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||[[चित्र:Jinnah Gandhi.jpg|100px|right|मोहम्मद अली जिन्ना]]मोहम्मद अली जिन्ना ने [[मुस्लिम लीग]] का पुनर्गठन किया और [[महात्मा गाँधी]] द्वारा उन्हें 'क़ायदे आज़म' (महान नेता) के रूप में पुकारा गया। 1940 ई. में उन्होंने धार्मिक आधार पर [[भारत]] के विभाजन तथा मुस्लिम बहुसंख्यक प्रान्तों को मिलाकर [[पाकिस्तान]] बनाने की मांग की। बहुत कुछ उन्हीं की वजह से 1947 ई. में भारत का विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहम्मद अली जिन्ना]] | ||[[चित्र:Jinnah Gandhi.jpg|100px|right|मोहम्मद अली जिन्ना]]मोहम्मद अली जिन्ना ने [[मुस्लिम लीग]] का पुनर्गठन किया और [[महात्मा गाँधी]] द्वारा उन्हें 'क़ायदे आज़म' (महान नेता) के रूप में पुकारा गया। 1940 ई. में उन्होंने धार्मिक आधार पर [[भारत]] के विभाजन तथा मुस्लिम बहुसंख्यक प्रान्तों को मिलाकर [[पाकिस्तान]] बनाने की मांग की। बहुत कुछ उन्हीं की वजह से 1947 ई. में भारत का विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोहम्मद अली जिन्ना]] | ||
{ | {निम्नलिखित में से कौन-सी [[बौद्ध]] रचना [[गीता]] के समान पवित्र मानी जाती है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+[[ | +[[जातक कथा|जातक]] | ||
- | -धम्मपद | ||
- | -पिटक | ||
-[[ | -[[बुद्धचरित]] | ||
{ | {[[सती प्रथा]] का प्रथम उल्लेख कहाँ से मिलता है? | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -भीतरगाँव लेख से | ||
- | -विलसद स्तम्भलेख से | ||
- | +एरण अभिलेख से | ||
-भितरी स्तम्भलेख से | |||
||यह लेख महाराज भानुगुप्त के अमात्य गोपराज के विषय में जो उस स्थान पर भानुगुप्त के साथ सम्भवतः किसी युद्ध में आया था और वीरगति को प्राप्त हुआ था। गोपराज की पत्नी यहाँ सती हो गई थी। इस अभिलेख को एरण का सती अभिलेख भी कहा जाता है। एरण से प्राप्त एक वराह मूर्ति के अभिलेख में हूण शासक तोरमाण और उसके प्रथम वर्ष का उल्लेख है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[एरण अभिलेख से]] | |||
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14:32, 31 अक्टूबर 2011 का अवतरण
इतिहास
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