"भारतकोश:Quotations/शुक्रवार": अवतरणों में अंतर
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*संसार में नाम और द्रव्य की महिमा कोई आज भी ठीक-ठीक नहीं जान पाया। -[[शरतचंद्र चट्टोपाध्याय]] (शेष परिचय,पृ॰31) | |||
*परंपरा को स्वीकार करने का अर्थ बंधन नहीं, अनुशासन का स्वेच्छा से वरण है। -विद्यानिवास मिश्र (परंपरा बंधन नहीं, पृ॰53) [[सूक्ति और कहावत|.... और पढ़ें]] | |||
*संसार में नाम और द्रव्य की महिमा कोई आज भी ठीक-ठीक नहीं जान पाया। - | |||
*परंपरा को स्वीकार करने का अर्थ बंधन नहीं, अनुशासन का स्वेच्छा से वरण है। - |
06:16, 11 मई 2011 का अवतरण
- संसार में नाम और द्रव्य की महिमा कोई आज भी ठीक-ठीक नहीं जान पाया। -शरतचंद्र चट्टोपाध्याय (शेष परिचय,पृ॰31)
- परंपरा को स्वीकार करने का अर्थ बंधन नहीं, अनुशासन का स्वेच्छा से वरण है। -विद्यानिवास मिश्र (परंपरा बंधन नहीं, पृ॰53) .... और पढ़ें