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*'''[[सूर्य मंदिर कोणार्क|कोणार्क के सूर्य मंदिर]]''' को [[गंग वंश]] के राजा नरसिम्हा देव प्रथम ने लगभग 1278 ई. में बनाया था।  
*'''[[सूर्य मंदिर कोणार्क|कोणार्क के सूर्य मंदिर]]''' को [[गंग वंश]] के राजा नरसिम्हा देव प्रथम ने लगभग 1278 ई. में बनाया था।  
* कहा जाता है कि ये मंदिर अपनी पूर्व निर्धारित अभिकल्पना के आधार पर नहीं बनाया जा सका। मंदिर के भारी गुंबद के हिसाब से इसकी नींव नहीं बनी थी।  
* कहा जाता है कि ये मंदिर अपनी पूर्व निर्धारित अभिकल्पना के आधार पर नहीं बनाया जा सका। मंदिर के भारी गुंबद के हिसाब से इसकी नींव नहीं बनी थी।  
* यहाँ के स्थानीय लोगों की मानें तो ये गुम्बद मंदिर का हिस्सा था पर इसकी चुम्बकीय शक्ति की वजह से जब समुद्री पोत दुर्घटनाग्रस्त होने लगे, तब ये गुम्बद हटाया गया। शायद इसी वज़ह से इस मंदिर को 'ब्लैक पैगोडा' भी कहा जाता है। [[सूर्य मंदिर कोणार्क|... और पढ़ें]]
* यहाँ के स्थानीय लोगों की मानें तो ये गुम्बद मंदिर का हिस्सा था पर इसकी चुम्बकीय शक्ति की वजह से जब समुद्री पोत दुर्घटनाग्रस्त होने लगे, तब ये गुम्बद हटाया गया। शायद इसी वजह से इस मंदिर को 'ब्लैक पैगोडा' भी कहा जाता है। [[सूर्य मंदिर कोणार्क|... और पढ़ें]]
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10:34, 28 फ़रवरी 2012 का अवतरण

एक पर्यटन स्थल
सूर्य मंदिर कोणार्क
सूर्य मंदिर कोणार्क
  • कोणार्क के सूर्य मंदिर को गंग वंश के राजा नरसिम्हा देव प्रथम ने लगभग 1278 ई. में बनाया था।
  • कहा जाता है कि ये मंदिर अपनी पूर्व निर्धारित अभिकल्पना के आधार पर नहीं बनाया जा सका। मंदिर के भारी गुंबद के हिसाब से इसकी नींव नहीं बनी थी।
  • यहाँ के स्थानीय लोगों की मानें तो ये गुम्बद मंदिर का हिस्सा था पर इसकी चुम्बकीय शक्ति की वजह से जब समुद्री पोत दुर्घटनाग्रस्त होने लगे, तब ये गुम्बद हटाया गया। शायद इसी वजह से इस मंदिर को 'ब्लैक पैगोडा' भी कहा जाता है। ... और पढ़ें

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