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==कला== | |||
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<quiz display=simple> | |||
कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचना किस धर्म ग्रंथ की उक्ति है? | |||
|type="()"} | |||
+[[श्रीमद्भागवत]] | |||
-[[रामचरितमानस]] | |||
-[[रामायण]] | |||
-जयद्रथ वध | |||
||[[चित्र:Cover-Bhagavata-Purana.jpg|भागवत पुराण, गीताप्रेस गोरखपुर का आवरण पृष्ठ|100px|right]]इस कलिकाल में 'श्रीमद्भागवत पुराण' हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय [[पुराण]] है। यह [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में [[वेद|वेदों]], [[उपनिषद|उपनिषदों]] तथा [[दर्शन शास्त्र]] के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है। इसे भारतीय धर्म और संस्कृति का विश्वकोश कहना अधिक समीचीन होगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्रीमद्भागवत]] | |||
{निम्नलिखित में कौन-सा एक शास्त्रीय नृत्य नहीं है? | |||
|type="()"} | |||
-[[कत्थक]] | |||
-[[ओडिसी]] | |||
+[[गरबा नृत्य]] | |||
-[[मणिपुरी]] | |||
{[[भारत]] में सर्वप्रथम [[ईसाई धर्म]] का प्रचार सर्वप्रथम किसने किया?383 | |||
|type="()"} | |||
+सेंट थॉमस | |||
-[[वास्को द गामा]] | |||
-लॉर्ड क्लाइव | |||
-सेंट कर्टियर | |||
{चूहों के मन्दिर के नाम से विख्यात मन्दिर है? | |||
|type="()"} | |||
+करणीमाता मन्दिर | |||
-लिंगराज मन्दिर | |||
-वृहदेश्वर मन्दिर | |||
-राजारानी मन्दिर | |||
{[[राजस्थान]] का पुष्कर मेला किस माह में लगता है?390 | |||
|type="()"} | |||
-[[अक्टूबर]] | |||
-[[नवम्बर]] | |||
+[[फरवरी]] | |||
-[[मार्च]] | |||
{किस वैदिक ग्रंथ में मंत्रों और [[देवता|देवताओं]] की प्रार्थना का संग्रह है?384 | |||
|type="()"} | |||
+[[ॠग्वेद]] | |||
-[[यजुर्वेद]] | |||
-[[सामवेद]] | |||
-अथर्वेद | |||
||[[चित्र:Rigveda.jpg|ॠग्वेद का आवरण पृष्ठ|100px|right]]सबसे प्राचीनतम है। 'ॠक' का अर्थ होता है छन्दोबद्ध रचना या श्लोक। ॠग्वेद के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्त्रोतों की प्रधानता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ॠग्वेद]] | |||
{बुद्ध किस वंश से सम्बन्धित थे? | |||
|type="()"} | |||
-शात्रिका | |||
-मौर्य | |||
+शाक्य | |||
-कुरु | |||
{[[महाभारत]] का फारसी अनुवाद है? | |||
|type="()"} | |||
+रज्मनामा | |||
-हज्मनामा | |||
-सीर-ए-अकबर | |||
-यार-ए-दानिश | |||
{श्रीमद्भागवतगीता में है- | |||
|type="()"} | |||
-16 अध्याय व 600 [[संस्कृत]] श्लोक | |||
+18 अध्याय व 700 संस्कृत श्लोक | |||
-16 अध्याय व 650 संस्कृत श्लोक | |||
-20 अध्याय व 800 संस्कृत श्लोक | |||
{[[कत्थक नृत्य]] कहाँ की नृत्य शैली है? | |||
|type="()"} | |||
-[[मणिपुर]] | |||
-[[केरल]] | |||
-[[उड़ीसा]] | |||
+उत्तरी [[भारत]] | |||
{चोल राजाओं ने किस धर्म को संरक्षण दिया?386 | |||
|type="()"} | |||
-[[जैन धर्म]] | |||
-[[बौद्ध धर्म]] | |||
+[[शैव धर्म]] | |||
-[[वैष्णव धर्म]] | |||
{[[भारत]] में चित्रकला किसके समय में प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँचा?380 | |||
|type="()"} | |||
-[[अकबर]] | |||
+[[जहांगीर]] | |||
-[[शाहजहाँ]] | |||
-[[औरंगजेब]] | |||
||[[चित्र:Jahangir.jpg|जहाँगीर|100px|right]]जहाँगीर का जन्म फ़तेहपुर सीकरी में स्थित ‘शेख़ सलीम चिश्ती’ की कुटिया में राजा भारमल की बेटी ‘मरियम ज़मानी’ के गर्भ से 30 अगस्त, 1569 ई. को हुआ था। अकबर सलीम को ‘शेख़ू बाबा’ कहा करता था। सलीम का मुख्य शिक्षक अब्दुर्रहीम ख़ानख़ाना था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जहांगीर]] | |||
{वेद शब्द का शाब्दिक अर्थ है? | |||
|type="()"} | |||
+महत ज्ञान | |||
-समीप बैठना | |||
-संकलन | |||
-आख्यान | |||
{चौंसठ योगिनी मन्दिर स्थित है? | |||
|type="()"} | |||
-[[उज्जैन]] में | |||
+[[खजुराहो]] में | |||
-[[इन्दौर]] में | |||
-[[भोपाल]] में | |||
||[[चित्र:Khajuraho-Temple-10.jpg|खजुराहो मन्दिर, मध्य प्रदेश|100px|right]]खजुराहो में 64 योगिनियों का खुला मन्दिर खुरदुरे ग्रेनाइट पत्थर का बना हुआ है। उत्तरमुखी इस मन्दिर का निर्माण 900 ईसवी में माना जाता है। जबकि 10वीं शताब्दी के मध्य में बने नागर शैली के उत्कृष्ट मन्दिर, चिकने बलुआ पत्थर से निर्मित हैं। यहां से ब्रह्माणी, इंद्राणी व महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमाऐं प्राप्त हुई हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[खजुराहो]] | |||
{निम्नलिखित में कौन हिन्दुस्तानी [[संगीत]] शैली का हिस्सा नहीं है? | |||
|type="()"} | |||
-ध्रुपद | |||
+तिल्लाना | |||
-तराना | |||
-धमार | |||
{किस वेद का कुछ अंश गद्य में लिखा गया है? | |||
|type="()"} | |||
-[[ॠग्वेद]] | |||
+[[यजुर्वेद]] | |||
-[[सामवेद]] | |||
-[[अथर्ववेद]] | |||
||[[चित्र:Yajurveda.jpg|यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ|100px|right]]यजुष' शब्द का अर्थ है- 'यज्ञ'। यर्जुवेद मूलतः कर्मकाण्ड ग्रन्थ है। इसकी रचना कुरुक्षेत्र में मानी जाती है। यजुर्वेद में आर्यो की धार्मिक एवं सामाजिक जीवन की झांकी मिलती है। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि आर्य 'सप्त सैंधव' से आगे बढ़ गए थे और वे प्राकृतिक पूजा के प्रति उदासीन होने लगे थे। यर्जुवेद के मंत्रों का उच्चारण 'अध्वुर्य' नामक पुरोहित करता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यजुर्वेद]] | |||
</quiz> | |||
|} | |||
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10:32, 9 जून 2011 का अवतरण
कला
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