"दमोह": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "पुरातत्त्व" to "पुरातत्त्व")
छो (Text replace - " सदी " to " सदी ")
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
*दमोह के अधिकतर प्राचीन मंदिरों को मुग़लों ने नष्ट कर दिया तथा इनकी सामग्री एक क़िले के निर्माण में प्रयुक्त की गई। इस नगर में [[शिव]], [[पार्वती]] एवं [[विष्णु]] की मूर्तियों सहित कई प्राचीन प्रतिमाएँ हैं।  
*दमोह के अधिकतर प्राचीन मंदिरों को मुग़लों ने नष्ट कर दिया तथा इनकी सामग्री एक क़िले के निर्माण में प्रयुक्त की गई। इस नगर में [[शिव]], [[पार्वती]] एवं [[विष्णु]] की मूर्तियों सहित कई प्राचीन प्रतिमाएँ हैं।  
*दमोह में दो पुरानी मस्जिदें, कई घाट और जलाशय हैं।  
*दमोह में दो पुरानी मस्जिदें, कई घाट और जलाशय हैं।  
*दमोह का 14 वीं सदी में [[मुसलमान|मुसलमानों]] के प्रभाव से महत्त्व बढ़ा और यह मराठा प्रशासकों का केन्द्र भी रहा।  
*दमोह का 14 वीं [[सदी]] में [[मुसलमान|मुसलमानों]] के प्रभाव से महत्त्व बढ़ा और यह मराठा प्रशासकों का केन्द्र भी रहा।  
*ऐतिहासिक नगर दमोह के आस-पास का इलाका [[पुरातत्त्व]] की दृष्टि से समृद्ध है, जहाँ छित्ता एवं रोंड जैसे प्राचीन स्थल हैं।  
*ऐतिहासिक नगर दमोह के आस-पास का इलाका [[पुरातत्त्व]] की दृष्टि से समृद्ध है, जहाँ छित्ता एवं रोंड जैसे प्राचीन स्थल हैं।  



10:58, 3 अक्टूबर 2011 का अवतरण

  • दमोह नगर मध्य प्रदेश के मध्य में स्थित है।
  • हिन्दू पौराणिक कथाओं के राजा नल की पत्नी दमयंती के नाम पर ही इसका नाम दमोह पड़ा।
  • अकबर के साम्राज्य में यह मालवा सूबे का हिस्सा था।
  • दमोह के अधिकतर प्राचीन मंदिरों को मुग़लों ने नष्ट कर दिया तथा इनकी सामग्री एक क़िले के निर्माण में प्रयुक्त की गई। इस नगर में शिव, पार्वती एवं विष्णु की मूर्तियों सहित कई प्राचीन प्रतिमाएँ हैं।
  • दमोह में दो पुरानी मस्जिदें, कई घाट और जलाशय हैं।
  • दमोह का 14 वीं सदी में मुसलमानों के प्रभाव से महत्त्व बढ़ा और यह मराठा प्रशासकों का केन्द्र भी रहा।
  • ऐतिहासिक नगर दमोह के आस-पास का इलाका पुरातत्त्व की दृष्टि से समृद्ध है, जहाँ छित्ता एवं रोंड जैसे प्राचीन स्थल हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख