्रमुख हैं।
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| ==पर्यटन स्थल==
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| ;<u>हावड़ा</u>
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| पश्चिम बंगाल का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। पर्यटक स्थलों में हावड़ा ब्रिज पर्यटकों को आकर्षित करता है। हावड़ा ब्रिज के अतिरिक्त पर्यटक यहाँ पर हावड़ा स्टेशन, महान बरगद का पेड़, बेलूर मठ, गारचूमुक, पानीतरास-सम्ताबेर और विद्यासागर सेतु आदि देख सकते हैं, जो बहुत ख़ूबसूरत हैं। यह अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है।
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| ;<u>जलपाईगुडी</u>
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| नदियों और पहाड़ियों से घिरा जलपाईगुडी पश्चिम बंगाल में है। यहाँ पर [[चाय]] के बागानों और जंगल बहुत सुंदर हैं। यहाँ रहने वाले निवासी बड़े मिलनसार और हंसमुख हैं। वह जलपाईगुड़ी में आने वाले पर्यटकों का स्वागत बड़े आदर और उत्साह के साथ करते हैं।
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| [[चित्र:Kali-Temple-Kolkata.jpg|thumb|250px|left|[[दक्षिणेश्वर मंदिर कोलकाता|दक्षिणेश्वर काली मंदिर]], [[कोलकाता]]<br />Dakshnineshwar Kali Temple, Kolkata]]
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| ;<u>पुरूलिया</u>
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| पुरूलिया पश्चिम बंगाल का आभूषण नाम से जाना जाता है। यहाँ पर प्राकृतिक सुन्दरता के साथ-साथ अटचला और चारचला शैली में बने मंदिर भी प्रसिद्ध हैं। इन मन्दिरों के अतिरिक्त बगमुंडी, बिरंचीनाथ, बुद्धपुर, चार्रा और गनपुर पर्यटक स्थल हैं।
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| ;<u>वर्द्धमान</u>
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| वर्द्धमान पश्चिम बंगाल में स्थित है। धान के खेतों के अतिरिक्त यह विश्वप्रसिद्ध पर्यटक स्थलों कर्ज़न गेट, कंचननगर, एक सौ आठ शिव मन्दिर, मंकर और कल्याणोश्वरी मन्दिर के लिए जाना जाता हैं।
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| *इनके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल के महत्वपूर्ण पर्यटन केन्द्र हैं - [[कोलकाता]], [[दीघा]], [[बाक्ख़ाली सी रिजॉर्ट]], [[सागर द्वीप]] और [[सुंदरवन]], बंदेल, ताराकेश्वर, हुगली, [[शांति निकेतन]] और दार्जिलिंग, कालीमपोंग आदि।
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| {{प्रचार}}
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| {{लेख प्रगति
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| |आधार=
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| |प्रारम्भिक=
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| |माध्यमिक=माध्यमिक1
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| |पूर्णता=
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| |शोध=
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| }}
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| ==संबंधित लेख==
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| {{पश्चिम बंगाल}}
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| {{पश्चिम बंगाल के पर्यटन स्थल}}
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| {{पश्चिम बंगाल के नगर}}
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| {{राज्य और के. शा. प्र.}}
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| {{भारत गणराज्य}}
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| [[Category:भारत_के_राज्य_और_केन्द्र_शासित_प्रदेश]][[Category:राज्य_संरचना]][[Category:पश्चिम_बंगाल]]__INDEX__
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