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==हिन्दी== | |||
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<quiz display=simple> | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सी भाषा [[देवनागरी लिपि]] में लिखी जाती है? | |||
|type="()"} | |||
-[[गुजराती भाषा]] | |||
-[[उड़िया भाषा]] | |||
+[[मराठी भाषा]] | |||
-[[सिंधी भाषा]] | |||
||इस भाषा को लिखने के लिए [[देवनागरी लिपि|देवनागरी]] और इसके प्रवाही स्वरूप मोदी, दोनों लिपियों का उपयोग होता है। एक भारतीय-आर्य भाषा पूर्वी [[हिन्दी]] का मराठी से निकट संबंध है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मराठी भाषा]] | |||
{इनमें संयुक्त व्यंजन कौन-सा है? | |||
|type="()"} | |||
-ढ़ | |||
-ङ | |||
-ड़ | |||
+ज्ञ | |||
{[[सूर्य]] शब्द का स्त्रीलिंग क्या होगा? | |||
|type="()"} | |||
-सूर्याणी | |||
-सूर्यायी | |||
+सूर्या | |||
-सूर्यो | |||
{तीर का पर्यावाची शब्द क्या है? | |||
|type="()"} | |||
+तार | |||
-[[बाण]] | |||
-शर | |||
-नाराच | |||
{<poem>मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ में देना तुम फेंक | |||
मातृभूमि पर शीश चढाने, जिस पथ जावें वीर अनेक।</poem> | |||
प्रस्तुत पक्ति के रचयिता हैं? | |||
|type="()"} | |||
-सत्यनारायण पाण्डेय | |||
+[[माखन लाल चतुर्वेदी]] | |||
-सोहन लाल द्विवेदी | |||
-[[बालकृष्ण शर्मा नवीन]] | |||
||[[चित्र:Makahan-Lal-Chaturvedi.gif|माखन लाल चतुर्वेदी|100px|right]]हिन्दी जगत के कवि, लेखक, पत्रकार माखन लाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल, 1889 ई. में बावई, मध्य प्रदेश में हुआ था। यह बचपन में काफ़ी रूग्ण और बीमार रहा करते थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[माखन लाल चतुर्वेदी]] | |||
{[[रामधारी सिंह दिनकर]] किस रस के कवि माने जाते हैं? | |||
|type="()"} | |||
-[[रौद्र रस]] | |||
-[[करुण रस]] | |||
+[[वीर रस]] | |||
-श्रृंगार रस | |||
||वीर रस से ही [[अदभुत रस]] की उत्पत्ति बतलाई गई है। वीर रस का 'वर्ण' 'स्वर्ण' अथवा 'गौर' तथा [[देवता]] [[इन्द्र]] कहे गये हैं। यह उत्तम प्रकृति वालो से सम्बद्ध है तथा इसका '''स्थायी भाव''' ‘उत्साह’ है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वीर रस]] | |||
{'मधुशाला' के लेखक हैं? | |||
|type="()"} | |||
-[[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]] | |||
-[[मलिक मुहम्मद जायसी]] | |||
-[[सूरदास]] | |||
+[[हरिवंश राय बच्चन]] | |||
||[[चित्र:Harivanshrai-Bachchan.jpgहरिवंश राय बच्चन|100px|right]]'हरिवंश राय बच्चन' का पहला काव्य संग्रह 1935 ई. में प्रकाशित 'मधुशाला' से ही माना जाता है। इसके प्रकाशन के साथ ही 'बच्चन' का नाम एक गगनभेदी रॉकेट की तरह तेज़ी से उठकर साहित्य जगत पर छा गया। 'मधुशाला', 'मधुशाला' और 'मधुकलश'-एक के बाद एक, ये तीनों संग्रह शीघ्र ही सामने आ गये हिन्दी में जिसे 'हालाबाद' कहा गया है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हरिवंश राय बच्चन]] | |||
{जहाँ बिना कारण के कार्य का होना पाया जाए वहाँ कौन सा [[अलंकार]] होता है? | |||
|type="()"} | |||
-विरोधाभास | |||
-विशेषोक्ति | |||
+विभावना | |||
-भ्रांतिमान |
08:18, 27 सितम्बर 2011 का अवतरण
हिन्दी
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