"गंगानाथ झा": अवतरणों में अंतर
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11:25, 27 अगस्त 2011 का अवतरण
- महामहोपाध्याय पंडित गंगानाथ झा संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित थे।
- आपने हिन्दी, अंग्रेज़ी और मैथिली भाषा में दार्शनिक विषयों पर उच्च कोटि के मौलिक ग्रन्थों की रचना की है।
- इनका सबसे बड़ा योगदान संस्कृत के महत्त्वपूर्ण प्राचीन ग्रन्थों का अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद कार्य रहा है।
- इनके इस महत्त्वपूर्ण कार्य से भारत के प्राचीन ज्ञान से पश्चिम के विद्वानों को परिचित होने का अवसर मिला।
- गंगानाथ झा का जन्म मिथिला (बिहार) के एक गाँव में 1871 ई. में हुआ था।
- संस्कृत की उच्च शिक्षा इन्होंने काशी के दो प्रसिद्ध विद्वानों से ग्रहण की थी।
- इन्होंने काशी के ही क्वीन्स कॉलेज से पाश्चात्य प्रणाली की शिक्षा भी ग्रहण की थी।
- 18 वर्ष की उम्र में ही संस्कृत में एक पद्यात्मक ग्रन्थ लिखकर आपने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर दी थी।
- ‘पूर्व मीमांसा के प्रभाकरमत’ पर शोध प्रबन्ध लिखकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में संस्कृत का अध्यापन कार्य किया और फिर बनारस संस्कृत कॉलेज के प्रिंसिपल बने।
- 1923 में आपको इलाहाबाद विश्वविद्यालय का वाइस-चांसलर बनाया गया, यहाँ पर यह 1932 तक इस पद पर रहे।
- कुछ समय के लिए आप प्रान्तीय लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य भी मनोनीत किए गए थे।
- आपने 'हिन्दी साहित्य सम्मेलन' का सभापतित्व भी किया था।
- 17 नवम्बर, 1941 को आपका देहान्त हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 212।
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