"अनमोल वचन 9": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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* | * कर्म की उत्पत्ति विचार में है, अतः विचार ही महत्वपूर्ण हैं। ~ साई बाबा | ||
* | * इतने मधुर न हों कि लोग आपको निगल लें, इतने कटु भी नहीं कि वे आपको उगल दें। - पश्तो की कहावत | ||
* | * सम्पत्ति उस व्यक्ति की होती है जो इसका आनन्द लेता है न कि उस व्यक्ति को जो इसे अपने पास रखता है। - अफगानी कहावत | ||
* | * जो जानता नही कि वह जानता नही, वह मुर्ख है - उसे दुर भगाओ। जो जानता है कि वह जानता नही, वह सीधा है - उसे सिखाओ। जो जानता नही कि वह जानता है, वह सोया है - उसे जगाओ। जो जानता है कि वह जानता है, वह सयाना है - उसे गुरू बनाओ। — अरबी कहावत | ||
* | * जिसके पास स्वास्थ्य है, उसके पास आशा है तथा जिसके पास आशा है, उसके पास सब कुछ है। - अरबी कहावत | ||
* | * परमेश्वर पर भरोसा रखिए - लेकिन अपने ऊंट को भी खूंटे से कस कर बांधे रखिए। ~ फ़ारसी कहावत | ||
* | * हमारी पहचान हमेशा हमारे द्वारा छोड़ी गई उपलब्धियों से होती है। - अमरीकी कहावत | ||
* | * यदि आपको भगवान का भय है, तो आपको मनुष्यों से डर नहीं लगेगा। - अल्बानियाई कहावत | ||
* | * हमारे आँगन में भी सूरज की धूप अवश्य आएगी। - रूसी कहावत | ||
* | * हमारे पास जो है हम उसकी परवाह नहीं करते, लेकिन जब उसे खो देते हैं तो शोक मनाते हैं। - रूसी कहावत | ||
* | * अगर आप कांटे फैलाते हैं तो नंगे पैर न चलें। - इटली की कहावत | ||
* | * दूसरों के मामलों में न्याय हो यह सभी को भाता है। - इटली की कहावत | ||
* | * ऐसे कानून व्यर्थ हैं जिनके अमल की व्यवस्था ही न हो। - इटली की कहावत | ||
* | * सभी जो चर्च जाते हैं संत नहीं होते। - इटली की कहावत | ||
* | * अच्छे पत्ते जिसे मिले हों वह कभी नहीं कहेगा कि गलत बांटे हैं। - आयरलैंड की कहावत | ||
* ऐसा व्यक्ति जो अनुशासन के बिना जीवन जीता है वह सम्मान रहित मृत्यु मरता है। - आईसलैण्ड की कहावत | |||
* जो आपके साथ दूसरों की बातें करते हैं वे आपके बारे में भी बातें करेंगे। - आयरलैंड की कहावत | |||
* कड़े गोश्त के लिए - पैने दाँत। - तुर्की की कहावत | |||
* अच्छे मित्र के साथ कोई भी मार्ग लंबा नहीं होता है। - तुर्की की कहावत | |||
* हमेशा अच्छा नाम छोड़ कर जाएँ, हो सकता है आप वापस आएँ। - केन्या की लोकोक्ति | |||
* आपके पास जो आटा है आप उसी की रोटी बना सकते है। - डेन्मार्क की लोकोक्ति | |||
* उस्ताद वह नहीं जो आरंभ करता है, बल्कि वह है जो पूर्ण करता है। - स्लोवाकिया की कहावत | |||
* जिस चीज को आप बदल नहीं सकते हैं, आपको उसे अवश्य ही सहन करना चाहिए। - स्पेनी कहावत | |||
* अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए समय न निकालने वाला व्यक्ति ऐसे मिस्त्री के समान होता है तो अपने औजारों की ही देखभाल में व्यस्त रहता है ~ स्पेन की कहावत | |||
* विचार से कर्म की उत्पत्ति होती है, कर्म से आदत की उत्पत्ति होती है, आदत से चरित्र की उत्पत्ति होती है और चरित्र से आपके प्रारब्ध की उत्पत्ति होती है। - बौद्ध कहावत | |||
* धर्महीन व्यक्ति बिना नकेल वाले घोड़े की तरह होता है। - लातिनी कहावत | |||
* एक झूठ हजार सच्चाईयों का नाश कर देता है। - घाना की कहावत | |||
* मित्रता आनन्द को दुगुना और दुःख को आधा कर देती है। - मिस्र की कहावत | |||
* यदि आप सात बार गिरते हैं, तो आठ बार खड़ें हों। - जापानी कहावत | |||
* एक मीठा बोल सर्दी के तीन महीनों को ऊष्मा दे सकता है। - जापानी कहावत | |||
* ज़िंदगी तो कुल एक पीढ़ी भर की होती है, पर नेक काम पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। - जापानी कहावत | |||
* असफलता से सफलता की शिक्षा मिलती है। - जापनी कहावत | |||
* परमेश्वर पर भरोसा रखिए - लेकिन अपने ऊंट को भी खूंटे से कस कर बांधे रखिए। - फ़ारसी कहावत | |||
* बीमारी की कड़वाहट से व्यक्ति स्वास्थ्य की मधुरता समझ पाता है। - कैतालियाई कहावत | |||
* विवाह एक ढका हुआ पकवान है। - स्विस कहावत | |||
* बांट लेने से सुख दूना होता है और दु:ख आधा। ~ स्वीडन की कहावत | |||
* साझा की गई खुशी दुगनी खुशी होती है; साझा किया गया दुख आधा होता है। ~ स्वीडन की कहावत | |||
* शरीर के मामले में जो स्थान साबुन का है, वही आत्मा के संदर्भ में आंसू का। - यहूदी कहावत | |||
* क्रोध की अति तो कटार से भी विनाशकारी है। - भारत की कहावत | |||
* उच्च खेती, मध्यम व्यापार और नीच नौकरी। - भारत की कहावत | |||
* शिक्षक द्वार खोलते हैं; लेकिन प्रवेश आपको स्वयं ही करना होता है। - चीनी कहावत | |||
* अगर आप चाहते हैं कि किसी को मालूम न पड़े, तो ऐसा काम ही न करें। - चीनी कहावत | |||
* यदि मुस्कान आपके स्वभाव में नहीं तो दुकानदारी के चक्कर में नहीं पड़े। - चीनी कहावत | |||
* हो हाथ फूल बांटता है उस हाथ में भी सुगंध आ जाती है। - चीनी कहावत | |||
* यदि आप ग़ुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दुःख के सौ दिन से बच जाएंगे। - चीनी कहावत | |||
* ऐसा छात्र जो प्रश्न पूछता है, वह पांच मिनट के लिए मूर्ख रहता है, लेकिन जो पूछता ही नहीं है वह जिंदगी भर मूर्ख ही रहता है। - चीनी कहावत | |||
* अच्छा क्या है, इसे सीखने के लिए एक हजार दिन भी अपर्याप्त हैं; लेकिन बुरा क्या है, यह सीखने के लिए एक घंटा भी ज्यादा है। - चीनी कहावत | |||
* अध्यापक मार्गदर्शक का काम करते हैं, चलता आपको स्वयं पड़ता है। - चीनी कहावत | |||
* उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं। संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। - चीनी कहावत | |||
* हजारों मील की यात्रा भी प्रथम चरण से ही आरम्भ होती है। — चीनी कहावत | |||
* आहिस्ता चलने से नहीं, सिर्फ चुपचाप खड़े रहने से डर। ~ चीनी कहावत | |||
* आप अपने पास दुखों को आने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन आप उन दुखों से घबराएं नहीं, ऐसा तो आप कर सकते हैं। - चीनी कहावत | |||
* प्रशंसा सब को अच्छी लगती है,शायद ही कोई होगा जिसे प्रशंसा सुनना अच्छा नहीं लगता है, प्रशंसा आवश्यक है, अच्छे कार्य की प्रशंसा नहीं करना अनुचित है पर ये कतई आवश्यक नहीं है, कि अच्छा करने पर ही प्रशंसा की जाए, प्रोत्साहन के लिए साधारण कार्य की प्रशंसा भी कई बार बेहतर करने को प्रेरित करती है,पर देखा गया है लोग झूंठी प्रशंसा भी करते हैं, खुश करने के लिए या कडवे सत्य से बचने के लिए या दिखावे के लिए। पर इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। व्यक्ति सत्य से दूर जा सकता है, एवं वह अति आत्मविश्वाश और भ्रम का शिकार हो सकता है, जो घातक सिद्ध हो सकता है। वास्तविक स्पर्धा में वह पीछे रह सकता है या असफल हो सकता है इसलिए प्रशंसा कब और कितनी करी जाए, यह जानना भी आवश्यक है। साथ ही झूंठी प्रशंसा को पहचानना भी आवश्यक है। इसलिए सहज भाव से संयमित प्रशंसा करें, और सुनें, प्रशंसा से अती आत्मविश्वाश से ग्रसित होने से बचें। प्रशंसा करने में कंजूसी भी नहीं बरतें। - डा.राजेंद्र तेला,"निरंतर" | |||
* | * विपत्ती के समय में इंसान विवेक खो देता है, स्वभाव में क्रोध और चिडचिडापन आ जाता है। बेसब्री में सही निर्णय लेना व उचित व्यवहार असंभव हो जाता है। लोग व्यवहार से खिन्न होते हैं, नहीं चाहते हुए भी समस्याएं सुलझने की बजाए उलझ जाती हैं जिस तरह मिट्टी युक्त गन्दला पानी अगर बर्तन में कुछ देर रखा जाए तो मिट्टी और गंद पैंदे में नीचे बैठ जाती है, उसी तरह विपत्ती के समय शांत रहने और सब्र रखने में ही भलाई है। धीरे धीरे समस्याएं सुलझने लगेंगी एक शांत मष्तिष्क ही सही फैसले आर उचित व्यवहार कर सकता है। - डा.राजेंद्र तेला," निरंतर '' | ||
* मनुष्य निरंतर दूसरों का अनुसरण करता है, उनके जीवन से प्रभावित हो कर या उनके कार्य कलापों से प्रभावित होता है अधिकतर अन्धानुकरण ही होता है। क्यों किसी ने कुछ कहा? किन परिस्थितियों में कुछ करा या कहा कभी नहीं सोचता। परिस्थितियाँ और कारण सदा इकसार नहीं होते, महापुरुषों का अनुसरण अच्छी बात है फिर भी अपने विवेक और अनुभव का इस्तेमाल भी आवश्यक है। यह भी निश्चित है जो भी ऐसा करेगा उसे विरोध का सामना भी करना पडेगा। उसे इसके लिए तैयार रहना पडेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो केवल मात्र एक या दो ही महापुरुष होते। नया कोई कभी पैदा नहीं होता। इसलिए मेरा मानना है जितना ज़िन्दगी को करीब से देखोगे। अपने को दूसरों की स्थिती में रखोगे तो स्थितियों को बेहतर समझ सकोगे, जीवन की जटिलताएं स्वत: सुलझने लगेंगी। - राजेंद्र तेला | |||
* समस्या तभी पैदा होती है जब दिनचर्या का महत्त्व ज्यादा हो जाता है सोच नेपथ्य में रह जाता है, धीरे धीरे खो जाता है, केवल भ्रम रह जाता है भौतिक सुख, अपने से ज्यादा" लोग क्या कहेंगे "की चिंता प्रमुख हो जाते हैं आदमी स्वयं, स्वयं नहीं रहता कठपुतली की तरह नाचता रहता, जो करना चाहता, कभी नहीं कर पाता, जो नहीं करना चाहता, उसमें उलझा रहता, जितना दूर भागता उतना ही फंसता जाता। - राजेंद्र तेला | |||
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14:43, 7 अक्टूबर 2011 का अवतरण
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- कर्म की उत्पत्ति विचार में है, अतः विचार ही महत्वपूर्ण हैं। ~ साई बाबा
- इतने मधुर न हों कि लोग आपको निगल लें, इतने कटु भी नहीं कि वे आपको उगल दें। - पश्तो की कहावत
- सम्पत्ति उस व्यक्ति की होती है जो इसका आनन्द लेता है न कि उस व्यक्ति को जो इसे अपने पास रखता है। - अफगानी कहावत
- जो जानता नही कि वह जानता नही, वह मुर्ख है - उसे दुर भगाओ। जो जानता है कि वह जानता नही, वह सीधा है - उसे सिखाओ। जो जानता नही कि वह जानता है, वह सोया है - उसे जगाओ। जो जानता है कि वह जानता है, वह सयाना है - उसे गुरू बनाओ। — अरबी कहावत
- जिसके पास स्वास्थ्य है, उसके पास आशा है तथा जिसके पास आशा है, उसके पास सब कुछ है। - अरबी कहावत
- परमेश्वर पर भरोसा रखिए - लेकिन अपने ऊंट को भी खूंटे से कस कर बांधे रखिए। ~ फ़ारसी कहावत
- हमारी पहचान हमेशा हमारे द्वारा छोड़ी गई उपलब्धियों से होती है। - अमरीकी कहावत
- यदि आपको भगवान का भय है, तो आपको मनुष्यों से डर नहीं लगेगा। - अल्बानियाई कहावत
- हमारे आँगन में भी सूरज की धूप अवश्य आएगी। - रूसी कहावत
- हमारे पास जो है हम उसकी परवाह नहीं करते, लेकिन जब उसे खो देते हैं तो शोक मनाते हैं। - रूसी कहावत
- अगर आप कांटे फैलाते हैं तो नंगे पैर न चलें। - इटली की कहावत
- दूसरों के मामलों में न्याय हो यह सभी को भाता है। - इटली की कहावत
- ऐसे कानून व्यर्थ हैं जिनके अमल की व्यवस्था ही न हो। - इटली की कहावत
- सभी जो चर्च जाते हैं संत नहीं होते। - इटली की कहावत
- अच्छे पत्ते जिसे मिले हों वह कभी नहीं कहेगा कि गलत बांटे हैं। - आयरलैंड की कहावत
- ऐसा व्यक्ति जो अनुशासन के बिना जीवन जीता है वह सम्मान रहित मृत्यु मरता है। - आईसलैण्ड की कहावत
- जो आपके साथ दूसरों की बातें करते हैं वे आपके बारे में भी बातें करेंगे। - आयरलैंड की कहावत
- कड़े गोश्त के लिए - पैने दाँत। - तुर्की की कहावत
- अच्छे मित्र के साथ कोई भी मार्ग लंबा नहीं होता है। - तुर्की की कहावत
- हमेशा अच्छा नाम छोड़ कर जाएँ, हो सकता है आप वापस आएँ। - केन्या की लोकोक्ति
- आपके पास जो आटा है आप उसी की रोटी बना सकते है। - डेन्मार्क की लोकोक्ति
- उस्ताद वह नहीं जो आरंभ करता है, बल्कि वह है जो पूर्ण करता है। - स्लोवाकिया की कहावत
- जिस चीज को आप बदल नहीं सकते हैं, आपको उसे अवश्य ही सहन करना चाहिए। - स्पेनी कहावत
- अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए समय न निकालने वाला व्यक्ति ऐसे मिस्त्री के समान होता है तो अपने औजारों की ही देखभाल में व्यस्त रहता है ~ स्पेन की कहावत
- विचार से कर्म की उत्पत्ति होती है, कर्म से आदत की उत्पत्ति होती है, आदत से चरित्र की उत्पत्ति होती है और चरित्र से आपके प्रारब्ध की उत्पत्ति होती है। - बौद्ध कहावत
- धर्महीन व्यक्ति बिना नकेल वाले घोड़े की तरह होता है। - लातिनी कहावत
- एक झूठ हजार सच्चाईयों का नाश कर देता है। - घाना की कहावत
- मित्रता आनन्द को दुगुना और दुःख को आधा कर देती है। - मिस्र की कहावत
- यदि आप सात बार गिरते हैं, तो आठ बार खड़ें हों। - जापानी कहावत
- एक मीठा बोल सर्दी के तीन महीनों को ऊष्मा दे सकता है। - जापानी कहावत
- ज़िंदगी तो कुल एक पीढ़ी भर की होती है, पर नेक काम पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। - जापानी कहावत
- असफलता से सफलता की शिक्षा मिलती है। - जापनी कहावत
- परमेश्वर पर भरोसा रखिए - लेकिन अपने ऊंट को भी खूंटे से कस कर बांधे रखिए। - फ़ारसी कहावत
- बीमारी की कड़वाहट से व्यक्ति स्वास्थ्य की मधुरता समझ पाता है। - कैतालियाई कहावत
- विवाह एक ढका हुआ पकवान है। - स्विस कहावत
- बांट लेने से सुख दूना होता है और दु:ख आधा। ~ स्वीडन की कहावत
- साझा की गई खुशी दुगनी खुशी होती है; साझा किया गया दुख आधा होता है। ~ स्वीडन की कहावत
- शरीर के मामले में जो स्थान साबुन का है, वही आत्मा के संदर्भ में आंसू का। - यहूदी कहावत
- क्रोध की अति तो कटार से भी विनाशकारी है। - भारत की कहावत
- उच्च खेती, मध्यम व्यापार और नीच नौकरी। - भारत की कहावत
- शिक्षक द्वार खोलते हैं; लेकिन प्रवेश आपको स्वयं ही करना होता है। - चीनी कहावत
- अगर आप चाहते हैं कि किसी को मालूम न पड़े, तो ऐसा काम ही न करें। - चीनी कहावत
- यदि मुस्कान आपके स्वभाव में नहीं तो दुकानदारी के चक्कर में नहीं पड़े। - चीनी कहावत
- हो हाथ फूल बांटता है उस हाथ में भी सुगंध आ जाती है। - चीनी कहावत
- यदि आप ग़ुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दुःख के सौ दिन से बच जाएंगे। - चीनी कहावत
- ऐसा छात्र जो प्रश्न पूछता है, वह पांच मिनट के लिए मूर्ख रहता है, लेकिन जो पूछता ही नहीं है वह जिंदगी भर मूर्ख ही रहता है। - चीनी कहावत
- अच्छा क्या है, इसे सीखने के लिए एक हजार दिन भी अपर्याप्त हैं; लेकिन बुरा क्या है, यह सीखने के लिए एक घंटा भी ज्यादा है। - चीनी कहावत
- अध्यापक मार्गदर्शक का काम करते हैं, चलता आपको स्वयं पड़ता है। - चीनी कहावत
- उदार मन वाले विभिन्न धर्मों में सत्य देखते हैं। संकीर्ण मन वाले केवल अंतर देखते हैं। - चीनी कहावत
- हजारों मील की यात्रा भी प्रथम चरण से ही आरम्भ होती है। — चीनी कहावत
- आहिस्ता चलने से नहीं, सिर्फ चुपचाप खड़े रहने से डर। ~ चीनी कहावत
- आप अपने पास दुखों को आने से नहीं रोक सकते हैं, लेकिन आप उन दुखों से घबराएं नहीं, ऐसा तो आप कर सकते हैं। - चीनी कहावत
- प्रशंसा सब को अच्छी लगती है,शायद ही कोई होगा जिसे प्रशंसा सुनना अच्छा नहीं लगता है, प्रशंसा आवश्यक है, अच्छे कार्य की प्रशंसा नहीं करना अनुचित है पर ये कतई आवश्यक नहीं है, कि अच्छा करने पर ही प्रशंसा की जाए, प्रोत्साहन के लिए साधारण कार्य की प्रशंसा भी कई बार बेहतर करने को प्रेरित करती है,पर देखा गया है लोग झूंठी प्रशंसा भी करते हैं, खुश करने के लिए या कडवे सत्य से बचने के लिए या दिखावे के लिए। पर इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। व्यक्ति सत्य से दूर जा सकता है, एवं वह अति आत्मविश्वाश और भ्रम का शिकार हो सकता है, जो घातक सिद्ध हो सकता है। वास्तविक स्पर्धा में वह पीछे रह सकता है या असफल हो सकता है इसलिए प्रशंसा कब और कितनी करी जाए, यह जानना भी आवश्यक है। साथ ही झूंठी प्रशंसा को पहचानना भी आवश्यक है। इसलिए सहज भाव से संयमित प्रशंसा करें, और सुनें, प्रशंसा से अती आत्मविश्वाश से ग्रसित होने से बचें। प्रशंसा करने में कंजूसी भी नहीं बरतें। - डा.राजेंद्र तेला,"निरंतर"
- विपत्ती के समय में इंसान विवेक खो देता है, स्वभाव में क्रोध और चिडचिडापन आ जाता है। बेसब्री में सही निर्णय लेना व उचित व्यवहार असंभव हो जाता है। लोग व्यवहार से खिन्न होते हैं, नहीं चाहते हुए भी समस्याएं सुलझने की बजाए उलझ जाती हैं जिस तरह मिट्टी युक्त गन्दला पानी अगर बर्तन में कुछ देर रखा जाए तो मिट्टी और गंद पैंदे में नीचे बैठ जाती है, उसी तरह विपत्ती के समय शांत रहने और सब्र रखने में ही भलाई है। धीरे धीरे समस्याएं सुलझने लगेंगी एक शांत मष्तिष्क ही सही फैसले आर उचित व्यवहार कर सकता है। - डा.राजेंद्र तेला," निरंतर
- मनुष्य निरंतर दूसरों का अनुसरण करता है, उनके जीवन से प्रभावित हो कर या उनके कार्य कलापों से प्रभावित होता है अधिकतर अन्धानुकरण ही होता है। क्यों किसी ने कुछ कहा? किन परिस्थितियों में कुछ करा या कहा कभी नहीं सोचता। परिस्थितियाँ और कारण सदा इकसार नहीं होते, महापुरुषों का अनुसरण अच्छी बात है फिर भी अपने विवेक और अनुभव का इस्तेमाल भी आवश्यक है। यह भी निश्चित है जो भी ऐसा करेगा उसे विरोध का सामना भी करना पडेगा। उसे इसके लिए तैयार रहना पडेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो केवल मात्र एक या दो ही महापुरुष होते। नया कोई कभी पैदा नहीं होता। इसलिए मेरा मानना है जितना ज़िन्दगी को करीब से देखोगे। अपने को दूसरों की स्थिती में रखोगे तो स्थितियों को बेहतर समझ सकोगे, जीवन की जटिलताएं स्वत: सुलझने लगेंगी। - राजेंद्र तेला
- समस्या तभी पैदा होती है जब दिनचर्या का महत्त्व ज्यादा हो जाता है सोच नेपथ्य में रह जाता है, धीरे धीरे खो जाता है, केवल भ्रम रह जाता है भौतिक सुख, अपने से ज्यादा" लोग क्या कहेंगे "की चिंता प्रमुख हो जाते हैं आदमी स्वयं, स्वयं नहीं रहता कठपुतली की तरह नाचता रहता, जो करना चाहता, कभी नहीं कर पाता, जो नहीं करना चाहता, उसमें उलझा रहता, जितना दूर भागता उतना ही फंसता जाता। - राजेंद्र तेला
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