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||[[चित्र:Surdas.jpg|सूरदास|100px|right]]'सूरसागर' [[सूरदास]] जी का प्रधान एवं महत्त्वपूर्ण [[ग्रन्थ]] है। इसमें प्रथम नौ अध्याय संक्षिप्त है, पर दशम स्कन्ध का बहुत विस्तार हो गया है। इसमें [[भक्ति]] की प्रधानता है। इसके दो प्रसंग '[[कृष्ण]] की बाल-लीला' और 'भ्रमर-गीतसार' अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरसागर]] | ||[[चित्र:Surdas.jpg|सूरदास|100px|right]]'सूरसागर' [[सूरदास]] जी का प्रधान एवं महत्त्वपूर्ण [[ग्रन्थ]] है। इसमें प्रथम नौ अध्याय संक्षिप्त है, पर दशम स्कन्ध का बहुत विस्तार हो गया है। इसमें [[भक्ति]] की प्रधानता है। इसके दो प्रसंग '[[कृष्ण]] की बाल-लीला' और 'भ्रमर-गीतसार' अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सूरसागर]] | ||
{'गागर में सागर' मुहावरे का अर्थ क्या है? | {'गागर में सागर' [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|मुहावरे]] का अर्थ क्या है? | ||
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-गगरी को [[सागर]] में डुबोना | -गगरी को [[सागर]] में डुबोना | ||
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{[[अपभ्रंश]] शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया? | {[[अपभ्रंश]] शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया? | ||
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- | -[[भरतमुनि]] | ||
+[[पतंजलि]] | +[[पतंजलि]] | ||
-[[राजशेखर]] | -[[राजशेखर]] | ||
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-[[हास्य रस]] | -[[हास्य रस]] | ||
-[[करुण रस]] | -[[करुण रस]] | ||
+ | +[[वात्सल्य रस]] | ||
{रीतिकाल का वह कौन-सा कवि है, जो अपनी मात्र एक कृति से [[हिन्दी साहित्य]] में अमर हो गया? | {रीतिकाल का वह कौन-सा कवि है, जो अपनी मात्र एक कृति से [[हिन्दी साहित्य]] में अमर हो गया? |
13:21, 30 अक्टूबर 2011 का अवतरण
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