गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) (पन्ने को खाली किया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
==महाभारत== | |||
{| class="bharattable-green" width="100%" | |||
|- | |||
| valign="top"| | |||
{| width="100%" | |||
| | |||
<quiz display=simple> | |||
{[[सूर्य]] और [[कुंती]] का पुत्र कौन है। | |||
|type="()"} | |||
-[[युधिष्ठिर]] | |||
-[[अर्जुन]] | |||
+वसुषेण | |||
-[[भीम]] | |||
{[[भीष्म]] में थे? | |||
|type="()"} | |||
-बारहबें आदित्य | |||
+आठवें वसु | |||
-अश्विनी कुमार | |||
-चोथे रुद्र | |||
{[[युधिष्ठिर]] के [[अश्वमेघ यज्ञ]] में निन्दा करने वाले नेवले का नाम एक [[पाण्डव]] का भी था? | |||
|type="()"} | |||
-[[अर्जुन]] | |||
-[[सहदेव]] | |||
+[[नकुल]] | |||
-[[भीम]] | |||
{[[कुबेर]] के पुत्र का नाम था? | |||
|type="()"} | |||
-[[नील]] | |||
-युयुत्स | |||
+नलकुबर | |||
-दृष्टद्युम्न | |||
{[[उर्वशी]]-[[पुरुरवा]] के पुत्र का नाम था। | |||
|type="()"} | |||
+शतायु | |||
-[[जटायु]] | |||
-[[वातापि]] | |||
-[[इल्वल]] | |||
{[[द्रोणाचार्य]] का वध [[महाभारत]] में युद्ध के कौन से दिन हुआ था? | |||
|type="()"} | |||
-11वें दिन | |||
-13वें दिन | |||
-10वें दिन | |||
+15 वें दिन | |||
{भोजन बनाने में किस [[पाण्डव]] को महारथ हासिल था? | |||
|type="()"} | |||
-[[अर्जुन]] | |||
+[[भीम]] | |||
-[[युधिष्ठिर]] | |||
-[[नकुल]] | |||
||[[चित्र:Bhim-Dushasan.jpg|भीम द्वारा दुःशासन वध|100px|right]]भीम बलशाली होने के साथ-साथ बहुत अच्छा रसोइया भी था । विराट नगर में जब अज्ञातवास के समय जब द्रौपदी सैरंध्री बनकर रह रही थी, द्रौपदी के शील की रक्षा करते हुए उसने कीचक को भी मारा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भीम]] | |||
{संकर्षण किसका नाम था? | |||
|type="()"} | |||
-[[अर्जुन]] | |||
-[[दुर्योधन]] | |||
+[[बलराम]] | |||
-[[भीम]] | |||
||[[चित्र:Balarama.jpg|बलराम|100px|right]]बलराम- नारायणीयोपाख्यान में वर्णित व्यूहसिद्धान्त के अनुसार विष्णु के चार रूपों में दूसरा रूप 'संकर्षण' (प्रकृति = आदितत्त्व) है। संकर्षण बलराम का अन्य नाम है जो कृष्ण के भाई थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बलराम]] | |||
{संज्ञा और छाया किसकी पत्नियाँ थी? | |||
|type="()"} | |||
-[[इन्द्र]] | |||
+[[सूर्य]] | |||
-[[यक्ष]] | |||
-[[शिव]] | |||
||[[कश्यप|महर्षि कश्यप]] लोक पिता हैं। उनकी पत्नी देवमाता [[अदिति]] के गर्भ से भगवान विराट के नेत्रों से व्यक्त सूर्यदेव जगत में प्रकट हुए। सूर्य मण्डल का दृश्य रूप भौतिक जगत में उनकी देह है। विश्वकर्मा की पुत्री [[संज्ञा]] से उनका परिणय हुआ। संज्ञा के दो पुत्र और एक कन्या हुई- श्राद्धदेव [[वैवस्वतमनु]] और [[यमराज]] तथा [[यमुना]] जी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूर्य]] | |||
{[[अर्जुन]] ने अपने पिता [[इन्द्र]] से किस वन को जलाने के लिए युद्ध किया था? | |||
|type="()"} | |||
+[[खाण्डव वन]] | |||
-उपवन | |||
-[[काम्यकवन]] | |||
-[[वृन्दावन]] | |||
||श्वैतकि के यज्ञ में निरंतर बारह वर्षों तक घृतपान करने के उप्ररांत [[अग्नि देवता]] को तृप्ति के साथ-साथ अपच हो गया। उन्हें किसी का हविष्य ग्रहण करने की इच्छा नहीं रही। स्वास्थ्य की कामना से [[अग्निदेव]] [[ब्रह्मा]] के पास गये। ब्रह्मा ने कहा की यदि वे खांडव वन को जला देंगे तो वहाँ रहने वाले विभिन्न जंतुओं से तृप्त होने पर उनकी अरुचि भी समाप्त हो जायेगी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[खाण्डव वन]] | |||
{[[जरासंध]] कौन से [[महाजनपद]] का राजा था? | |||
|type="()"} | |||
-कौसल | |||
-[[शूरसेन]] | |||
-कैकेय | |||
+[[मगध महाजनपद|मगध]] | |||
||मगध प्राचीन [[भारत]] के [[सोलह महाजनपद]] में से एक था । [[बौद्ध]] काल तथा परवर्तीकाल में उत्तरी भारत का सबसे अधिक शक्तिशाली जनपद था। इसकी स्थिति स्थूल रूप से दक्षिण बिहार के प्रदेश में थी। आधुनिक [[पटना]] तथा गया ज़िला इसमें शामिल थे । इसकी राजधानी गिरिव्रज थी । भगवान [[बुद्ध]] के पूर्व बृहद्रथ तथा जरासंध यहाँ के प्रतिष्ठित राजा थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मगध महाजनपद]] | |||
</quiz> | |||
|} | |||
|} | |||
__NOTOC__ |
10:33, 27 सितम्बर 2011 का अवतरण
महाभारत
|