"दश शील बौद्ध निकाय": अवतरणों में अंतर
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अष्टाङ्ग शील के 7वें शील को दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है, इस तरह 8वें के स्थान पर 9 हो जाते हैं तथा उसमें स्वर्ण, चाँदी आदि का ग्रहण न करना एक शील को और जोड़ दिया जाता है, इस तरह कुल 10 शील हो जाते हैं। | अष्टाङ्ग शील के 7वें शील को दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है, इस तरह 8वें के स्थान पर 9 हो जाते हैं तथा उसमें स्वर्ण, चाँदी आदि का ग्रहण न करना एक शील को और जोड़ दिया जाता है, इस तरह कुल 10 शील हो जाते हैं। | ||
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10:21, 28 मई 2010 का अवतरण
बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में दश शील की यह परिभाषा है:-
अष्टाङ्ग शील के 7वें शील को दो भागों में विभक्त कर दिया जाता है, इस तरह 8वें के स्थान पर 9 हो जाते हैं तथा उसमें स्वर्ण, चाँदी आदि का ग्रहण न करना एक शील को और जोड़ दिया जाता है, इस तरह कुल 10 शील हो जाते हैं।