"ऐ वतन ऐ वतन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} {{Poemopen}} <poem> तू ना रोना, कि तू है भगत सिंह की मा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
{| class="bharattable-pink" align="right"
|+ संक्षिप्त परिचय
|-
|
* फ़िल्म : शहीद (1965)
* संगीतकार : प्रेम धवन
* गायक : [[मोहम्मद रफ़ी]]
* गीतकार: प्रेम धवन
|}
{{Poemopen}}
{{Poemopen}}
<poem>
<poem>
तू ना रोना, कि तू है भगत सिंह की माँ
मर के भी लाल तेरा मरेगा नहीं
डोली चढ़के तो लाते है दुल्हन सभी
हँसके हर कोई फाँसी चढ़ेगा नहीं
जलते भी गये कहते भी गये  
जलते भी गये कहते भी गये  
आज़ादी के परवाने  
आज़ादी के परवाने  
पंक्ति 21: पंक्ति 24:
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम  
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम  
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे  
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे  
ऐ वतन ऐ वतन
ऐ वतन ऐ वतन...


कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से  
कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से  
पंक्ति 29: पंक्ति 32:
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है  
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है  
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे  
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे  
ऐ वतन ऐ वतन ...
ऐ वतन ऐ वतन...


तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
पंक्ति 37: पंक्ति 40:
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...
</poem>
</poem>
{{Poemclose}}
{{Poemclose}}


* फिल्म : शहीद
* संगीतकार :
* गायक : 
* रचनाकार : प्रेम धवन




{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>


==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
 
*[http://www.youtube.com/watch?v=rRiGLNLZ-2I ऐ वतन ऐ वतन (यू-ट्यूब)]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{देश भक्ति गीत}}
[[Category:नया पन्ना दिसंबर-2011]]
[[Category:फ़िल्मी गीत]]
 
[[Category:देश भक्ति गीत]]
[[Category:संगीत]]
[[Category:संगीत कोश]]
[[Category:सिनेमा]]
[[Category:सिनेमा कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:देश_भक्ति_गीत]]
__NOTOC__

09:11, 7 जनवरी 2012 का अवतरण

संक्षिप्त परिचय
  • फ़िल्म : शहीद (1965)
  • संगीतकार : प्रेम धवन
  • गायक : मोहम्मद रफ़ी
  • गीतकार: प्रेम धवन

जलते भी गये कहते भी गये
आज़ादी के परवाने
जीना तो उसी का जीना है
जो मरना देश पर जाने

जब शहीदों की डोली उठे धूम से
देशवालों तुम आँसू बहाना नहीं
पर मनाओ जब आज़ाद भारत का दिन
उस घड़ी तुम हमें भूल जाना नहीं

ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी क़सम
तेरी राहों में जां तक लुटा जायेंगे
फूल क्या चीज़ है तेरे कदमों पे हम
भेंट अपने सरों की चढ़ा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...

कोई पंजाब से, कोई महाराष्ट्र से
कोई यूपी से है, कोई बंगाल से
तेरी पूजा की थाली में लाये हैं हम
फूल हर रंग के, आज हर डाल से
नाम कुछ भी सही पर लगन एक है
जोत से जोत दिल की जगा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...

तेरी जानिब उठी जो कहर की नज़र
उस नज़र को झुका के ही दम लेंगे हम
तेरी धरती पे है जो कदम ग़ैर का
उस कदम का निशां तक मिटा देंगे हम
जो भी दीवार आयेगी अब सामने
ठोकरों से उसे हम गिरा जायेंगे
ऐ वतन ऐ वतन...


टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख