"सुंगधा शक्तिपीठ": अवतरणों में अंतर

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07:49, 14 फ़रवरी 2012 का अवतरण

हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। सुंगधा, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है।

  • बरीसाल से 21 किलोमीटर उत्तर में शिकारपुर ग्राम में सुंगधा (सुनंदा) नदी के तट पर स्थित उग्रतारा देवी का मंदिर ही शक्तिपीठ माना जाता है।
  • यह शक्तिपीठ बांग्लादेश में है।
  • इस स्थान पर सती की "नासिका" (नाक) का निपात हुआ था।
  • यहाँ की देवी सुनंदा हैं तथ शिव 'त्र्यम्बक' हैं।
  • खुलना से स्टीमर से बरीसाल पहुँचा जाता है तथा वहाँ से सड़क मार्ग से शिकारपुर ग्राम पहँचा जा सकता है।


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