"दूध का कर्ज़ मंदिर वाराणसी": अवतरणों में अंतर

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*उसने अपनी मां से कहा मैंने तेरे लिए मंदिर बनवाकर तेरा कर्ज़ चुका दिया। तब उसकी मां ने कहा कि दूध का कर्ज़ कभी चुकाया नहीं जा सकता।  
*उसने अपनी मां से कहा मैंने तेरे लिए मंदिर बनवाकर तेरा कर्ज़ चुका दिया। तब उसकी मां ने कहा कि दूध का कर्ज़ कभी चुकाया नहीं जा सकता।  
*उसी दिन से इस मंदिर का नाम दूध का कर्ज़ मंदिर पड़ गया।
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10:52, 16 मार्च 2012 का अवतरण

वाराणसी वाराणसी पर्यटन वाराणसी ज़िला
  • वाराणसी में 'दूध का कर्ज' मंदिर प्रसिद्ध मंदिर है।
  • पर्यटकों को वाराणसी में यह मंदिर जरूर देखना चाहिए।
  • लोक कथाओं के अनुसार एक अमीर घमण्‍डी पुत्र ने इस मंदिर को बनवाया और इसे अपनी मां को समर्पित कर दिया।
  • उसने अपनी मां से कहा मैंने तेरे लिए मंदिर बनवाकर तेरा कर्ज़ चुका दिया। तब उसकी मां ने कहा कि दूध का कर्ज़ कभी चुकाया नहीं जा सकता।
  • उसी दिन से इस मंदिर का नाम दूध का कर्ज़ मंदिर पड़ गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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