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*वर्षा ऋतु या दक्षिण पश्चिमी मानसून का मौसम (जून-सितम्‍बर) और
*वर्षा ऋतु या दक्षिण पश्चिमी मानसून का मौसम (जून-सितम्‍बर) और
*मॉनसून पश्‍च ऋतु (अक्‍तूबर-दिसम्‍बर), जिसे दक्षिणी प्रायद्वीप में पूर्वोत्‍तर मानसून भी कहा जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.bharat.gov.in/knowindia/climate.php |title=जलवायु |accessmonthday=[[9 जून]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=अधिकारिक वेबसाइट |language=[[हिन्दी]] }}</ref>  
*मॉनसून पश्‍च ऋतु (अक्‍तूबर-दिसम्‍बर), जिसे दक्षिणी प्रायद्वीप में पूर्वोत्‍तर मानसून भी कहा जाता है।<ref>{{cite web |url=http://www.bharat.gov.in/knowindia/climate.php |title=जलवायु |accessmonthday=[[9 जून]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=अधिकारिक वेबसाइट |language=[[हिन्दी]] }}</ref>  
==भारत के राज्यों की जलवायु==
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[[केरल]] राज्य में गर्म मौसम है क्योंकि यह भूमध्यरेखा से मात्र 8 डिग्री के अंतराल पर स्थित है। केरल राज्य की जलवायु की मुख्य विशेषता है- शीतल मन्द हवा और भारी वर्षा। पश्चिमी मानसून से प्रमुख वर्षा काल प्रारम्भ होता है। दूसरा वर्षाकाल उत्तरी-पश्चिमी मानसून है।
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*इस क्षेत्र को भौगोलिक आकृति की दृष्टि से इस सात भागों में बाँटा गया है।
*जो पश्चिमी [[हिमालय]] के संरचानात्मक घटकों से जुड़े हैं।
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भारत में मानसूनी जलवायु पायी जाती है, क्योंकि यह मानसून पवनों के प्रभाव क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। फिर भी भारतीय जलवायु को दो प्रमुख तत्त्वों में सर्वाधिक प्रभावित किया है:-

  1. उत्तर में हिमालय पर्वत की उपस्थिति, जिसके कारण मध्य एशिया से आने वाली शीतल हवाएँ भारत में नही आ पाती तथा भारतीय जलवायु महाद्रीपीय जलवायु का सवरूप प्राप्त करती हैं।
  2. दक्षिण में हिन्द महासागर की उपस्थिति एवं भूमध्यरेखा से समीपता, जिसके कारण, कटिबन्धीत जलवायु अपने आदर्श स्वरूप पायी जाती है, जिसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं: दैनिक तापांतर की न्युनता, अत्यधिक आर्द्रता वाली वायु तथा सम्पूर्ण देश में न्युनाधिक रूप में वर्षा का होना।

उल्लेखनीय है कि भारत की स्थिति भूमध्यरेखा के उत्तर में है एवं कर्क रेखा इसके मध्य भाग से होकर गुज़रती है। कर्क रेखा के दक्षिण वाला भाग उष्ण कटिबन्ध में आता है एवं हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर की समीपता के कारण यहाँ की जलवायु में एक प्रकार की समान्ता के दर्शन होता है। इस जलवायविक समानता में हिमालय पर्वत की जलवायु-अवरोधक के रूप में उपस्थिति भी महत्त्वपुर्ण भूमिका निभाती है।

भारत की जलवायु आमतौर पर उष्‍णकटिबंधीय है। भारत में चार ऋतुएं होती हैं:

  • शीत ऋतु (जनवरी-फरवरी),
  • ग्रीष्‍म ऋतु (मार्च-मई)
  • वर्षा ऋतु या दक्षिण पश्चिमी मानसून का मौसम (जून-सितम्‍बर) और
  • मॉनसून पश्‍च ऋतु (अक्‍तूबर-दिसम्‍बर), जिसे दक्षिणी प्रायद्वीप में पूर्वोत्‍तर मानसून भी कहा जाता है।[1]

भारत के राज्यों की जलवायु

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है। राज्य में औसत तापमान जनवरी में 12.50 से 17.50 से. रहता है, जबकि मई-जून में यह 27.50 से 32.50 से. के बीच रहता है। पूर्व से (1,000 मिमी से 2,000 मिमी) पश्चिम (610 मिमी से 1,000 मिमी) की ओर वर्षा कम होती जाती है।

मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की जलवायु मानसून पर निर्भर करती है। ग्रीष्म ऋतु गर्म व शुष्क होती है और गर्म हवाएँ चलती हैं। राज्य का औसत तापमान 29 डिग्री से. रहता है। कुछ भागों में तापमान 48 डिग्री से. तक पहुँच जाता है।

केरल

केरल राज्य में गर्म मौसम है क्योंकि यह भूमध्यरेखा से मात्र 8 डिग्री के अंतराल पर स्थित है। केरल राज्य की जलवायु की मुख्य विशेषता है- शीतल मन्द हवा और भारी वर्षा। पश्चिमी मानसून से प्रमुख वर्षा काल प्रारम्भ होता है। दूसरा वर्षाकाल उत्तरी-पश्चिमी मानसून है।

जम्मू और कश्मीर
  • जम्मू और कश्मीर राज्य का 90 प्रतिशत से अधिक भाग पहाड़ी क्षेत्र है।
  • इस क्षेत्र को भौगोलिक आकृति की दृष्टि से इस सात भागों में बाँटा गया है।
  • जो पश्चिमी हिमालय के संरचानात्मक घटकों से जुड़े हैं।
दिल्ली

दिल्ली की जलवायु उपोष्ण है। दिल्ली में गर्मी के महीने मई तथा जून बेहद शुष्क और झुलसाने वाले होते हैं। दिन का तापमान कभी-कभी 40-45 सेल्सियस तक पहुँच जाता है। मानसून जुलाई में आता है। और तापमान को कम करता है। लेकिन सितंबर के अंत तक मौसम गर्म, उमस भरा और कष्टप्रद रहता है।

मेघालय

मेघालय की जलवायु ना तो अधिक उष्ण या ना अधिक शीत है। यहाँ का जलवायु मध्यम और आर्द्र है। यहाँ वार्षिक वर्षा लगभग 1200 से.मी. तक होती है। यह राज्य को देश का सबसे 'गीला' राज्य कहा जाता है। शिलांग के दक्षिण में चेरापूंजी है, जहाँ एक कैलेंडर महीने में सर्वाधिक बरसात का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है।

गुजरात

मध्य गुजरात के दक्षिणी हिस्से में वर्षा दर अधिक और तापमान में अंतर कम है; और मिट्टी ज़्यादा उपजाऊ है, जो अंशत: दक्कन क्षेत्र के बैसाल्ट चट्टानों से व्युत्पन्न हुई है। इस क्षेत्र का केन्द्र वडोदरा (बड़ौदा) शहर है, जो पहले एक समृद्ध और शक्तिशाली राज्य की राजधानी था और जिसका दक्षिणी हिस्सा अब वडोदरा ज़िला है। यहाँ की महत्त्वपूर्ण नदी नर्मदा है, जो खंभात की खाड़ी में गिरती है। नर्मदा और तापी (ताप्ती) नदी द्वारा गाद जमा किए जाने के कारण खंभात की खाड़ी की गहराई कम हो गई है और यहाँ के भूतपूर्व बंदरगाहों का पतन हो गया।

गोवा

गोवा की जलवायु एकरूप है और यहाँ पर जून से सितम्बर के बीच दक्षिणी-पश्चिमी मानसून से वर्षा होती है। गोवा का मौसम बेहद शांत है, लेकिन जून से सितंबर के अंतिम सप्ताह तक मानसून की हलचल रहती है। कई पर्यटक तो गोवा में खासतौर से मानसून का आनन्द लेने पहुँचते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जलवायु (हिन्दी) अधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 9 जून, 2011

बाहरी कड़ियाँ

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