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- वीणा एक ऐसा वाद्य यंत्र है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। वीणा एक तत वाद्य है।
- प्राचीन ग्रन्थों में गायन के साथ वीणा की संगति का उल्लेख मिलता है।
- वीणा का प्राचीनतम रूप एक-तन्त्री वीणा है।
- वीणा वस्तुत: तंत्री वाद्यों का सँरचनात्मक नाम है। तंत्री या तारों के अलावा इसमें घुड़च, तरब के तार तथा सारिकाएँ होती हैं।
- प्राचीन काल में भारत के वाद्यों में वीणा मुख्य थी। इसका उल्लेख प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में भी उपलब्ध होता है।
- सरस्वती और नारद का वीणा वादन तो प्रसिद्ध है।
- यह मान्यता है की मध्यकाल में अमीर खुसरो दहलवी ने सितार की रचना वीणा और बैंजो[1] को मिलाकर किया, कुछ इसे गिटार का भी रूप बताते हैं।
- वीणा में 4 तार होते हैं और तारों की लंबाई में किसी प्रकार का विभाजन नहीं होता।
- वीणा में तारों की कंपन एक गोलाकार घड़े से तीव्रतर होती है तथा कई आवृति की ध्वनियों के मिलने से लयबद्ध ध्वनि का जनन होता है।
- वीणा के कई प्रकार विकसित हुए हैं। जैसे
- रुद्रवीणा
- विचित्र वीणा
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (जो इस्लामी सभ्यताओं में लोकप्रिय था)