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'स कर्णं युधि निर्जित्य वशेकृत्वा च भारत,  
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12:43, 27 जुलाई 2011 का अवतरण

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कर्णगढ़ भागलपुर[1] के निकट एक पहाड़ी है। कर्णगढ़ का नाम महाभारत के कर्ण से संबंधित है। कर्ण अंगदेश का राजा था। यह स्थान पूर्व-बौद्धकालीन है। महाभारत में भीम की पूर्व दिशा की दिग्विजय के प्रसंग में मगध के नगर गिरिव्रज के पश्चात मोदागिरि या मुंगेर के पूर्व जिस स्थान पर भीम और कर्ण के युद्ध का वर्णन है वह निश्चयपूर्वक यही जान पड़ता है- 'स कर्णं युधि निर्जित्य वशेकृत्वा च भारत, ततो विजिग्ये बलवान् राज्ञ: पर्वतवासिन:।'[2]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अंग देश की राजधानी, प्राचीन चंपा
  2. सभा पर्व महाभारत 31,20

बाहरी कड़ियाँ

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