"बापू -सुमित्रानंदन पंत": अवतरणों में अंतर
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चरमोन्नत जग में जब कि आज विज्ञान ज्ञान, | चरमोन्नत जग में जब कि आज विज्ञान ज्ञान, | ||
बहु भौतिक साधन, यंत्र यान, वैभव महान, | बहु भौतिक साधन, यंत्र यान, वैभव महान, | ||
सेवक हैं विद्युत वाष्प शक्ति | सेवक हैं विद्युत वाष्प शक्ति धन बल नितांत, | ||
फिर क्यों जग में उत्पीड़न? जीवन यों अशांत? | फिर क्यों जग में उत्पीड़न? जीवन यों अशांत? | ||
मानव | मानव ने पाई देश काल पर जय निश्चय, | ||
मानव के पास नहीं मानव का आज हृदय! | मानव के पास नहीं मानव का आज हृदय! | ||
गर्वित उसका विज्ञान ज्ञान: वह नहीं पचित; | |||
भौतिक मद से मानव आत्मा हो गई विजित! | भौतिक मद से मानव आत्मा हो गई विजित! | ||
है श्लाघ्य मनुज का भौतिक संचय का प्रयास, | है श्लाघ्य मनुज का भौतिक संचय का प्रयास, |
11:38, 29 अगस्त 2011 का अवतरण
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चरमोन्नत जग में जब कि आज विज्ञान ज्ञान, |
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