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* | *कोरकाई को [[तमिल भाषा|तमिल]] [[ग्रंथ|ग्रंथों]] में 'कोकोऊ' कहा गया है। | ||
*[[संस्कृत]] ग्रंथों में इसे कोरगाह कहा गया है। | *[[संस्कृत]] ग्रंथों में इसे कोरगाह कहा गया है। | ||
*पाण्ड्य नरेशों के समय [[मोती|मोतियों]] और [[शंख|शंखों]] के व्यापार के लिए कोरकाई प्रसिद्ध था। | *पाण्ड्य नरेशों के समय [[मोती|मोतियों]] और [[शंख|शंखों]] के व्यापार के लिए कोरकाई प्रसिद्ध था। | ||
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06:21, 20 नवम्बर 2011 का अवतरण
कोरकाई केरल राज्य के तिरुनेल्वेलि ज़िले में ताम्रपर्णी नदी के तट पर प्राचीन काल में एक समृद्धिशाली बन्दरगाह था।
- कोरकाई पांड्य की प्राचीन राजधानी थी।
- कोरकाई को तमिल ग्रंथों में 'कोकोऊ' कहा गया है।
- संस्कृत ग्रंथों में इसे कोरगाह कहा गया है।
- पाण्ड्य नरेशों के समय मोतियों और शंखों के व्यापार के लिए कोरकाई प्रसिद्ध था।
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