"ग्रेट मुग़ल हीरा": अवतरणों में अंतर
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भारत के सबसे बड़ा और सबसे अधिक वजन वाला हीरे की बात करें तो नाम आता है ग्रेट मुग़ल का । गोलकुंडा की खान से 1650 में जब यह हीरा निकला तो इसका वजन 787 (800) कैरेट था। यानी कोहिनूर से | भारत के सबसे बड़ा और सबसे अधिक वजन वाला हीरे की बात करें तो नाम आता है ग्रेट मुग़ल का । गोलकुंडा की खान से 1650 में जब यह हीरा निकला तो इसका वजन 787 (800) कैरेट था। यानी कोहिनूर से क़रीब छह गुना भारी। कहा तो यह भी जाता है कि कोहिनूर भी ग्रेट मुगल का ही एक अंश है। इसकी तुलना इरानियन क्राउन में जड़े बेशकीमती दरिया-ए-नूर हीरे से भी की जाती है। 1665 में फ्रांस के जवाहरातों के व्यापारी ने इसे अपने समय का सबसे बड़ा रोजकट हीरा बताया था और इस हीरे को अदभुत और दुर्लभ बताया था। इस हीरे को भी नादिर शाह ने भारत से लुटा था। अंतिम जानकारी तक नादिरशाह के खजाने की शान यह हीरा आज समय की खराद पर घिसकर 280 कैरेट का हो चूका था। फ़िलहाल यह हीरा आज कहां है किसी को पता नहीं। | ||
11:35, 20 दिसम्बर 2011 का अवतरण
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भारत के सबसे बड़ा और सबसे अधिक वजन वाला हीरे की बात करें तो नाम आता है ग्रेट मुग़ल का । गोलकुंडा की खान से 1650 में जब यह हीरा निकला तो इसका वजन 787 (800) कैरेट था। यानी कोहिनूर से क़रीब छह गुना भारी। कहा तो यह भी जाता है कि कोहिनूर भी ग्रेट मुगल का ही एक अंश है। इसकी तुलना इरानियन क्राउन में जड़े बेशकीमती दरिया-ए-नूर हीरे से भी की जाती है। 1665 में फ्रांस के जवाहरातों के व्यापारी ने इसे अपने समय का सबसे बड़ा रोजकट हीरा बताया था और इस हीरे को अदभुत और दुर्लभ बताया था। इस हीरे को भी नादिर शाह ने भारत से लुटा था। अंतिम जानकारी तक नादिरशाह के खजाने की शान यह हीरा आज समय की खराद पर घिसकर 280 कैरेट का हो चूका था। फ़िलहाल यह हीरा आज कहां है किसी को पता नहीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ