"पद्मा नदी": अवतरणों में अंतर
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इसकी औसत गहराई 695 फीट (201 मी) और अधिकतम गहराई 1144 फीट (323 मीटर) है। पद्मा भी गंगा के ही रूप में बहती रहती है। | इसकी औसत गहराई 695 फीट (201 मी) और अधिकतम गहराई 1144 फीट (323 मीटर) है। पद्मा भी गंगा के ही रूप में बहती रहती है। | ||
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इस संधि के अनुसार फरक्का में <ref>जो भारत में गंगा नदी पर अंतिम नियंत्रण बिंदु है</ref> गंगा का पानी कमी वाली अवधि के दौरान पहली जनवरी से 31 मई तक हर वर्ष संधि में दिए गए फार्मूले के अनुसार 10-दैनिक आधार पर बांटा जा रहा है। संधि की अवधि 30 वर्ष है। हालांकि हर पांच वर्ष में इसकी समीक्षा का प्रावधान है, अभी तक किसी ने भी इसकी मांग नहीं की है। संधि के अनुरूप पानी के बंटवारे की निगरानी एक संयुक्त समिति करती है जो दोनों देशों के संयुक्त नदी आयोग के सदस्यों से बनी है। इस संयुक्त समिति की तीन बैठकें हर वर्ष होती है। दोनों देशों की संतुष्टि के अनुसार यह संधि 1997 से कार्यान्वित की जा रही है।<ref> http://bharat.gov.in/sectors/water_resources/international_corp.php</ref> | |||
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11:19, 27 जुलाई 2011 का अवतरण
पद्मा नदी गंगा नदी के पानी से पोषित होने वाली नदी है। भारत व बांग्लादेश के बीच 1997 में हुई गंगा जल संधि के अंतर्गत पद्मा नदी को गंगा नदी से पानी मिलता है।
इसकी औसत गहराई 695 फीट (201 मी) और अधिकतम गहराई 1144 फीट (323 मीटर) है। पद्मा भी गंगा के ही रूप में बहती रहती है।
गंगा जल संधि
इस संधि के अनुसार फरक्का में [1] गंगा का पानी कमी वाली अवधि के दौरान पहली जनवरी से 31 मई तक हर वर्ष संधि में दिए गए फार्मूले के अनुसार 10-दैनिक आधार पर बांटा जा रहा है। संधि की अवधि 30 वर्ष है। हालांकि हर पांच वर्ष में इसकी समीक्षा का प्रावधान है, अभी तक किसी ने भी इसकी मांग नहीं की है। संधि के अनुरूप पानी के बंटवारे की निगरानी एक संयुक्त समिति करती है जो दोनों देशों के संयुक्त नदी आयोग के सदस्यों से बनी है। इस संयुक्त समिति की तीन बैठकें हर वर्ष होती है। दोनों देशों की संतुष्टि के अनुसार यह संधि 1997 से कार्यान्वित की जा रही है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जो भारत में गंगा नदी पर अंतिम नियंत्रण बिंदु है
- ↑ http://bharat.gov.in/sectors/water_resources/international_corp.php