"आओ, हम अपना मन टोवें -सुमित्रानंदन पंत": अवतरणों में अंतर
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परिवर्तन ही जग का जीवन | परिवर्तन ही जग का जीवन | ||
यहाँ विकास ह्रास संग विघटन, | यहाँ विकास ह्रास संग विघटन, | ||
हम हों | हम हों अपने भाग्य विधाता | ||
यों मन का धीरज मत खोवें! | यों मन का धीरज मत खोवें! | ||
13:00, 29 अगस्त 2011 का अवतरण
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आओ, अपने मन को टोवें! |
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