"बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[चित्र:bic_logo.jpg|बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का प्रतीक चिन्ह|thumb|300px]] | [[चित्र:bic_logo.jpg|बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का प्रतीक चिन्ह|thumb|300px]] | ||
ग्रेटर नोएडा ([[उत्तर प्रदेश]]) में [[भारत]] की पहली [[फ़ॉर्मूला वन]] सर्किट पूरी तरह तैयार है। इसे बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) नाम दिया गया है। भारत का प्रथम फॉर्मूला-1 रेस ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट 18 अक्टूबर 2011 को स्थापित किया गया। फ़ॉर्मूला-1 रेस टीम रेड बुल की कार को ट्रैक पर टेस्ट रेस करवा कर इस सर्किट को लांच किया गया। साथ ही भारत की पहली फ़ॉर्मूला-1 रेस इंडियन ग्रांड प्रिक्स का थीम सांग 'हाथों में हाथ दे दो' भी लांच किया गया। इसे [[दलेर मेंहदी]], के.के और [[लकी अली]] ने तैयार किया है। | ग्रेटर नोएडा ([[उत्तर प्रदेश]]) में [[भारत]] की पहली [[फ़ॉर्मूला वन]] सर्किट पूरी तरह तैयार है। इसे बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) नाम दिया गया है। भारत का प्रथम फॉर्मूला-1 रेस ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट 18 अक्टूबर 2011 को स्थापित किया गया। फ़ॉर्मूला-1 रेस टीम रेड बुल की कार को ट्रैक पर टेस्ट रेस करवा कर इस सर्किट को लांच किया गया। साथ ही भारत की पहली फ़ॉर्मूला-1 रेस इंडियन ग्रांड प्रिक्स का थीम सांग 'हाथों में हाथ दे दो' भी लांच किया गया। इसे [[दलेर मेंहदी]], के.के और [[लकी अली]] ने तैयार किया है। | ||
== | ==विशेषता== | ||
बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के 14 स्टेंड्स में कुल एक लाख 20 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। 30 हजार सीटें मुख्य ग्राउंडस्टैंड में है। | * बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के 14 स्टेंड्स में कुल एक लाख 20 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। 30 हजार सीटें मुख्य ग्राउंडस्टैंड में है। | ||
* फॉर्मूला-1 रेस ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट 875 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसके ट्रैक की लंबाई 5.14 किलोमीटर है। इसमें 60 लैप होंगे। | * फॉर्मूला-1 रेस ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट 875 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसके ट्रैक की लंबाई 5.14 किलोमीटर है। इसमें 60 लैप होंगे। | ||
* रेस की कुल लंबाई 308.4 किलोमीटर है। पूरे ट्रैक में 16 मोड़ है और उतार-चढ़ाव वाले स्लोप बनाए गए हैं, जो रेस को रोमांचक बनाएंगे। | * रेस की कुल लंबाई 308.4 किलोमीटर है। पूरे ट्रैक में 16 मोड़ है और उतार-चढ़ाव वाले स्लोप बनाए गए हैं, जो रेस को रोमांचक बनाएंगे। | ||
पंक्ति 9: | पंक्ति 8: | ||
* इस सर्किट का सबसे लम्बा स्ट्रेच 1.4 किलोमीटर का है जो मोड-3 पर आता है। इस स्ट्रेच पर कारों की अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे पहुंच सकती है। | * इस सर्किट का सबसे लम्बा स्ट्रेच 1.4 किलोमीटर का है जो मोड-3 पर आता है। इस स्ट्रेच पर कारों की अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे पहुंच सकती है। | ||
* जर्मनी के मशहूर ट्रैक डिजायनर हर्मन टिल्के ने इसे डिजाइन किया है। इस ट्रैक को दुनिया का सबसे तेज ट्रैक माना जा रहा है। | * जर्मनी के मशहूर ट्रैक डिजायनर हर्मन टिल्के ने इसे डिजाइन किया है। इस ट्रैक को दुनिया का सबसे तेज ट्रैक माना जा रहा है। | ||
* इस एफ वन सर्किट को 400 मिलियन डॉलर (40 करोड़ डॉलर) या 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का स्वामित्व जेपी समूह/ जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड कम्पनी के पास है। | * इस एफ वन सर्किट को 400 मिलियन डॉलर (40 करोड़ डॉलर) या 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का स्वामित्व जेपी समूह / जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड कम्पनी के पास है। | ||
*यहाँ 28 से 30 [[अक्टूबर]], 2011 को भारत की पहली फ़ॉर्मूला-1 रेस 'इंडियन ग्रांड प्रिक्स' आयोजित किया गया। | *यहाँ 28 से 30 [[अक्टूबर]], 2011 को भारत की पहली फ़ॉर्मूला-1 रेस 'इंडियन ग्रांड प्रिक्स' आयोजित किया गया। | ||
==वीथिका== | ==वीथिका== | ||
<gallery> | <gallery> | ||
चित्र:Formula 1. | चित्र:Formula-1.jpg|[[फ़ॉर्मूला वन]] रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट | ||
चित्र:Formula 1-2.JPG|[[फ़ॉर्मूला वन]] रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट | चित्र:Formula 1-2.JPG|[[फ़ॉर्मूला वन]] रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट | ||
चित्र:Formula 1-3.JPG|[[फ़ॉर्मूला वन]] रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट | चित्र:Formula 1-3.JPG|[[फ़ॉर्मूला वन]] रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट |
13:16, 14 नवम्बर 2011 का अवतरण
ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में भारत की पहली फ़ॉर्मूला वन सर्किट पूरी तरह तैयार है। इसे बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट (बीआईसी) नाम दिया गया है। भारत का प्रथम फॉर्मूला-1 रेस ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट 18 अक्टूबर 2011 को स्थापित किया गया। फ़ॉर्मूला-1 रेस टीम रेड बुल की कार को ट्रैक पर टेस्ट रेस करवा कर इस सर्किट को लांच किया गया। साथ ही भारत की पहली फ़ॉर्मूला-1 रेस इंडियन ग्रांड प्रिक्स का थीम सांग 'हाथों में हाथ दे दो' भी लांच किया गया। इसे दलेर मेंहदी, के.के और लकी अली ने तैयार किया है।
विशेषता
- बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट के 14 स्टेंड्स में कुल एक लाख 20 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता है। 30 हजार सीटें मुख्य ग्राउंडस्टैंड में है।
- फॉर्मूला-1 रेस ट्रैक बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट 875 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसके ट्रैक की लंबाई 5.14 किलोमीटर है। इसमें 60 लैप होंगे।
- रेस की कुल लंबाई 308.4 किलोमीटर है। पूरे ट्रैक में 16 मोड़ है और उतार-चढ़ाव वाले स्लोप बनाए गए हैं, जो रेस को रोमांचक बनाएंगे।
- इस सर्किट को चार जोन में विभाजित किया गया है - उत्तर, पश्चिम, पूर्व और दक्षिण।
- इस सर्किट का सबसे लम्बा स्ट्रेच 1.4 किलोमीटर का है जो मोड-3 पर आता है। इस स्ट्रेच पर कारों की अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटे पहुंच सकती है।
- जर्मनी के मशहूर ट्रैक डिजायनर हर्मन टिल्के ने इसे डिजाइन किया है। इस ट्रैक को दुनिया का सबसे तेज ट्रैक माना जा रहा है।
- इस एफ वन सर्किट को 400 मिलियन डॉलर (40 करोड़ डॉलर) या 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट का स्वामित्व जेपी समूह / जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड कम्पनी के पास है।
- यहाँ 28 से 30 अक्टूबर, 2011 को भारत की पहली फ़ॉर्मूला-1 रेस 'इंडियन ग्रांड प्रिक्स' आयोजित किया गया।
वीथिका
-
फ़ॉर्मूला वन रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट
-
फ़ॉर्मूला वन रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट
-
फ़ॉर्मूला वन रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट
-
फ़ॉर्मूला वन रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट
-
फ़ॉर्मूला वन रेस, बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ