"साँचा:भूला-बिसरा भारत": अवतरणों में अंतर

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*पहले बच्चों को पाठशाला के पाठ्यक्रम के रूप में सिखाया जाता था। अब शायद ही कोई जानता हो 'तकली' ?  [[तकली|... और पढ़ें]]
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*हमारे महान संस्कृत ग्रंथ ताड़पत्रों पर लिखे गये। क्या थे ये 'ताड़पत्र' ? [[ताड़पत्र (लेखन सामग्री)|... और पढ़ें]]
*हमारे महान संस्कृत ग्रंथ ताड़पत्रों पर लिखे गये। क्या थे ये 'ताड़पत्र' ? [[ताड़पत्र (लेखन सामग्री)|... और पढ़ें]]
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*'ओखली' पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो [[ओखली|... और पढ़ें]]
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*'किमखाब' के कारीगरों की क़द्र हो न हो लेकिन उनका काम बेमिसाल हुआ करता था [[किमखाब|... और पढ़ें]]
*'किमखाब' के कारीगरों की क़द्र हो न हो लेकिन उनका काम बेमिसाल हुआ करता था [[किमखाब|... और पढ़ें]]

16:34, 15 मई 2011 का अवतरण

भूला-बिसरा भारत
  • पहले बच्चों को पाठशाला के पाठ्यक्रम के रूप में सिखाया जाता था। अब शायद ही कोई जानता हो 'तकली' ? ... और पढ़ें

  • हमारे महान संस्कृत ग्रंथ ताड़पत्रों पर लिखे गये। क्या थे ये 'ताड़पत्र' ? ... और पढ़ें

  • 'किमखाब' के कारीगरों की क़द्र हो न हो लेकिन उनका काम बेमिसाल हुआ करता था ... और पढ़ें

  • 'चौंसठ कलाएँ' कभी हमारी दिनचर्या का अभिन्न अंग थीं। क्या थीं ये? ... और पढ़ें