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<div style="padding:3px">[[चित्र:Jain-Temple-Sravasti.jpg|right|botom|100px|प्राचीन जैन मंदिर के अवशेष|link=श्रावस्ती|border]]</div>
<div style="padding:3px">[[चित्र:Jetavan-Monastery-Temple-2.jpg|right|botom|130px|जेतवन मठ, श्रावस्ती|link=श्रावस्ती|border]]</div>
*'''[[श्रावस्ती]]''' न केवल [[बौद्ध]] और [[जैन धर्म|जैन]] धर्मों का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था अपितु यह ब्राह्मण धर्म एवं [[वेद]] विद्या का भी एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।
*'''[[श्रावस्ती]]''' न केवल [[बौद्ध]] और [[जैन धर्म|जैन]] धर्मों का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था अपितु यह ब्राह्मण धर्म एवं [[वेद]] विद्या का भी एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।
*[[बुद्ध]] के जीवन काल में श्रावस्ती [[कौशल महाजनपद|कोशल देश]] की राजधानी थी। एक बौद्ध [[ग्रन्थ]] के अनुसार वहाँ 57 हज़ार कुल रहते थे और कोसल-नरेशों की आमदनी सबसे ज़्यादा इसी नगर से हुआ करती थी।  
*[[बुद्ध]] के जीवन काल में श्रावस्ती [[कौशल महाजनपद|कोशल देश]] की राजधानी थी। एक बौद्ध [[ग्रन्थ]] के अनुसार वहाँ 57 हज़ार कुल रहते थे और कोसल-नरेशों की आमदनी सबसे ज़्यादा इसी नगर से हुआ करती थी।  

07:13, 26 नवम्बर 2011 का अवतरण

विशेष आलेख
जेतवन मठ, श्रावस्ती
जेतवन मठ, श्रावस्ती
  • श्रावस्ती न केवल बौद्ध और जैन धर्मों का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था अपितु यह ब्राह्मण धर्म एवं वेद विद्या का भी एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।
  • बुद्ध के जीवन काल में श्रावस्ती कोशल देश की राजधानी थी। एक बौद्ध ग्रन्थ के अनुसार वहाँ 57 हज़ार कुल रहते थे और कोसल-नरेशों की आमदनी सबसे ज़्यादा इसी नगर से हुआ करती थी।
  • गौतम बुद्ध के समय में भारत के 6 बड़े नगरों में श्रावस्ती की गणना हुआ करती थी। ... और पढ़ें

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