"महापद्मनन्द": अवतरणों में अंतर

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08:12, 4 जून 2011 का अवतरण

  • नंदवंश का महापद्मनंद एक वीर और प्रतापी शासक था।
  • एक विस्तृत राज्य की महत्त्वाकांक्षा के कारण राजा महापद्मनंद ने समकालीन अनेक छोटे-बडे़ स्वतन्त्र राज्यों को विजित कर अपने शासन में शामिल किया। इन सभी विजयों के कारण राजा महापद्मनंद को पुराणों में `अखिल क्षत्रांतक' और 'एकच्छत्र' के रूप में वर्णित किया गया है ।
  • राजा महापद्मनंद ने मिथिला, कलिंग, काशी, पांचाल, चेदि, कुरु, आदि विभिन्न राज्यों को अपने शासन के अंतर्गत कर शूरसेन राज्य को भी जीत कर अपने विशाल राज्य में सम्मिलित किया ।
  • संभवत: ई. पूर्व 400 के लगभग राजा महापद्मनंद का शासन रहा होगा। महापद्मनंद के पश्चात उसके विभिन्न पुत्रों ने मगध राज्य पर शासन किया ।
  • उत्तरी- पश्चिमी भारत पर संभवतः ई. पूर्व 327 में सिकन्दर ने आक्रमण किया। परन्तु सिकन्दर की सेना पंजाब से आगे न बढ़ सकी क्योंकि जब सिकन्दर की सेना को यह पता चला कि आगे मगध शासक की विस्तृत सेना है तो सिकन्दर के सैनिकों ने व्यास नदी को पार कर आगे बढ़ने से मना कर दिया।

इन्हें भी देखें: नंदवंश


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