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इरेनियल त्रिवेंद्रम-[[कन्याकुमारी]] मार्ग पर मूलगुमुद से सात मील दूर है। तिरुवांकुरप नरेशों के पुराने राज प्रासाद के भीतर वसंत-मंडपम् में एक पत्थर की शैया दिखाई देती है जहाँ से किंवदंती के अनुसार प्राचीन [[केरल]] का प्रसिद्ध [[भास्कर वर्मा|राजा भास्कर वर्मा]] सदेह स्वर्ग सिधारा था। यह स्थान जिसे रनसिंगनुलूर भी कहते हैं केरल के पेरुमल नरेशों के समय विख्यात था। | *तिरुवांकुरप नरेशों के पुराने राज प्रासाद के भीतर वसंत-मंडपम् में एक पत्थर की शैया दिखाई देती है जहाँ से किंवदंती के अनुसार प्राचीन [[केरल]] का प्रसिद्ध [[भास्कर वर्मा|राजा भास्कर वर्मा]] सदेह स्वर्ग सिधारा था। | ||
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10:50, 21 अगस्त 2011 का अवतरण
- इरेनियल त्रिवेंद्रम-कन्याकुमारी मार्ग पर मूलगुमुद से सात मील दूर है।
- तिरुवांकुरप नरेशों के पुराने राज प्रासाद के भीतर वसंत-मंडपम् में एक पत्थर की शैया दिखाई देती है जहाँ से किंवदंती के अनुसार प्राचीन केरल का प्रसिद्ध राजा भास्कर वर्मा सदेह स्वर्ग सिधारा था।
- यह स्थान जिसे रनसिंगनुलूर भी कहते हैं केरल के पेरुमल नरेशों के समय विख्यात था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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