"राजस्थानी धातु मूर्ति कला": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Gadisagar-Lake-Jaisalmer-2.jpg|thumb|250px|left|[[गडसीसर जलाशय एवं टीला की पोल जैसलमेर|गडसीसर सरोवर]], [[जैसलमेर]]<br /> Gadisagar Lake, Jaisalmer]]
[[चित्र:Gadisagar-Lake-Jaisalmer-2.jpg|thumb|250px|[[गडसीसर जलाशय एवं टीला की पोल जैसलमेर|गडसीसर सरोवर]], [[जैसलमेर]]<br /> Gadisagar Lake, Jaisalmer]]
*धातु मूर्ति कला को भी [[राजस्थान]] में प्रयाप्त प्रश्रय मिला।  
*धातु मूर्ति कला को भी [[राजस्थान]] में प्रयाप्त प्रश्रय मिला।  
*पूर्व मध्य, मध्य तथा उत्तरमध्य काल में जैन मूर्तियों का यहाँ बहुतायत में निर्माण हुआ।  
*पूर्व मध्य, मध्य तथा उत्तरमध्य काल में जैन मूर्तियों का यहाँ बहुतायत में निर्माण हुआ।  
*सिरोही ज़िले में वसूतगढ़ पिण्डवाड़ा नामक स्थान पर कई धातु प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं जिसमें शारदा की मूर्ति शिल्प की दृष्टि से द्रस्टव्य है।  
*सिरोही ज़िले में वसूतगढ़ पिण्डवाड़ा नामक स्थान पर कई [[धातु]] प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं जिसमें शारदा की मूर्ति शिल्प की दृष्टि से द्रस्टव्य है।  
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*अठाहरवीं शताब्दी से मूर्तिकला ने शनै: शनै: एक उद्योग का रूप लेना शुरू कर दिया था। अत: इनमें कलात्मक शैलियों के स्थान पर व्यावसायिकृत स्वरूप झलकने लगा।  
*अठाहरवीं शताब्दी से मूर्तिकला ने शनै: शनै: एक उद्योग का रूप लेना शुरू कर दिया था। अत: इनमें कलात्मक शैलियों के स्थान पर व्यावसायिकृत स्वरूप झलकने लगा।  
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06:43, 26 जून 2011 का अवतरण

गडसीसर सरोवर, जैसलमेर
Gadisagar Lake, Jaisalmer
  • धातु मूर्ति कला को भी राजस्थान में प्रयाप्त प्रश्रय मिला।
  • पूर्व मध्य, मध्य तथा उत्तरमध्य काल में जैन मूर्तियों का यहाँ बहुतायत में निर्माण हुआ।
  • सिरोही ज़िले में वसूतगढ़ पिण्डवाड़ा नामक स्थान पर कई धातु प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं जिसमें शारदा की मूर्ति शिल्प की दृष्टि से द्रस्टव्य है।
  • भरतपुर, जैसलमेर, उदयपुर के ज़िले इस तरह के उदाहरण से परिपूर्ण है।
  • अठाहरवीं शताब्दी से मूर्तिकला ने शनै: शनै: एक उद्योग का रूप लेना शुरू कर दिया था। अत: इनमें कलात्मक शैलियों के स्थान पर व्यावसायिकृत स्वरूप झलकने लगा।
  • इसी काल में चित्रकला के प्रति लोगों का रुझान दिखलाई देता है।


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संदर्भ

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