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*तिब्बतियन रिफ्यूजी कैंप [[पश्चिम बंगाल]] राज्य के [[दार्जिलिंग]] शहर में स्थित है।  
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*तिब्‍बतियन रिफ्यूजी कैंप की स्‍थापना [[1959]] ई. में की गई थी। इससे एक वर्ष पहले [[1958]] ईं में दलाई लामा ने [[भारत]] से शरण मांगा था।  
*तिब्‍बतियन रिफ़्यूजी कैंप की स्‍थापना [[1959]] ई. में की गई थी। इससे एक वर्ष पहले [[1958]] ईं में दलाई लामा ने [[भारत]] से शरण मांगा था।  
*इसी कैंप में 13वें दलाई लामा(वर्तमान में 14 वें दलाई लामा हैं) ने [[1910]] से [[1912]] तक अपना निर्वासन का समय व्‍यतीत किया था।  
*इसी कैंप में 13वें दलाई लामा(वर्तमान में 14 वें दलाई लामा हैं) ने [[1910]] से [[1912]] तक अपना निर्वासन का समय व्‍यतीत किया था।  
*13वें दलाई लामा जिस भवन में रहते थे वह भवन आज भग्‍नावस्‍था में है।
*13वें दलाई लामा जिस भवन में रहते थे वह भवन आज भग्‍नावस्‍था में है।
==तिब्‍बतियन परिवार==
==तिब्‍बतियन परिवार==
आज यह रिफ्यूजी कैंप 650 तिब्‍बतियन परिवारों का आश्रय स्‍थल है। ये तिब्‍बतियन लोग यहाँ विभिन्‍न प्रकार के सामान बेचते हैं। इन सामानों में कारपेट, ऊनी कपड़े, लकड़ी की कलाकृतियाँ, [[धातु]] के बने खिलौन शामिल हैं। लेकिन अगर आप इस रिफ्यूजी कैंप घूमने का पूरा आनन्‍द लेना चाहते हैं तो इन सामानों को बनाने के कार्यशाला को जरुर देखें। यह कार्यशाला पर्यटकों के लिए खुली रहती है।
आज यह रिफ़्यूजी कैंप 650 तिब्‍बतियन परिवारों का आश्रय स्‍थल है। ये तिब्‍बतियन लोग यहाँ विभिन्‍न प्रकार के सामान बेचते हैं। इन सामानों में कारपेट, ऊनी कपड़े, लकड़ी की कलाकृतियाँ, [[धातु]] के बने खिलौन शामिल हैं। लेकिन अगर आप इस रिफ़्यूजी कैंप घूमने का पूरा आनन्‍द लेना चाहते हैं तो इन सामानों को बनाने के कार्यशाला को जरुर देखें। यह कार्यशाला पर्यटकों के लिए खुली रहती है।


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12:40, 19 मई 2011 का अवतरण

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  • तिब्बतियन रिफ़्यूजी कैंप पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग शहर में स्थित है।
  • तिब्‍बतियन रिफ़्यूजी कैंप की स्‍थापना 1959 ई. में की गई थी। इससे एक वर्ष पहले 1958 ईं में दलाई लामा ने भारत से शरण मांगा था।
  • इसी कैंप में 13वें दलाई लामा(वर्तमान में 14 वें दलाई लामा हैं) ने 1910 से 1912 तक अपना निर्वासन का समय व्‍यतीत किया था।
  • 13वें दलाई लामा जिस भवन में रहते थे वह भवन आज भग्‍नावस्‍था में है।

तिब्‍बतियन परिवार

आज यह रिफ़्यूजी कैंप 650 तिब्‍बतियन परिवारों का आश्रय स्‍थल है। ये तिब्‍बतियन लोग यहाँ विभिन्‍न प्रकार के सामान बेचते हैं। इन सामानों में कारपेट, ऊनी कपड़े, लकड़ी की कलाकृतियाँ, धातु के बने खिलौन शामिल हैं। लेकिन अगर आप इस रिफ़्यूजी कैंप घूमने का पूरा आनन्‍द लेना चाहते हैं तो इन सामानों को बनाने के कार्यशाला को जरुर देखें। यह कार्यशाला पर्यटकों के लिए खुली रहती है।


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