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*कालांतर में करतोया को अपवित्र माना जाने लगा था और इसे [[कर्मनाशा नदी|कर्मनाशा]] के समान ही दूषित सभझा जाता था। यथा 'कर्मनाश नदी स्पर्शात् करतोया विलंधनात् गंडकी बाहुतरणादधर्म: स्खलति कीर्तनात्' आनंद रामायण यात्राकांड।<ref>आनंद रामायण यात्राकांड 9,3</ref> जान पड़ता है कि [[बिहार]] और बंगाल में बौद्धमता वलंबियों का आधिक्य होने के कारण इन प्रदेशों तथा इनकी नदियों को, पौराणिक काल में अपवित्र माना जाने लगा था। | *कालांतर में करतोया को अपवित्र माना जाने लगा था और इसे [[कर्मनाशा नदी|कर्मनाशा]] के समान ही दूषित सभझा जाता था। यथा 'कर्मनाश नदी स्पर्शात् करतोया विलंधनात् गंडकी बाहुतरणादधर्म: स्खलति कीर्तनात्' आनंद रामायण यात्राकांड।<ref>आनंद रामायण यात्राकांड 9,3</ref> जान पड़ता है कि [[बिहार]] और बंगाल में बौद्धमता वलंबियों का आधिक्य होने के कारण इन प्रदेशों तथा इनकी नदियों को, पौराणिक काल में अपवित्र माना जाने लगा था। | ||
06:06, 6 जनवरी 2012 का अवतरण
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- करतोया नदी ज़िला बोगरा, बंगाल की एक नदी।
- करतोया नदी गंगा और ब्रह्मपुत्र की मिली-जुली धारा पद्मा नदी में मिलती है।
- करतोया नदी का उल्लेख महाभारत में इस प्रकार है:-
'करतोया समासाद्य त्रिरात्रोपोषितो नर:
अश्वमेधमवाप्नोति प्रजापतिकृतोविधि।[1]
- करतोया का नाम अमरकोश[2] में भी है-'करतोया सदानीरा बाहुदा सैतवाहिनी' जिससे संभवत: सदानीरा एवं करतोया एक ही प्रतीत होती हैं।
- कालांतर में करतोया को अपवित्र माना जाने लगा था और इसे कर्मनाशा के समान ही दूषित सभझा जाता था। यथा 'कर्मनाश नदी स्पर्शात् करतोया विलंधनात् गंडकी बाहुतरणादधर्म: स्खलति कीर्तनात्' आनंद रामायण यात्राकांड।[3] जान पड़ता है कि बिहार और बंगाल में बौद्धमता वलंबियों का आधिक्य होने के कारण इन प्रदेशों तथा इनकी नदियों को, पौराणिक काल में अपवित्र माना जाने लगा था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वन पर्व महाभारत.85,3
- ↑ अमरकोश 1,10,33
- ↑ आनंद रामायण यात्राकांड 9,3
बाहरी कड़ियाँ
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