"साँचा:भूला-बिसरा भारत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो --- ''[[ओखली]]'' 
<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
* पहले किसान खेत में पानी लगाने के लिये प्रयोग करते थे --- ''[[ढेकली]]''
|-</noinclude>
* ऐसे ही कुछ भूली वस्तुओं के बारे में जानने के लिये देखें --- ''[[.... और पढ़ें]]''<noinclude>[[Category:भूला-बिसरा भारत के साँचे]]</noinclude>
| style="background:transparent;"|
{| style="background:transparent; width:100%"
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|समाचार
|-
| style="border:solid thin #9dc4df; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="headbg34" valign="top" |
*हमारे महान संस्कृत ग्रंथ ताड़पत्रों पर लिखे गये। क्या थे ये 'ताड़पत्र' ? [[ताड़पत्र (लेखन सामग्री)|... और पढ़ें]]
----
*'ओखली' पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो [[ओखली|... और पढ़ें]]
----
*'किमखाब' के कारीगरों की क़द्र हो न हो लेकिन उनका काम बेमिसाल हुआ करता था [[किमखाब|... और पढ़ें]]
----
*'चौंसठ कलाएँ' कभी हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग थीं। क्या थीं ये?  [[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|... और पढ़ें]]
|}<noinclude>[[Category:भूला-बिसरा भारत के साँचे]]</noinclude>

07:02, 11 मई 2011 का अवतरण

समाचार
  • हमारे महान संस्कृत ग्रंथ ताड़पत्रों पर लिखे गये। क्या थे ये 'ताड़पत्र' ? ... और पढ़ें

  • 'ओखली' पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो ... और पढ़ें

  • 'किमखाब' के कारीगरों की क़द्र हो न हो लेकिन उनका काम बेमिसाल हुआ करता था ... और पढ़ें

  • 'चौंसठ कलाएँ' कभी हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग थीं। क्या थीं ये? ... और पढ़ें