"दिल्ली मेट्रो": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (श्रेणी:रेल परिवहन; Adding category Category:भारतीय रेल (Redirect Category:भारतीय रेल resolved) (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 24: पंक्ति 24:
[[Category:समाचार जगत]]
[[Category:समाचार जगत]]
[[Category:राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली]] [[Category:दिल्ली]] [[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
[[Category:राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली]] [[Category:दिल्ली]] [[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
[[Category:रेल परिवहन]] [[Category:यातायात और परिवहन]] [[Category:यातायात और परिवहन कोश]]
[[Category:यातायात और परिवहन]] [[Category:यातायात और परिवहन कोश]]
[[Category:भारतीय रेल]]


__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

11:30, 27 सितम्बर 2011 का अवतरण

मेट्रो रेल, दिल्ली

दिल्ली मेट्रो रेल भारत की राजधानी दिल्ली की मेट्रो रेल परिवहन व्यवस्था है जो दिल्ली मेट्रो रेल निगम लिमिटेड द्वारा संचालित है। इसका शुभारंभ 24 दिसंबर, 2002 को शहादरा तीस हजारी लाईन से हुआ। इस परिवहन व्यवस्था की अधिकतम गति 80 किमी/घंटा अथवा (50 मील / घंटा) रखी गयी है और यह हर स्टेशन पर लगभग 20 सेकेंड रुकती है। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में मेट्रो रेल एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले परिवहन का ज्यादतर बोझ सड़क पर था। प्रारंभिक अवस्था में इसकी योजना छह मार्गों पर चलने की थी जो दिल्ली के ज्यादातर हिस्से को जोड़ते थे। इस प्रारंभिक चरण को 2006 में पूरा किया गया। बाद में इसका विस्तार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सीमावर्ती शहरों गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गाँव और नोएडा तक किया गया है।

समाचार

26 सितंबर, 2011 सोमवार

दिल्ली मेट्रो को संयुक्त राष्ट्र से मिला 'कार्बन क्रेडिट'

दिल्ली मेट्रो दुनिया का पहला ऐसा रेलवे नेटवर्क बना है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने ग्रीन हाउस गैसों में कमी लाने के लिए 'कॉर्बन क्रेडिट' दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने विज्ञप्ति में कहा है कि इस परिवहन प्रणाली ने शहर का प्रदूषण स्तर एक साल में 6,30,000 टन कम किया है। इसके अनुसार अब दिल्ली को सात सालों के लिए 95 लाख डॉलर कार्बन क्रेडिट के तौर पर मिलेंगे। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि जैसे-जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ती जाएगी ये राशि और बढ़ जाएगी। संयुक्त राष्ट्र के 'स्वच्छ विकास तंत्र' यानी क्लीन डेवलपमेंट मैकेनिज़्म की योजना के तहत कार्बन क्रेडिट दिया जाता है। इस योजना के अनुसार ग्रीन हाउस गैसों में कटौती करने के लिए विकासशील देशों की व्यावसायिक कंपनियों को वित्तीय सहायता दी जाती है। संयुक्त राष्ट्र ने वक्तव्य में कहा है, "क्योटो प्रोटोकॉल के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र की जो इकाई स्वच्छ विकास तंत्र का संचालन करती है उसने ये प्रमाणित किया है कि दिल्ली की मेट्रो ने ग्रीन हाउस गैसों में कटौती की है।" इस वक्तव्य में ये भी कहा गया है कि दुनिया में किसी भी मेट्रो को कार्बन क्रेडिट नहीं मिला है क्योंकि इसके लिए एक निर्णायक दस्तावेज़ प्रमाण चाहिए जो ये बता सके कि कटौती हुई है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि, "जो भी यात्री कार या बस की बजाय मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं वे हर 10 किलोमीटर की दूरी के लिए तक़रीबन 100 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड में कमी लाते है और इससे जलवायु परिवर्तन में कमी लाने में मदद मिलती है।"

समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख