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संस्कृत में जीरे को जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला होता है। | [[संस्कृत]] में जीरे को जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला होता है। | ||
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*बवासीर में मिश्री के साथ सेवन करने से शांति मिलती है। | *बवासीर में मिश्री के साथ सेवन करने से शांति मिलती है। | ||
*जीरे व नमक को पीसकर घी व शहद में मिलाकर थोड़ा गर्म करके बिच्छू के डंक पर लगाने से विष उतर जाता है। | *जीरे व [[नमक]] को पीसकर [[घी]] व [[शहद]] में मिलाकर थोड़ा गर्म करके बिच्छू के डंक पर लगाने से विष उतर जाता है। | ||
*जीरे का चूर्ण 4 से 6 ग्राम दही में मिलाकर खाने से अतिसार मिटता है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/health/homeremedies/0910/27/1091027050_1.htm |title=गुणकारी जीरा : लाभकारी प्रयोग |accessmonthday=[[23 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम |publisher=वेबदुनिया |language=हिन्दी }}</ref> | *जीरे का चूर्ण 4 से 6 ग्राम [[दही]] में मिलाकर खाने से अतिसार मिटता है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/miscellaneous/health/homeremedies/0910/27/1091027050_1.htm |title=गुणकारी जीरा : लाभकारी प्रयोग |accessmonthday=[[23 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम |publisher=वेबदुनिया |language=हिन्दी }}</ref> | ||
==जीरा एक दवा== | ==जीरा एक दवा== | ||
हींग-मिर्च के साथ दाल में जीरे का छौंक नहीं लगाया गया हो तो खाने का स्वाद कुछ फीका रह जाता है। दाल के अलावा कई सब्जियों का स्वाद | हींग-मिर्च के साथ [[दाल]] में जीरे का छौंक नहीं लगाया गया हो तो खाने का स्वाद कुछ फीका रह जाता है। दाल के अलावा कई सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के लिए भी जीरे का उपयोग किया जाता है। लेकिन जीरे की उपयोगिता केवल आपके रसोई घर तक ही सीमित नहीं है। कई रोगों में दवा के रूप में भी जीरे का उपयोग किया जा सकता है। | ||
*डायबिटीज- ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आघा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ | *डायबिटीज- ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आघा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ पीएँ। डायबिटीज रोगियों को यह काफी फायदा पहुंचाता है। | ||
*कब्ज होने पर- कब्जियत की शिकायत होने पर जीरा, काली मिर्च, सोंठ और करी पावडर को बराबर मात्रा में लें और मिश्रण तैयार कर लें। इसमें स्वादानुसार नमक डालकर घी में मिलाएं और चावल के साथ खाएं। पेट साफ रहेगा और कब्जियत में राहत मिलेगी। | *कब्ज होने पर- कब्जियत की शिकायत होने पर जीरा, [[काली मिर्च]], सोंठ और करी पावडर को बराबर मात्रा में लें और मिश्रण तैयार कर लें। इसमें स्वादानुसार नमक डालकर घी में मिलाएं और [[चावल]] के साथ खाएं। पेट साफ रहेगा और कब्जियत में राहत मिलेगी। | ||
*गैस भगाए- गैस बनने पर राहत पाने के लिए जीरा, काली मिर्च और अदरक को बराबर मात्रा में लें। इसे पानी में डालकर खौलाएं और घोल तैयार कर लें। इस पानी को दो-तीन दिनों तक लगातार दिन में दो से तीन बार | *गैस भगाए- गैस बनने पर राहत पाने के लिए जीरा, काली मिर्च और [[अदरक]] को बराबर मात्रा में लें। इसे पानी में डालकर खौलाएं और घोल तैयार कर लें। इस पानी को दो-तीन दिनों तक लगातार दिन में दो से तीन बार पीएँ। | ||
*अपच- पाचन क्रिया को दुरूस्त करने में भी जीरा बहुत उपयोगी है। अपच की स्थिति में एक चौथाई जीरा पाउडर और काली मिर्च पाउडर को एक ग्लास मलाई वाले दूघ में डालकर | *अपच- पाचन क्रिया को दुरूस्त करने में भी जीरा बहुत उपयोगी है। अपच की स्थिति में एक चौथाई जीरा पाउडर और काली मिर्च पाउडर को एक ग्लास मलाई वाले दूघ में डालकर पीएँ। | ||
*रहें फ्रेश- दिन भर के काम के दौरान यदि आप थकावट महसूस कर रहे हों तो जीरा, | *रहें फ्रेश- दिन भर के काम के दौरान यदि आप थकावट महसूस कर रहे हों तो जीरा, [[धनिया]], काली मिर्च और तुअर दाल को बराबर मात्रा (आघा छोटा चम्मच) में मिलाएं। इसे पानी में डालकर थोडी देर उबल ने दें। इस पानी को छाने और चुटकी भर नमक डालकर पीएँ। | ||
*अनिंद्रा- यदि आप नींद न आने की बीमारी से ग्रस्त हैं तो एक छोटा चम्मच भुना जीरा पके हुए केले के साथ मैश करके रोजाना रात के खाने के बाद खाएं। <ref>{{cite web |url=http://www.patrika.com/article.aspx?id=3335 |title=कई रोगों की एक दवा-जीरा |accessmonthday=[[23 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=पत्रिका |language=हिन्दी }}</ref> | *अनिंद्रा- यदि आप नींद न आने की बीमारी से ग्रस्त हैं तो एक छोटा चम्मच भुना जीरा पके हुए [[केला|केले]] के साथ मैश करके रोजाना रात के खाने के बाद खाएं। <ref>{{cite web |url=http://www.patrika.com/article.aspx?id=3335 |title=कई रोगों की एक दवा-जीरा |accessmonthday=[[23 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=पत्रिका |language=हिन्दी }}</ref> | ||
==जीरे से घरेलू नुस्खे== | ==जीरे से घरेलू नुस्खे== | ||
*हिस्टीरिया के मरीज को गर्म पानी में नींबू, नमक, जीरा, हींग भुनी हुई, पुदीना मिलाकर पिलाने से रोगी को लाभ मिलता है। | *हिस्टीरिया के मरीज को गर्म पानी में [[नींबू]], नमक, जीरा, हींग भुनी हुई, [[पुदीना]] मिलाकर पिलाने से रोगी को लाभ मिलता है। | ||
*जीरा चूर्ण, हींग चूर्ण एवं सेंधा नमक एक-एक चुटकी भर मिलाकर लेने से पेट की गैस में लाभ मिलता है। | *जीरा चूर्ण, हींग चूर्ण एवं सेंधा नमक एक-एक चुटकी भर मिलाकर लेने से पेट की गैस में लाभ मिलता है। | ||
*उल्टी हो तो आधा नींबू का रस, एक पिलास पानी, थोड़ा जीरा, दो छोटी इलायची पीसकर मिलाकर दो-दो घंटे पर पिलाएँ। | *उल्टी हो तो आधा नींबू का रस, एक पिलास पानी, थोड़ा जीरा, दो छोटी इलायची पीसकर मिलाकर दो-दो घंटे पर पिलाएँ। | ||
*लू लग जाने पर नारियल के पानी के साथ काला जीरा पीसकर शरीर पर लेप करने से शांति मिलती है। | *लू लग जाने पर [[नारियल]] के पानी के साथ काला जीरा पीसकर शरीर पर लेप करने से शांति मिलती है। | ||
*दाँत में कीड़ा लगने के कारण दर्द हो, तो पीपल, सेंधा नमक, जीरा, सेमल का गोंद तथा हरड़ का बक्कल सम भाग लेकर पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर दाँतों पर मलने से पर्याप्त लाभ मिलता है। | *दाँत में कीड़ा लगने के कारण दर्द हो, तो [[पीपल]], सेंधा नमक, जीरा, सेमल का गोंद तथा हरड़ का बक्कल सम भाग लेकर पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर दाँतों पर मलने से पर्याप्त लाभ मिलता है। | ||
*थायरॉइड (गले की गाँठ) में एक प्याला पालक के रस के साथ एक चम्मच शहद और चौथाई चम्मच जीरे का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। | *थायरॉइड (गले की गाँठ) में एक प्याला पालक के रस के साथ एक चम्मच शहद और चौथाई चम्मच जीरे का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। | ||
*सौंफ और जीरे के साथ सेवन करने से पेट की जलन में लाभ होता है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/जीरा-एक-गुणकारी/जीरा-एक-गुणकारी-मसाला-1100928039_1.htm |title=जीरा : एक गुणकारी मसाला |accessmonthday=[[23 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम |publisher=वेबदुनिया |language=हिन्दी }}</ref> | *सौंफ और जीरे के साथ सेवन करने से पेट की जलन में लाभ होता है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/जीरा-एक-गुणकारी/जीरा-एक-गुणकारी-मसाला-1100928039_1.htm |title=जीरा : एक गुणकारी मसाला |accessmonthday=[[23 अगस्त]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम |publisher=वेबदुनिया |language=हिन्दी }}</ref> |
06:26, 23 अगस्त 2011 का अवतरण
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जीरा एक मसाला है और जीरे को अंग्रेजी में (Cumin) कहते हैं। जीरा भारतीय खाद्य पदार्थो मे प्रयुक्त किया जाने वाला प्रचलित मसाला है। जीरा दिखने में सौंफ की तरह होता है। संस्कृत में जीरे को जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला होता है।
गुणकारी जीरा
- जीरा पाचक और सुगंधित मसाला है।
- भोजन में अरुचि, पेट फूलना, अपच आदि को दूर करने में जीरा विश्वसनीय औषधि है।
- भुने हुए जीरे को लगातार सूँघने से जुकाम की छीकें आना बंद हो जाती है।
- प्रसूति के पश्चात जीरे के सेवन से गर्भाशय की सफाई हो जाती है।
- जीरा कृमिनाशक है और ज्वरनिवारक भी।
- जीरे को उबाल कर उस पानी से स्नान करने से खुजली मिटती है।
- बवासीर में मिश्री के साथ सेवन करने से शांति मिलती है।
- जीरे व नमक को पीसकर घी व शहद में मिलाकर थोड़ा गर्म करके बिच्छू के डंक पर लगाने से विष उतर जाता है।
- जीरे का चूर्ण 4 से 6 ग्राम दही में मिलाकर खाने से अतिसार मिटता है।[1]
जीरा एक दवा
हींग-मिर्च के साथ दाल में जीरे का छौंक नहीं लगाया गया हो तो खाने का स्वाद कुछ फीका रह जाता है। दाल के अलावा कई सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के लिए भी जीरे का उपयोग किया जाता है। लेकिन जीरे की उपयोगिता केवल आपके रसोई घर तक ही सीमित नहीं है। कई रोगों में दवा के रूप में भी जीरे का उपयोग किया जा सकता है।
- डायबिटीज- ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आघा छोटा चम्मच पिसा जीरा दिन में दो बार पानी के साथ पीएँ। डायबिटीज रोगियों को यह काफी फायदा पहुंचाता है।
- कब्ज होने पर- कब्जियत की शिकायत होने पर जीरा, काली मिर्च, सोंठ और करी पावडर को बराबर मात्रा में लें और मिश्रण तैयार कर लें। इसमें स्वादानुसार नमक डालकर घी में मिलाएं और चावल के साथ खाएं। पेट साफ रहेगा और कब्जियत में राहत मिलेगी।
- गैस भगाए- गैस बनने पर राहत पाने के लिए जीरा, काली मिर्च और अदरक को बराबर मात्रा में लें। इसे पानी में डालकर खौलाएं और घोल तैयार कर लें। इस पानी को दो-तीन दिनों तक लगातार दिन में दो से तीन बार पीएँ।
- अपच- पाचन क्रिया को दुरूस्त करने में भी जीरा बहुत उपयोगी है। अपच की स्थिति में एक चौथाई जीरा पाउडर और काली मिर्च पाउडर को एक ग्लास मलाई वाले दूघ में डालकर पीएँ।
- रहें फ्रेश- दिन भर के काम के दौरान यदि आप थकावट महसूस कर रहे हों तो जीरा, धनिया, काली मिर्च और तुअर दाल को बराबर मात्रा (आघा छोटा चम्मच) में मिलाएं। इसे पानी में डालकर थोडी देर उबल ने दें। इस पानी को छाने और चुटकी भर नमक डालकर पीएँ।
- अनिंद्रा- यदि आप नींद न आने की बीमारी से ग्रस्त हैं तो एक छोटा चम्मच भुना जीरा पके हुए केले के साथ मैश करके रोजाना रात के खाने के बाद खाएं। [2]
जीरे से घरेलू नुस्खे
- हिस्टीरिया के मरीज को गर्म पानी में नींबू, नमक, जीरा, हींग भुनी हुई, पुदीना मिलाकर पिलाने से रोगी को लाभ मिलता है।
- जीरा चूर्ण, हींग चूर्ण एवं सेंधा नमक एक-एक चुटकी भर मिलाकर लेने से पेट की गैस में लाभ मिलता है।
- उल्टी हो तो आधा नींबू का रस, एक पिलास पानी, थोड़ा जीरा, दो छोटी इलायची पीसकर मिलाकर दो-दो घंटे पर पिलाएँ।
- लू लग जाने पर नारियल के पानी के साथ काला जीरा पीसकर शरीर पर लेप करने से शांति मिलती है।
- दाँत में कीड़ा लगने के कारण दर्द हो, तो पीपल, सेंधा नमक, जीरा, सेमल का गोंद तथा हरड़ का बक्कल सम भाग लेकर पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर दाँतों पर मलने से पर्याप्त लाभ मिलता है।
- थायरॉइड (गले की गाँठ) में एक प्याला पालक के रस के साथ एक चम्मच शहद और चौथाई चम्मच जीरे का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।
- सौंफ और जीरे के साथ सेवन करने से पेट की जलन में लाभ होता है।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गुणकारी जीरा : लाभकारी प्रयोग (हिन्दी) (एच टी एम) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 23 अगस्त, 2011।
- ↑ कई रोगों की एक दवा-जीरा (हिन्दी) पत्रिका। अभिगमन तिथि: 23 अगस्त, 2011।
- ↑ जीरा : एक गुणकारी मसाला (हिन्दी) (एच टी एम) वेबदुनिया। अभिगमन तिथि: 23 अगस्त, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
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