"राकेश शर्मा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('राकेश शर्मा एक ऐसे प्रथम भारतीय हैं, जिन्हें अंतरिक...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
राकेश शर्मा एक ऐसे प्रथम भारतीय हैं, जिन्हें अंतरिक्ष यान में उड़ने और पृथ्वी का चक्कर लगाने का अवसर मिला। ये विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री हैं।  
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
|चित्र=Rakesh Sharma.jpg
|चित्र का नाम=राकेश शर्मा
|पूरा नाम=राकेश शर्मा
|अन्य नाम=
|जन्म= 13 जनवरी 1949
|जन्म भूमि=[[पटियाला]] ([[पंजाब]])
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|अविभावक=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|गुरु=
|कर्म भूमि=
|कर्म-क्षेत्र=अंतरिक्ष यात्री
|मुख्य रचनाएँ=
|विषय=
|खोज=
|भाषा=
|शिक्षा=
|विद्यालय=
|पुरस्कार-उपाधि=[[अशोक चक्र]]
|प्रसिद्धि=[[भारत]] के प्रथम अंतरिक्ष यात्री
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=भारतीय  
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|शीर्षक 3=
|पाठ 3=
|शीर्षक 4=
|पाठ 4=
|शीर्षक 5=
|पाठ 5=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
राकेश शर्मा भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री हैं। राकेश शर्मा को अंतरिक्ष यान में उड़ने और पृथ्वी का चक्कर लगाने का अवसर [[अप्रैल]] 1984 में मिला। ये विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री हैं।  
==जन्म और शिक्षा==  
==जन्म और शिक्षा==  
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को [[पटियाला]] ([[पंजाब]]) में हुआ था। सैनिक शिक्षा उन्होंने [[हैदराबाद]] में ली। फिर उनका चयन अंतरिक्ष में उड़ान के लिए हो गया।
राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को [[पटियाला]] ([[पंजाब]]) में हुआ था। सैनिक शिक्षा उन्होंने [[हैदराबाद]] में ली। फिर उनका चयन अंतरिक्ष में उड़ान के लिए हो गया।
==अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण==  
==अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण==  
अंतरिक्ष उड़ान के लिए उन्होंने गहन प्रशिक्षण लिया। [[भारत]] और [[रूस]] के बीच दोनों देशों के अंतरिक्ष यात्रियों की संयुक्त उड़ान की योजना बनी। इस प्रकार 1984 के [[अप्रैल]] मास में रूसी अंतरिक्ष यान सोयूज-11 में राकेश शर्मा भी अंतरिक्ष की उड़ान पर रवाना हुए। उनके साथ दो रूसी अंतरिक्ष यात्री भी थे। ये लोग सात दिन तक पृथ्वी का चक्कर लगाते रहे। राकेश जब अंतरिक्ष यात्रा से भारत लौटकर आये थे तो [[इंदिरा गाँधी]] ने पूछा था कि हमारा भारत अंतरिक्ष से कैसा लगता है तब राकेश ने जवाब दिया था -'सारे जहाँ से अच्छा। हिन्दुस्तान हमारा'
अंतरिक्ष उड़ान के लिए उन्होंने गहन प्रशिक्षण लिया। [[भारत]] और [[रूस]] के बीच दोनों देशों के अंतरिक्ष यात्रियों की संयुक्त उड़ान की योजना बनी। इस प्रकार 1984 के [[अप्रैल]] मास में रूसी अंतरिक्ष यान सोयूज-11 में राकेश शर्मा भी अंतरिक्ष की उड़ान पर रवाना हुए। उनके साथ दो रूसी अंतरिक्ष यात्री भी थे। ये लोग सात दिन तक पृथ्वी का चक्कर लगाते रहे। राकेश जब अंतरिक्ष यात्रा से भारत लौटकर आये थे तो [[इंदिरा गाँधी]] ने पूछा था कि हमारा भारत अंतरिक्ष से कैसा लगता है तब राकेश ने जवाब दिया था -'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा'
==पुरस्कार==
==सम्मान==
भारत सरकार द्वारा उन्हें [[अशोक चक्र]] से सम्मानित किया गया था।  
भारत सरकार द्वारा उन्हें [[अशोक चक्र]] से सम्मानित किया गया था।  




{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
पंक्ति 16: पंक्ति 56:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==


[[Category:नया पन्ना दिसंबर-2011]]
[[Category:अंतरिक्ष यात्री]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]]  


__INDEX__
__INDEX__

09:55, 7 जनवरी 2012 का अवतरण

राकेश शर्मा
राकेश शर्मा
राकेश शर्मा
पूरा नाम राकेश शर्मा
जन्म 13 जनवरी 1949
जन्म भूमि पटियाला (पंजाब)
कर्म-क्षेत्र अंतरिक्ष यात्री
पुरस्कार-उपाधि अशोक चक्र
प्रसिद्धि भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री
नागरिकता भारतीय

राकेश शर्मा भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री हैं। राकेश शर्मा को अंतरिक्ष यान में उड़ने और पृथ्वी का चक्कर लगाने का अवसर अप्रैल 1984 में मिला। ये विश्व के 138वें अंतरिक्ष यात्री हैं।

जन्म और शिक्षा

राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पटियाला (पंजाब) में हुआ था। सैनिक शिक्षा उन्होंने हैदराबाद में ली। फिर उनका चयन अंतरिक्ष में उड़ान के लिए हो गया।

अंतरिक्ष उड़ान प्रशिक्षण

अंतरिक्ष उड़ान के लिए उन्होंने गहन प्रशिक्षण लिया। भारत और रूस के बीच दोनों देशों के अंतरिक्ष यात्रियों की संयुक्त उड़ान की योजना बनी। इस प्रकार 1984 के अप्रैल मास में रूसी अंतरिक्ष यान सोयूज-11 में राकेश शर्मा भी अंतरिक्ष की उड़ान पर रवाना हुए। उनके साथ दो रूसी अंतरिक्ष यात्री भी थे। ये लोग सात दिन तक पृथ्वी का चक्कर लगाते रहे। राकेश जब अंतरिक्ष यात्रा से भारत लौटकर आये थे तो इंदिरा गाँधी ने पूछा था कि हमारा भारत अंतरिक्ष से कैसा लगता है तब राकेश ने जवाब दिया था -'सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा'

सम्मान

भारत सरकार द्वारा उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख