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'''बैलाडिला पर्वत श्रृंखला''' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[दन्तेवाड़ा ज़िला|दन्तेवाड़ा ज़िले]] में स्थित है। | |||
*बैलाडिला पर्वत श्रृंखला में उच्च गुणवत्ता के लौह अयस्क की 14 खदानें हैं जो बैलाड़िला की पहचान बन चुकी हैं। | |||
*बैलाडिला पर्वत श्रृंखला का आकार बैल के कूबड़ के समान है। इसी कारण इसका नाम बैलाडिला रखा गया है। | |||
*यहाँ पाई जाने वाली खदानें इसकी अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाती हैं। इसलिए सरकार ने पूर क्षेत्र को दो औद्योगिक क्षेत्रों में विभाजित कर दिया है। | |||
*इन क्षेत्रों के नाम बचेली और किरनडुल हैं। | |||
*दंतेवाड़ा से बचेली 29 किमी और किरनडुल 41 किमी की दूरी पर स्थित है। | |||
*बैलाडिला की खदानें पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी आकाश नगर पर स्थित हैं। | |||
*इसकी यात्रा पर जाने से पहले राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की अनुमति लेनी पड़ती है। | |||
*आकाश नगर की यात्रा के दौरान पर्यटक नीली रेत देख सकते हैं। | |||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
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11:15, 12 जनवरी 2012 का अवतरण
बैलाडिला पर्वत श्रृंखला छत्तीसगढ़ राज्य के दन्तेवाड़ा ज़िले में स्थित है।
- बैलाडिला पर्वत श्रृंखला में उच्च गुणवत्ता के लौह अयस्क की 14 खदानें हैं जो बैलाड़िला की पहचान बन चुकी हैं।
- बैलाडिला पर्वत श्रृंखला का आकार बैल के कूबड़ के समान है। इसी कारण इसका नाम बैलाडिला रखा गया है।
- यहाँ पाई जाने वाली खदानें इसकी अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाती हैं। इसलिए सरकार ने पूर क्षेत्र को दो औद्योगिक क्षेत्रों में विभाजित कर दिया है।
- इन क्षेत्रों के नाम बचेली और किरनडुल हैं।
- दंतेवाड़ा से बचेली 29 किमी और किरनडुल 41 किमी की दूरी पर स्थित है।
- बैलाडिला की खदानें पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी आकाश नगर पर स्थित हैं।
- इसकी यात्रा पर जाने से पहले राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की अनुमति लेनी पड़ती है।
- आकाश नगर की यात्रा के दौरान पर्यटक नीली रेत देख सकते हैं।
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