"अरुण यह मधुमय देश हमारा -जयशंकर प्रसाद": अवतरणों में अंतर
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अरुण यह मधुमय देश हमारा। | अरुण यह मधुमय देश हमारा। | ||
जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक | जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा॥ | ||
सरल तामरस गर्भ विभा पर, नाच रही तरुशिखा मनोहर। | सरल तामरस गर्भ विभा पर, नाच रही तरुशिखा मनोहर। | ||
छिटका जीवन हरियाली पर, मंगल कुंकुम | छिटका जीवन हरियाली पर, मंगल कुंकुम सारा॥ | ||
लघु सुरधनु से पंख पसारे, शीतल मलय समीर सहारे। | लघु सुरधनु से पंख पसारे, शीतल मलय समीर सहारे। | ||
उड़ते खग जिस ओर मुँह किए, समझ नीड़ निज | उड़ते खग जिस ओर मुँह किए, समझ नीड़ निज प्यारा॥ | ||
बरसाती आँखों के बादल, बनते जहाँ भरे करुणा जल। | बरसाती आँखों के बादल, बनते जहाँ भरे करुणा जल। | ||
लहरें टकरातीं अनन्त की, पाकर जहाँ | लहरें टकरातीं अनन्त की, पाकर जहाँ किनारा॥ | ||
हेम कुम्भ ले उषा सवेरे, भरती ढुलकाती सुख मेरे। | हेम कुम्भ ले उषा सवेरे, भरती ढुलकाती सुख मेरे। | ||
मंदिर ऊँघते रहते जब, जगकर रजनी भर | मंदिर ऊँघते रहते जब, जगकर रजनी भर तारा॥ | ||
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07:02, 14 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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अरुण यह मधुमय देश हमारा। |
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