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-[[पंडित रविशंकर]] | -[[पंडित रविशंकर]] | ||
+[[बिस्मिल्ला | +[[बिस्मिल्ला ख़ाँ]] | ||
-शिवकुमार शर्मा | -शिवकुमार शर्मा | ||
-[[हरिप्रसाद चौरसिया]] | -[[हरिप्रसाद चौरसिया]] | ||
||[[चित्र:Ustad-Bismillah-khan.jpg|बिस्मिल्ला ख़ाँ|100px|right]] [[भारत रत्न]] सम्मानित बिस्मिल्ला ख़ाँ एक प्रख्यात [[शहनाई]] वादक थे। 1969 में एशियाई संगीत सम्मेलन के '''रोस्टम पुरस्कार''' तथा अनेक अन्य पुरस्कारों से सम्मानित बिस्मिल्ला खाँ ने शहनाई को [[भारत]] के बाहर एक पहचान प्रदान किया है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिस्मिल्ला ख़ाँ]] | |||
{मुगल शैली के विश्वप्रसिद्ध चित्र 'बैलगाड़ी' का चित्रण किसने किया है? | {मुगल शैली के विश्वप्रसिद्ध चित्र 'बैलगाड़ी' का चित्रण किसने किया है? | ||
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-दसवंत | -दसवंत | ||
-[[मनोहर]] | -[[मनोहर]] | ||
- | -मंसूर | ||
+अबुल हसन | +अबुल हसन | ||
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-20 | -20 | ||
{महर्षि गौतम का सम्बन्ध किस दर्शन से है? | {[[महर्षि गौतम]] का सम्बन्ध किस [[दर्शन]] से है? | ||
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-[[सांख्य दर्शन]] से | -[[सांख्य दर्शन]] से | ||
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+[[न्याय दर्शन]] से | +[[न्याय दर्शन]] से | ||
-[[वैशेषिक दर्शन]] से | -[[वैशेषिक दर्शन]] से | ||
||यायसूत्र के रचयिता का गोत्र नाम 'गौतम' और व्यक्तिगत नाम 'अक्षपाद' है। न्यायसूत्र पाँच अध्यायों में विभक्त है जिनमें प्रमाणादि षोडश पदार्थों के उद्देश्य, लक्षण तथा परीक्षण किये गये हैं। वात्स्यायन ने न्यायसूत्रों पर विस्तृत भाष्य लिखा लिखा है। इस भाष्य का रचनाकाल विक्रम पूर्व प्रथम शतक माना जाता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[न्याय दर्शन]] | |||
{[[बिहार]] का प्रमुख त्योहार है? | {[[बिहार]] का प्रमुख त्योहार है? | ||
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-[[ओणम]] | -[[ओणम]] | ||
-[[पोंगल]] | -[[पोंगल]] | ||
+[[छठ पूजा|छठ]] | +[[छठ पूजा]] | ||
||[[चित्र:Chhath-Puja-1.jpg|छठ पूजा|100px|right]] [[उत्तराखंड]] का 'उत्तरायण पर्व' हो या [[केरल]] का [[ओणम]], [[कर्नाटक]] की 'रथसप्तमी' हो या [[बिहार]] का छठ पर्व, सभी इसका घोतक हैं कि [[भारत]] मूलत: सूर्य संस्कृति के उपासकों का देश है तथा बारह [[मास|महीनों]] के तीज-त्योहार सूर्य के [[संवत |संवत्सर]] चक्र के अनुसार मनाए जाते हैं। छठ से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं और लोकगाथाओं पर गौर करे तो पता चलता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छठ पूजा]] | |||
{[[अमृतसर]] स्थित स्वर्ण मन्दिर किसने बनाया? | |||
{[[अमृतसर]] स्थित [[स्वर्ण मन्दिर]] किसने बनाया? | |||
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+अर्जुन देव | +अर्जुन देव | ||
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-[[नासिक]] | -[[नासिक]] | ||
-[[उज्जैन]] | -[[उज्जैन]] | ||
||[[चित्र:Nilambag-Palace-Bhavnagar.jpg|निलामबाग़ पैलेस, भावनगर|100px|right]] पर्यटको के लिए यहाँ शत्रुंजय हिल पर स्थित जैन मंदिर पालिताणा और वेलवदर अभ्यारण्य भारतीय ब्लैक बक का प्रसिद्ध घर है। दरबारगढ़ (शाही निवास) नगर के मध्य में स्थित है। भावनगर के शासकों ने मोतीबाग़ और नीलमबाग़ महल को अपना स्थाई निवास बनाया था। भावनगर लगभग दो शताब्दी तक बड़ा बन्दरगाह बना रहा और यहाँ से अफ्रीका, मोजांबिक, जंजीबार, [[सिंगापुर]] और खाड़ी के देशों के साथ व्यापार चलता था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भावनगर]] | |||
{[[सारनाथ]] में किस सम्राट का स्तम्भ है? | {[[सारनाथ]] में किस सम्राट का स्तम्भ है? | ||
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-[[शेरशाह]] | -[[शेरशाह]] | ||
-[[शाहजहाँ]] | -[[शाहजहाँ]] | ||
||[[चित्र:Ashokthegreat1.jpg|अशोक|100px|right]] अशोक के [[सारनाथ]] तथा [[सांची]] के लघु स्तंभ लेख में संघभेद के विरुद्ध यह आदेश जारी किया गया है कि जो भिक्षु या भिक्षुणी संघ में फूट डालने का प्रयास करें उन्हें संघ से बहिष्कृत किया जाए। यह आदेश [[कौशाम्बी]] और [[पाटलिपुत्र]] के महापात्रों को दिया गया है। इससे पता चलता है कि [[बौद्ध धर्म]] का संरक्षक होने के नाते संघ में एकता बनाए रखने के लिए अशोक ने राजसत्ता का उपयोग किया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अशोक]] | |||
{दूरदर्शन का विशेष शिक्षा चैनल है? | {दूरदर्शन का विशेष शिक्षा चैनल है? | ||
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{निम्नलिखित में से किस स्थान पर [[कुम्भ मेला]] का आयोजन नहीं किया जाता है? | |||
{निम्नलिखित में से किस स्थान पर कुम्भ मेला का आयोजन नहीं किया जाता है? | |||
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-[[इलाहाबाद]] | -[[इलाहाबाद]] | ||
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+[[सांख्य दर्शन|सांख्य]] | +[[सांख्य दर्शन|सांख्य]] | ||
-[[योगाचार दर्शन|योग]] | -[[योगाचार दर्शन|योग]] | ||
||[[चित्र:Sankhya-Darshan.jpg|सांख्य दर्शन|100px|right]] सांख्य शब्द की निष्पत्ति संख्या शब्द से हुई है। संख्या शब्द 'ख्या' धातु में सम् उपसर्ग लगाकर व्युत्पन्न किया गया है जिसका अर्थ है 'सम्यक् ख्याति'। संसार में प्राणिमात्र दु:ख से निवृत्ति चाहता है। दु:ख क्यों होता है, इसे किस तरह सदा के लिए दूर किया जा सकता है- ये ही मनुष्य के लिए शाश्वत ज्वलन्त प्रश्न हैं। इन प्रश्नों का उत्तर ढूँढ़ना ही ज्ञान प्राप्त करना है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सांख्य दर्शन|सांख्य]] | |||
{[[कृष्णराज सागर बाँध मैसूर|कृष्णराज सागर]] कहाँ पर स्थित है? | {[[कृष्णराज सागर बाँध मैसूर|कृष्णराज सागर]] कहाँ पर स्थित है? | ||
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+[[मैसूर]] में | +[[मैसूर]] में | ||
-[[हैदराबाद]] में | -[[हैदराबाद]] में | ||
{[[वैशेषिक दर्शन]] के प्रणेता कहे जाते हैं? | {[[वैशेषिक दर्शन]] के प्रणेता कहे जाते हैं? | ||
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+[[कणाद]] | +[[कणाद]] | ||
-[[कपिल]] | -[[कपिल]] | ||
||महर्षि कणाद [[वैशेषिक सूत्र]] के निर्माता, परम्परा से प्रचलित वैशेषिक सिद्धान्तों के क्रमबद्ध संग्रहकर्ता एवं वैशेषिक दर्शन के समुद्भावक माने जाते हैं। वह उलूक, काश्यप, पैलुक आदि नामों से भी प्रख्यात हैं महर्षि के ये सभी नाम साभिप्राय और सकारण हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कणाद]] | |||
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09:34, 11 नवम्बर 2011 का अवतरण
कला और संस्कृति
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