"रॉक गार्डन चंडीगढ़": अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) छो (श्रेणी:भारत के पर्यटन स्थल (को हटा दिया गया हैं।)) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 15: | पंक्ति 15: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{चण्डीगढ़ के पर्यटन स्थल}} | |||
[[Category:चण्डीगढ़]] | [[Category:चण्डीगढ़]] | ||
[[Category:चण्डीगढ़ के पर्यटन स्थल]] | |||
[[Category:पर्यटन_कोश]] | [[Category:पर्यटन_कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
11:16, 6 जनवरी 2012 का अवतरण
चंडीगढ़ के सेक्टर एक में मौजूद रॉक गार्डन एक व्यक्ति के एकल प्रयास का अनुपम और उत्कृष्ट नमूना है, जो दुनिया भर में अपने अनूठे उपक्रम के लिए बहुत सराहा गया है। रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद एक कर्मचारी थे जो दिन भर साइकिल पर बेकार पड़ी ट्यूब लाइट्स, टूटी-फूटी चूडियों, प्लेट, चीनी के कप, फ्लश की सीट, बोतल के ढक्कन व किसी भी बेकार फेंकी गई वस्तुओं को बीनते रहते और उन्हें यहाँ सेक्टर एक में इकट्ठा करते रहते। धीरे-धीरे फुर्सत के क्षणों में लोगों द्वारा फेंकी गई फ़ालतू चीज़ों से ही उन्होंने ऐसी उत्कृष्ट आकृतियों का निर्माण किया कि देखने वाले दंग रह गए। नेकचंद के रॉक गार्डन की कीर्ति अब देश-विदेश के कलाप्रेमियों के दिलों में घर कर चुकी है।
सर्दियों में घूमने का आनंद
उल्लेखनीय है कि रॉक गार्डन अब तक केवल शाम पांच बजे तक ही खुलता है। ठंड के दिनों में अंधेरा जल्दी होने के कारण टिकटों की बिक्री पांच बजे से पहले ही रुक जाती है। गर्मियों के दिनों में भी बेशक यहाँ पर्यटक आते हैं, लेकिन गार्डन की दीवारों से निकलने वाली उमस और धूप के कारण उनका सारा मजा किरकिरा हो जाता है। यही वजह है कि अधिकांश पर्यटक यहाँ सर्दियों के दिनों में ही आना पसंद करते हैं।[1]
औद्योगिक और शहरी कचरे का प्रयोग
रॉक गार्डन को बनवाने में औद्योगिक और शहरी कचरे का इस्तेमाल किया गया है। पर्यटक यहाँ की मूर्तियों, मंदिरों, महलों आदि को देखकर अचरज में पड़ जातें हैं। हर साल इस गार्डन को देखने हजारों पर्यटक आते हैं। गार्डन में झरनों और जलकुंड के अलावा ओपन एयर थियेटर भी देखा जा सकता, जहाँ अनेक प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती रहती हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अब रात को भी निहार सकेंगे रॉक गार्डन (हिन्दी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 13 सितम्बर, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख