प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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+[[वीर रस]] | +[[वीर रस]] | ||
-श्रृंगार रस | -श्रृंगार रस | ||
||वीर रस की | ||भक्तिकाल एवं रीतिकाल में परिस्थितियों के परिवर्तन के कारण वीर रस की धारा सूखती-सी प्रतीत होती है। तथापि, [[केशवदास|केशव]] का ‘वीरसिंहदेव चरित’, मान का ‘राजविलास’, [[भूषण]] का ‘शिवराजभूषण’, लाल का ‘छत्रप्रकाश’ इत्यादि ग्रन्थों में वीर रस का प्रवाह प्रवहमान है। ‘[[रामचरितमानस]]’ यों तो शान्त रस-प्रधान रचना है तो भी [[राम]] - [[रावण]] युद्ध के प्रसंग में प्रचुर वीर रस की निष्पत्ति हुई है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[वीर रस]] | ||
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-पलायनवादी | -पलायनवादी | ||
-भाग्यवादी | -भाग्यवादी | ||
{[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] किस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है? | {[[ज्ञानपीठ पुरस्कार]] किस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है? | ||
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-समाज सेवा | -समाज सेवा | ||
+[[साहित्य]] | +[[साहित्य]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबंध काव्य है? | {निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबंध काव्य है? | ||
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-एक कंठ विषपायी | -एक कंठ विषपायी | ||
-बिहारी रत्नाकर | -बिहारी रत्नाकर | ||
{ज्ञानमार्गी शाखा के कवियों को किस नाम से पुकारा जाता है? | {ज्ञानमार्गी शाखा के कवियों को किस नाम से पुकारा जाता है? | ||
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-भक्त कवि | -भक्त कवि | ||
+संत कवि | +संत कवि | ||
{'कठिन काव्य का प्रेत' किस [[कवि]] को कहा जाता हैं? | {'कठिन काव्य का प्रेत' किस [[कवि]] को कहा जाता हैं? | ||
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-[[मतिराम]] को | -[[मतिराम]] को | ||
+[[केशवदास]] को | +[[केशवदास]] को | ||
||[[चित्र:Keshavdas.jpg|right|100px| | ||[[चित्र:Keshavdas.jpg|right|100px|right]]केशव 'कठिन काव्य के प्रेत' कहे जाते हैं। भाव और रस कवित्व की आत्मा है। केशव ने केवल शरीर का श्रृंगार किया है, आत्मा की हृदयहीनता से उपेक्षा की है। वह अपने रचना-चमत्कार द्वारा श्रोता और पाठकों को चमत्कृत करने के प्रयास में रहे हैं। केवल मानसिक व्यायाम में रुचि लेने वाले पाठक ही उनके काव्य का आनन्द उठाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[केशवदास]] | ||
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-[[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] | -[[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]] | ||
-स्वतंत्र ध्वनि | -स्वतंत्र ध्वनि | ||
{[[हिन्दी भाषा]] में वे [[ध्वनि|ध्वनियाँ]] कौन सी हैं, जो दूसरी ध्वनियों की सहायता से बोली या लिखी जाती हैं? | {[[हिन्दी भाषा]] में वे [[ध्वनि|ध्वनियाँ]] कौन सी हैं, जो दूसरी ध्वनियों की सहायता से बोली या लिखी जाती हैं? | ||
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-वर्ण | -वर्ण | ||
-[[अक्षर]] | -[[अक्षर]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सी पुस्तक '[[रामचन्द्र शुक्ल]]' द्वारा लिखी गई है? | {निम्नलिखित में से कौन-सी पुस्तक '[[रामचन्द्र शुक्ल]]' द्वारा लिखी गई है? | ||
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-यमगाथा | -यमगाथा | ||
-निबन्ध संग्रह | -निबन्ध संग्रह | ||
+हिन्दी साहित्य | +हिन्दी साहित्य का इतिहास | ||
-कविता के प्रतिमान | -कविता के प्रतिमान | ||
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-ई | -ई | ||
-अ | -अ | ||
{'रसोईघर' में कौनसा समास है? | {'रसोईघर' में कौनसा समास है? | ||
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-द्वन्द्व | -द्वन्द्व | ||
-अव्ययीभाव | -अव्ययीभाव | ||
{'[[रामचरितमानस]]' किस [[भाषा]] में लिखा गया है? | {'[[रामचरितमानस]]' किस [[भाषा]] में लिखा गया है? | ||
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+[[श्लेष अलंकार|श्लेष]] | +[[श्लेष अलंकार|श्लेष]] | ||
-[[उत्प्रेक्षा अलंकार|उत्प्रेक्षा]] | -[[उत्प्रेक्षा अलंकार|उत्प्रेक्षा]] | ||
||जिस जगह पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो, जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ निलकते हो, वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[श्लेष अलंकार|श्लेष]] | ||जिस जगह पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो, जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ निलकते हो, वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[श्लेष अलंकार|श्लेष]] | ||
{आदिकाल में किस [[कवि]] ने अवहट्ट भाषा में रचना की? | {आदिकाल में किस [[कवि]] ने अवहट्ट भाषा में रचना की? | ||
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-[[मृगावती]] | -[[मृगावती]] | ||
+[[रामचरित मानस]] | +[[रामचरित मानस]] | ||
||[[चित्र:Tulsidas-Ramacharitamanasa.jpg|right|100px| | ||[[चित्र:Tulsidas-Ramacharitamanasa.jpg|right|100px|रामचरितमानस' [[तुलसीदास]] की सबसे प्रमुख कृति है। इसकी रचना संवत 1631 ई. की [[रामनवमी]] को [[अयोध्या]] में प्रारम्भ हुई थी किन्तु इसका कुछ अंश [[काशी]] (वाराणसी) में भी निर्मित हुआ था, यह इसके [[किष्किन्धा काण्ड वा. रा.|किष्किन्धा काण्ड]] के प्रारम्भ में आने वाले एक [[सोरठा|सोरठे]] से निकलती है, उसमें काशी सेवन का उल्लेख है। इसकी समाप्ति संवत 1633 ई. की मार्गशीर्ष, शुक्ल 5, रविवार को हुई थी किन्तु उक्त तिथि गणना से शुद्ध नहीं ठहरती, इसलिए विश्वसनीय नहीं कही जा सकती। यह रचना [[अवधी भाषा|अवधी बोली]] में लिखी गयी है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामचरित मानस]] | ||
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08:42, 30 नवम्बर 2011 का अवतरण
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