"अनन्तकीर्ति": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*इनका समय वि. सं. 9वीं शती है। | *इनका समय वि. सं. 9वीं शती है। | ||
*इन्होंने 'बृहत्सर्वज्ञसिद्धि' और 'लघुसर्वज्ञसिद्धि' ये दो तर्कग्रन्थ रचे हैं और दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं। | *इन्होंने 'बृहत्सर्वज्ञसिद्धि' और 'लघुसर्वज्ञसिद्धि' ये दो तर्कग्रन्थ रचे हैं और दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं। |
09:38, 16 मई 2010 का अवतरण
- इनका समय वि. सं. 9वीं शती है।
- इन्होंने 'बृहत्सर्वज्ञसिद्धि' और 'लघुसर्वज्ञसिद्धि' ये दो तर्कग्रन्थ रचे हैं और दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं।
- इन दोनों विद्वत्तापूर्ण रचनाओं से आचार्य अनन्तकीर्ति का पाण्डित्य एवं तर्कशैली अनुपमेय प्रतीत होती है।
- इनकी एक रचना 'स्वत: प्रामाण्यभंग' भी है, जो अनुपलब्ध है।
- इसका उल्लेख अनन्तवीर्य (प्रथम) ने किया है।