"अनमोल वचन 7": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 366: | पंक्ति 366: | ||
* जिस आदमी के पास सिर्फ हथौड़ा होता है उसे अपने सामने आने वाली हर चीज़ कील ही दीखती है। ~ अब्राहम मासलो | * जिस आदमी के पास सिर्फ हथौड़ा होता है उसे अपने सामने आने वाली हर चीज़ कील ही दीखती है। ~ अब्राहम मासलो | ||
* तीसरे दर्जे का दिमाग बहुमत के जैसी सोच रखने पर खुश होता है। दूसरे दर्जे का दिमाग अल्पमत के जैसी सोच रखने पर खुश होता है। और पहले दर्जे का दिमाग सिर्फ सोचने पर ही खुश हो जाता है। ~ ए ए मिलन | * तीसरे दर्जे का दिमाग बहुमत के जैसी सोच रखने पर खुश होता है। दूसरे दर्जे का दिमाग अल्पमत के जैसी सोच रखने पर खुश होता है। और पहले दर्जे का दिमाग सिर्फ सोचने पर ही खुश हो जाता है। ~ ए ए मिलन | ||
* मैं सैकड़ों ज्योतिषियों और तांत्रिकों के यहाँ गया और उन्होंने मुझे हजारों बातें बताईं। पर उनमें से एक भी मुझे यह नहीं बता सका कि मैं एक पुलिसवाला हूँ जो उन्हें गिरफ्तार करने आया है। ~ न्यूयॉर्क पुलिसमैन | * मैं सैकड़ों ज्योतिषियों और तांत्रिकों के यहाँ गया और उन्होंने मुझे हजारों बातें बताईं। पर उनमें से एक भी मुझे यह नहीं बता सका कि मैं एक पुलिसवाला हूँ जो उन्हें गिरफ्तार करने आया है। ~ न्यूयॉर्क पुलिसमैन | ||
* लंबा पत्र लिखने के लिए माफी चाहता हूँ पर इसे छोटा करने के लिए मेरे पास समय नहीं था। ~ ब्लेज़ पास्कल | * लंबा पत्र लिखने के लिए माफी चाहता हूँ पर इसे छोटा करने के लिए मेरे पास समय नहीं था। ~ ब्लेज़ पास्कल | ||
पंक्ति 374: | पंक्ति 372: | ||
* ऐसा कोई युग कभी नहीं रहा जिस में अतीत का गुणगान और वर्तमान पर विलाप न किया गया हो। ~ लिलियन आइक्लर वॉटसन | * ऐसा कोई युग कभी नहीं रहा जिस में अतीत का गुणगान और वर्तमान पर विलाप न किया गया हो। ~ लिलियन आइक्लर वॉटसन | ||
* प्यार कभी निष्फल नहीं होता, चरित्र कभी नहीं हारता और धैर्य व दृढ़ता से सपने अवश्य सच हो जाते हैं। - पीट मेराविच | |||
* हर दिन मेरा सर्वश्रेष्ठ दिन है, यह मेरी जिन्दगी है, मेरे पास यह क्षण दुबारा नहीं होगा। - बर्नी सीगल | |||
* जिन्दगी वैसी नहीं है जैसी आप इसके लिये कामना करते हैं, यह तो वैसी बन जाती है, जैसा आप इसे बनाते हैं। - एंथनी रयान | |||
* जो स्वयं संयमित व नियंत्रित है उसे, व्यर्थ में और अधिक नियंत्रित नहीं करना चाहिये, जो अभी अनियंत्रित है, उसी को नियंत्रित किया जाना चाहिए। - अथर्ववेद | |||
* यदि कोई अपने धन को ज्ञान अर्जित करने में खर्च करता है तो उससे उस ज्ञान को कोई नहीं छीन सकता, ज्ञान के लिये किये गये निवेश में हमेशा अच्छा प्रतिफल प्राप्त होता है। - बेंजामिन फ्रेंकलिन | |||
* प्रयत्न देवता की तरह है जबकि भाग्य दैत्य की भांति, ऐसे में प्रयत्न देवता की उपासना करना ही श्रेष्ठ काम है। - समर्थ गुरू रामदास | |||
* कुछ लोग चाहे जितने बूढ़े हो जाएं उनकी, सुन्दरता नहीं मिटती, यह बस उनके चेहरों से उतरकर उनके दिलों में आ बसती है। - मार्टिन बक्सबाम | |||
* आप जिस कार्य को कर रहे हैं, उस पर पूरे, मनोयोग से ध्यान केन्द्रित करें। सूर्य की किरणों से उस समय तक अग्नि प्रज्वलित नहीं होती जब तक उन्हें केन्द्रित नहीं किया जाता। - अलेक्जेंडर ग्राहम बेल | |||
* जीवन वैसे ही बहुत छोटा है, लेकिन हम समय की अंधाधुंध बर्बादी करके इसे और भी छोटा कर देते हैं। - विक्टर ह्यूगो | |||
* जीवन की उन सीमाओं को छोड़ कर, कोई और सीमाएं नहीं हैं, जिन्हें आप खुद तय करते हैं। - लेस ब्राउन | |||
* सत्ता की महत्ता तो मोहक भी बहुत होती है, एक बार हांथ में आने पर और कंटीली होने पर भी छोड़ी नहीं जाती। - वृंदावनलाल वर्मा | |||
* आशा अमर है उसकी आराधना कभी निष्फल नहीं होती। - महात्मा गांधी | |||
* जब कोई प्रतिभाशाली हस्ती इस संसार में आती है तो उसे इस लक्षण से पहचाना जा सकता है तमाम मूर्ख उसके खिलाफ उठकर खड़े हो जाते हैं। - स्विफ्ट | |||
* मानवता प्रकाश की वह नदी है जो सीमित से असीम की ओर बहती है। - खलील जिब्रान | |||
* इच्छा रूपी समुद्र सदा अतृप्त रहता है उसकी मांगे ज्यों-ज्यों पूरी की जाती हैं, त्यों-त्यों और गर्जन करता है। - स्वामी विवेकानन्द | |||
* शरीर-बल से प्राप्त सत्ता मानव देह की, तरह क्षणभंगुर रहेगी, जबकि आत्मबल से प्राप्त सत्ता अजर-अमर। - महात्मा गांधी | |||
* मन ज्यों-ज्यों हिंसा से दूर हटता है, त्यों-त्यों दुख शांत हो जाता है। - महात्मा बुद्ध | |||
* सत्य से सूर्य तपता है, सत्य से आग जलती है,सत्य से वायु बहती है सब कुछ सत्य में ही प्रतिष्ठित है। - वेदव्यास | |||
* व्यक्ति को हानि, पीड़ा और चिंताएं, उसकी किसी आंतरिक दुर्बलता के कारण होती है, उस दुर्बलता को दूर करके कामयाबी मिल सकती है। - स्वामी रामतीर्थ | |||
* बल की शिकायतें सब सुनते हैं, निर्बल की फरियाद कोई नहीं सुनता। - प्रेमचन्द | |||
* जो कला आत्मा को आत्मदर्शन की शिक्षा नहीं देती, वह कला नहीं है। - महात्मा गांधी | |||
* जिस तरह उबलते हुए पानी में हम अपना, प्रतिबिम्ब नहीं देख सकते उसी तरह क्रोध की अवस्था में यह नहीं समझ पाते कि हमारी भलाई किस बात में है। - महात्मा बुद्ध | |||
* न रगड़ के बिना रत्न पर पालिश होती है, न कठिनाइयों के बिना मानव में पूर्णता आती है। - लाओत्सेज | |||
* गरीब वह नहीं जिसके पास कम है, बल्कि धनवान होते हुए भी जिसकी इच्छा कम नहीं हुई है, वह सबसे अधिक गरीब है। - विनोबा भावे | |||
* जो अप्राप्त वस्तु के लिए चिंता नहीं करता और प्राप्त वस्तु के लिए सम रहता है, वह संतुष्ट कहा जा सकता है। - महोपनिषद | |||
* आत्मसंयम, अनुशासन और बलिदान के बिना राहत या मुक्ति की आशा नहीं की जा सकती। - महात्मा गांधी | |||
* जल से शरीर शुद्ध होता है, मन से सत्य शुद्ध होता है, विद्या और तप से भूतात्मा तथा ज्ञान से बुद्धि शुद्ध होती है। - मनुस्मृति | |||
* शेष ऋण, शेष अग्नि, तथा शेष रोग पुन: पुन: बढ़ते हैं, अत: इन्हें शेष नहीं छोड़ना चाहिये। - अज्ञात | |||
* ताकतवर होने के लिए अपनी शक्ति में भरोसा रखना जरूरी है, वैसे व्यक्तियों से अधिक कमजोर कोई नहीं होता जिन्हें अपने सामर्थ्य पर भरोसा नहीं। - स्वामी दयानंद सरस्वती | |||
* मूर्खों से बहस करके कोई भी व्यक्ति, बु्द्धिमान नहीं कहला सकता, मूर्ख पर विजय पाने का एकमात्र उपाय यही है कि उसकी ओर ध्यान नहीं दिया जाए। - संत ज्ञानेश्वर | |||
* लोभी को पूरा संसार मिल जाए तो भी वह, भूखा रहता है, लेकिन संतोषी का पेट, एक रोटी से ही भर जाता है। - शेख सादी | |||
* दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है। - प्रेमचन्द | |||
* दरिद्रता सब पापों की जननी है, तथा लोभ उसकी सबसे बड़ी संतान है। - जयशंकर प्रसाद | |||
* काहिली और मन की पवित्रता, एक साथ नहीं रह सकतीं। - महात्मा गांधी | |||
* यदि आप चाहते हैं कि लोग आपके साथ सच्चा व्यवहार करें तो आप खुद सच्चे बनें और अन्य लोगों से भी सच्चा व्यवहार करें। - महर्षि अरविन्द | |||
* अशिक्षित रहने से पैदा न होना अच्छा है, क्योंकि अज्ञान सब बुराईयों का मूल हैं। - नेपोलियन बोनापार्ट | |||
* सज्जन लोग स्वभाव से ही, स्वार्थ सिद्धि में आलसी और, परोपकार में दक्ष होते हैं। - भास | |||
* गुणों से ही मानव की पहचान होती है, ऊंचे सिंहासन पर बैठने से नहीं। महल के उच्च शिखर पर बैठने के बावजूद कौवे का गरूड़ होना असंभव है। - चाणक्य | |||
* समानता ही आजादी की आत्मा है, अगर समानता ही न हो तो आजादी निरर्थक है। - फ्रांसिस राईट | |||
* सन्यास हृदय की एक दशा का नाम है, किसी ऊपरी नियम या वेशभूषा का नहीं। - श्रीमद् भगवदगीता | |||
* इच्छा से दुख आता है, इच्छा से भय, आता है, जो इच्छाओं से मुक्त है वह न दुख जानता है न भय। - महात्मा गांधी | |||
* हंसी मन की गांठे बड़ी आसानी से खोल देती है मेरे मन की भी और तुम्हारे मन की भी। - महात्मा गांधी | |||
* बुरा व्यक्ति उस समय और भी बुरा हो जाता है जब वह अच्छा होने का ढोंग करता है। - फ्रांसिस बेकन | |||
* उस मनुष्य की सम्पत्ति, जिसे लोग प्यार नहीं करते हैं, गांव के बीचों- बीच किसी विष-वृक्ष के फलने के समान है। - तिरूवल्लुवर | |||
* जो नए सुधारों पर अमल नहीं, करेगा वह नए खतरों को न्यौता देगा। - फ्रांसिस बेकन | |||
* शिक्षा की जड़े भले ही कड़वी हों, इसके फल मीठे होते हैं। - अरस्तू | |||
* चरित्र वृक्ष के समान है तो प्रतिष्ठा, उसकी छाया है। हम अक्सर छाया के, बारे में सोचते हैं, जबकि असल, चीज तो वृक्ष ही है। - अब्राहम लिंकन | |||
* मनुष्यता का एक पक्ष वह भी है, जहां वर्ण, धर्म और देश को भूलकर मनुष्य, मनुष्य के लिए प्यार करता हैं। - जयशंकर प्रसाद | |||
* जो पढ़ता नहीं है, वह उस व्यक्ति से कतई बेहतर नहीं है जो अनपढ़ है। - मार्क ट्वेन | |||
* अधिक धन सम्पन्न होने पर भी जो असंतुष्ट रहता है, वह निर्धन है, धन से रहित होने पर भी जो संतुष्ट है वह सदा धनी है। - अश्वघोष | |||
09:30, 4 अक्टूबर 2011 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, अनमोल वचन 2, अनमोल वचन 3, अनमोल वचन 4, अनमोल वचन 5, अनमोल वचन 6, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत
अनमोल वचन |
---|
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ