"चित्र:Jetavan-Monastery-Sravasti.jpg": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{चित्र सूचना
{{चित्र सूचना
|विवरण=जेतवन विहार के अवशेष, [[श्रावस्ती]]  
|विवरण=[[जेतवन श्रावस्ती|जेतवन]] विहार के अवशेष, [[श्रावस्ती]]  
|चित्रांकन=[http://www.flickr.com/people/varunshiv/ वरुण शिव कपूर]
|चित्रांकन=[http://www.flickr.com/people/varunshiv/ वरुण शिव कपूर]
|दिनांक=
|दिनांक=
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
|अन्य विवरण=[[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के गोंडा-बहराइच ज़िलों की सीमा पर यह [[बौद्ध]] तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से 12 मील पश्चिम में आधुनिक सहेत-महेत गांव ही श्रावस्ती है। पहले यह [[कौशल]] देश की दूसरी राजधानी थी, भगवान [[राम]] के पुत्र [[लव कुश|लव]] ने इसे अपनी राजधानी बनाया था, श्रावस्ती बौद्ध [[जैन]] दोनों का तीर्थ स्थान है, [[बुद्ध|तथागत]] श्रावस्ती में रहे थे, यहाँ के श्रेष्ठी अनाथपिण्डिक ने भगवान [[गौतम बुद्ध|बुद्ध]] के लिये जेतवन बिहार बनवाया था, आजकल यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर है।
|अन्य विवरण=[[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के गोंडा-बहराइच ज़िलों की सीमा पर यह [[बौद्ध]] तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से 12 मील पश्चिम में आधुनिक सहेत-महेत गांव ही श्रावस्ती है। पहले यह [[कौशल]] देश की दूसरी राजधानी थी, भगवान [[राम]] के पुत्र [[लव कुश|लव]] ने इसे अपनी राजधानी बनाया था, श्रावस्ती बौद्ध [[जैन]] दोनों का तीर्थ स्थान है, [[बुद्ध|तथागत]] श्रावस्ती में रहे थे, यहाँ के श्रेष्ठी अनाथपिण्डिक ने भगवान [[गौतम बुद्ध|बुद्ध]] के लिये जेतवन बिहार बनवाया था, आजकल यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर है।
}}
}}
 
{{चयनित चित्र नोट}}
{{CCL
{{CCL
|Attribution={{Attribution}}
|Attribution={{Attribution}}
पंक्ति 22: पंक्ति 22:
}}
}}
__INDEX__
__INDEX__
{{चयनित चित्र}}

08:18, 16 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण


चित्र जानकारी
विवरण (Description) जेतवन विहार के अवशेष, श्रावस्ती
चित्रांकन (Author) वरुण शिव कपूर
स्रोत (Source) www.flickr.com
उपलब्ध (Available) Jetavan monastery
आभार (Credits) varunshiv's photostream
अन्य विवरण भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के गोंडा-बहराइच ज़िलों की सीमा पर यह बौद्ध तीर्थ स्थान है। गोंडा-बलरामपुर से 12 मील पश्चिम में आधुनिक सहेत-महेत गांव ही श्रावस्ती है। पहले यह कौशल देश की दूसरी राजधानी थी, भगवान राम के पुत्र लव ने इसे अपनी राजधानी बनाया था, श्रावस्ती बौद्ध जैन दोनों का तीर्थ स्थान है, तथागत श्रावस्ती में रहे थे, यहाँ के श्रेष्ठी अनाथपिण्डिक ने भगवान बुद्ध के लिये जेतवन बिहार बनवाया था, आजकल यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर है।



इस चित्र का चयन मुखपृष्ठ के लिए किया गया है। सभी चयनित चित्र देखें

प्रयोग अनुमति

यह चित्र क्रिएटिव कॉमन्स लाइसेंस के अंतर्गत उसके 'उपयोग के अधिकारों' का हनन किए बिना उपयोग किया गया है। कृपया चित्र के उपयोग अधिकार देखे बिना उनका उपयोग न करें। इससे चित्रों से संबधित अधिकारों के उल्लंघन होने की संभावना है।


This file is used under the Creative Commons license.

Attribution Attribution - आपको चित्र के "अधिकार धारक" का उल्लेख उसके निर्देशानुसार करना होगा किन्तु इससे यह प्रतीत नहीं होना चाहिए कि "अधिकार धारक" आपके अपने कार्य का समर्थन कर रहा है। [You must attribute the work in the manner specified by the author or licensor (but not in any way that suggests that they endorse you or your use of the work).]


चित्र का इतिहास

फ़ाइल पुराने समय में कैसी दिखती थी यह जानने के लिए वांछित दिनांक/समय पर क्लिक करें।

दिनांक/समयअंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल)आकारसदस्यटिप्पणी
वर्तमान12:06, 7 अक्टूबर 201112:06, 7 अक्टूबर 2011 के संस्करण का थंबनेल संस्करण2,048 × 1,536 (1.35 MB)फ़िज़ा (वार्ता | योगदान)

यह पृष्ठ इस चित्र का इस्तेमाल करता है:

मेटाडेटा