"पुनर्वसु नक्षत्र": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "खाली" to "ख़ाली")
No edit summary
पंक्ति 25: पंक्ति 25:
[[Category:ग्रह-नक्षत्र ज्योतिष]]
[[Category:ग्रह-नक्षत्र ज्योतिष]]
[[Category:पौराणिक_कोश]]
[[Category:पौराणिक_कोश]]
[[Category:नया पन्ना]]
[[Category:काल गणना]]
__INDEX__
__INDEX__

05:51, 20 अगस्त 2011 का अवतरण

अर्थ - पुनः शुभ
देव - अदिति

  • पुनर्वसु सातवाँ नक्षत्र है।
  • मिथुन राशि में इसके चारों चरण आते हैं।
  • इस नक्षत्र का स्वामी गुरु है।
  • पुनर्वसु में अदिति का व्रत और पूजन किया जाता है।
  • पुनर्वसु नक्षत्र के देवता वृहस्पति को माना जाता है।
  • वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बांस के पेड को पुनर्वसु नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है।
  • पुनर्वसु नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग बांस के वृक्ष की पूजा करते है।
  • इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में बांस के पेड को लगाते है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख