गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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+[[चैतन्य महाप्रभु]] | +[[चैतन्य महाप्रभु]] | ||
-[[संत ज्ञानेश्वर]] | -[[संत ज्ञानेश्वर]] | ||
||[[चित्र:Chetanya-Mahaprabhu.jpg|चैतन्य महाप्रभु|100px|right||]] चैतन्य महाप्रभु भगवान [[श्रीकृष्ण]] के प्रति इनकी अनन्य निष्ठा व विश्वास के कारण इनके असंख्य अनुयायी हो गए। सर्वप्रथम नित्यानंद प्रभु व अद्वैताचार्य महाराज इनके शिष्य बने। इन दोनों ने निमाई के भक्ति आंदोलन को तीव्र गति प्रदान की। निमाई ने अपने इन दोनों शिष्यों के सहयोग से [[ढोल|ढोलक]], [[मृदंग]], [[झांझ|झाँझ]], [[मंजीरे]] आदि वाद्य यंत्र बजाकर व उच्च स्वर में नाच-गाकर हरि नाम संकीर्तन करना प्रारंभ किया। 'हरे-कृष्ण, हरे-कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण, हरे-हरे। हरे-राम, हरे-राम, राम-राम, हरे-हरे` नामक अठारह शब्दीय कीर्तन महामन्त्र निमाई की ही देन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चैतन्य महाप्रभु]] | ||[[चित्र:Chetanya-Mahaprabhu.jpg|चैतन्य महाप्रभु|100px|right||]] चैतन्य महाप्रभु भगवान [[श्रीकृष्ण]] के प्रति इनकी अनन्य निष्ठा व विश्वास के कारण इनके असंख्य अनुयायी हो गए। सर्वप्रथम नित्यानंद प्रभु व अद्वैताचार्य महाराज इनके शिष्य बने। इन दोनों ने निमाई के [[भक्ति आंदोलन]] को तीव्र गति प्रदान की। निमाई ने अपने इन दोनों शिष्यों के सहयोग से [[ढोल|ढोलक]], [[मृदंग]], [[झांझ|झाँझ]], [[मंझीरा|मंजीरे]] आदि वाद्य यंत्र बजाकर व उच्च स्वर में नाच-गाकर हरि नाम संकीर्तन करना प्रारंभ किया। 'हरे-कृष्ण, हरे-कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण, हरे-हरे। हरे-राम, हरे-राम, राम-राम, हरे-हरे` नामक अठारह शब्दीय कीर्तन महामन्त्र निमाई की ही देन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चैतन्य महाप्रभु]] | ||
{किस वैदिक ग्रंथ में जादू-टोनों का वर्णन मिलता है? | {किस वैदिक ग्रंथ में जादू-टोनों का वर्णन मिलता है? | ||
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-[[सामवेद]] | -[[सामवेद]] | ||
+[[अथर्ववेद]] | +[[अथर्ववेद]] | ||
||[[चित्र:Atharvaveda.jpg|अथर्ववेद|100px|right]]अथर्ववेद | ||[[चित्र:Atharvaveda.jpg|अथर्ववेद|100px|right]]अथर्ववेद में कुल 20 काण्ड, 730 सूक्त एवं 5987 मंत्र हैं। जादू से सम्बन्धित मन्त्र-तन्त्र, राक्षस, पिशाच, आदि भयानक शक्तियाँ अथर्ववेद के महत्त्वपूर्ण विषय हैं। इसमें भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि के मन्त्र हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अथर्ववेद]] | ||
{[[जैन साहित्य]] को क्या कहा जाता है? | {[[जैन साहित्य]] को क्या कहा जाता है? | ||
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-[[हिन्दू धर्म|हिन्दू]] | -[[हिन्दू धर्म|हिन्दू]] | ||
{कौन-सा स्थान ' | {कौन-सा स्थान 'भारत का स्विट्जरलैंड' कहलाता है? | ||
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+कौसानी | +कौसानी | ||
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-[[रामानुज]] | -[[रामानुज]] | ||
+[[नागार्जुन]] | +[[नागार्जुन]] | ||
||[[चित्र:Nagarjun.jpg|नागार्जुन|100px|right]]शून्यवाद के रूप में नागार्जुन का नाम विशेष उल्लेखनीय है। नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था। हिन्दी साहित्य में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा मैथिली में 'यात्री' उपनाम से रचनाएँ कीं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नागार्जुन]] | ||[[चित्र:Nagarjun.jpg|नागार्जुन|100px|right]]शून्यवाद के रूप में नागार्जुन का नाम विशेष उल्लेखनीय है। नागार्जुन का असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था। [[हिन्दी]] साहित्य में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा [[मैथिली भाषा|मैथिली]] में 'यात्री' उपनाम से रचनाएँ कीं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नागार्जुन]] | ||
{[[ईसा मसीह]] का जन्म स्थल है? | {[[ईसा मसीह]] का जन्म स्थल है? | ||
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-[[बग़दाद]] में | -[[बग़दाद]] में | ||
-तेहरान में | -तेहरान में | ||
||[[अरब देश|साउदी अरब]] के हेजाज़ प्रांत की राजधानी एवं [[मुहम्मद|मुहम्मद साहब]] का जन्म स्थान होने के कारण [[मुस्लिम]] जनता का विश्वविख्यात तीर्थस्थान है। यह जिद्दा से 45 मील पूर्व में स्थित है। प्राचीन काल से ही [[धर्म]] तथा व्यापार का केंद्र रहा है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मक्का]] | ||मक्का [[अरब देश|साउदी अरब]] के हेजाज़ प्रांत की राजधानी एवं [[मुहम्मद|मुहम्मद साहब]] का जन्म स्थान होने के कारण [[मुस्लिम]] जनता का विश्वविख्यात तीर्थस्थान है। यह जिद्दा से 45 मील पूर्व में स्थित है। प्राचीन काल से ही [[धर्म]] तथा व्यापार का केंद्र रहा है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मक्का]] | ||
{[[राजस्थान]] का प्रमुख लोक नृत्य है? | {[[राजस्थान]] का प्रमुख लोक नृत्य है? | ||
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-[[मत्स्य पुराण]] | -[[मत्स्य पुराण]] | ||
-[[मार्कण्डेय पुराण]] | -[[मार्कण्डेय पुराण]] | ||
||[[चित्र:Cover-Bhagavata-Purana.jpg|श्रीमद्भागवत|100px|right]] | ||[[चित्र:Cover-Bhagavata-Purana.jpg|श्रीमद्भागवत|100px|right]] 'श्रीमद्भागवत पुराण' हिन्दू समाज का सर्वाधिक आदरणीय [[पुराण]] है। यह [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का प्रमुख ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में [[वेद|वेदों]], [[उपनिषद|उपनिषदों]] तथा [[दर्शन शास्त्र]] के गूढ़ एवं रहस्यमय विषयों को अत्यन्त सरलता के साथ निरूपित किया गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भागवत पुराण]] | ||
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11:30, 18 सितम्बर 2011 का अवतरण
कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान
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