"साँचा:सूक्ति और कहावत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| सूक्ति और कहावत
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"| सूक्ति और कहावत
|-
|-
| style="border:solid thin #9dc4df; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" class="headbg34" valign="top" |
{{मुखपृष्ठ-05}}
{{project:Quotations/{{CURRENTDAYNAME}}}}
{{project:Quotations/{{CURRENTDAYNAME}}}}
|}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude>
|}<noinclude>[[Category:विशेष आलेख के साँचे]]</noinclude>

11:13, 11 मई 2011 का अवतरण

सूक्ति और कहावत
  • जिस समय जो कार्य करना उचित हो, उसे उसी समय शंकारहित होकर शीघ्र करना चाहिए, क्योंकि समय पर हुई वर्षा फ़सल की पोषक होती है, असमय की वर्षा विनाशिनी होती है। -शक्रनीति (1|286-287)
  • अनेक विद्याओं का अध्ययन करके भी जो समाज के साथ मिलकर आचरण्युक्त जीवन व्यतीत करना नहीं जानते, वे अज्ञानी ही समझे जायेंगे। - तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 140) .... और पढ़ें